Published - 05 Sep 2020 by Tractor Junction
आजकल जो भी युवा कृषि क्षेत्र से जुड़ रहे हैं उनका रूझान मशरूम की खेती की ओर अधिक है। कई किसान तो मशरूम की खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। मशरूम की खेती की खास बात यह है कि यह कम जगह में की जा सकती है। इसे आप एक कमरे में भी शुरू कर सकते हैं। वहीं बाजार व बड़ी-बड़ी होटलों में इसकी मांग भी बढऩे लगी है जिससे इसके दाम भी अच्छे मिलते हैं। सरकार की ओर भी मशरूम की खेती ( Mushroom Cultivation Farming ) को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
इसी के साथ कई विश्वविद्यालय व निजी संस्थान इसकी खेती का प्रशिक्षण भी देते हैं। इसके लिए समय-समय पर सरकार की ओर से शिविर लगाकर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाती है। लेकिन अभी कोविड-19 की वजह से शिविर लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसलिए इसके प्रशिक्षण की ऑनलाइन प्रशिक्षण व्यवस्था की गई है। इससे आप घर बैठे इसका ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर इसकी खेती से लेकर विपणन तक की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र 3 दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है। इसमें जिसमें मशरूम की खेती संबंधी पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा बाजार में इसकी बिक्री करने संबंधी प्रक्रिया की भी जानकारी दी जाएगी।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र की ओर से 9 से 11 सितंबर तक 3 दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण सितंबर में 3 दिन के लिए आयोजित किया जा रहा है। अगर लोगों का अच्छा रिस्पोंस मिला तो इसे और आगे तक बढ़ाया जा सकता है। इस तरह अधिक से अधिक लोग मशरूम की खेती की जानकारी ले पाएंगे।
बटन मशरूम - इसकी खेती कम तापमान वाले क्षेत्रों और सर्दियों में की जाती है, लेकिन आप सालभर ग्रीन हाउस तकनीक से इसको हर जगह उगा सकते हैं। इसकी खेती के लिए सरकार बी प्रचार-प्रसार कर प्रोत्साहित कर रही है।
ढिगरी पुआल मशरूम (ऑयस्टर मशरुम)- ढिंगरी मशरूम में अन्य मशरूमों से ज्यादा औषधीय गुण होते हैं। इसकी खेती करना असान और ज्यादा खर्चीला भी नहीं है। इसकी ज्यादातर मांग दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता जैसे बड़े शहरों में ज्यादा है।
दूधिया मशरूम - गर्मी के मौसम में दूधिया मशरूम की खेती की जाती है। दूधिया मशरूम के कवक जाल फैलाव के लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस और नमी 80 से 90 प्रतिशत होनी चाहिए।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन गूगल मीट पर किया जाएगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आप 5 सितंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा इस संबंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप कैलाश सिंह कुशवाहा, संयुक्त निदेशक, मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप मोबाइल नंबर 8475008884 पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
मशरूम कम्पोस्ट
मशरूम यह मिट्टी को समृद्ध करता है और पौधों के स्वस्थ विकास के लिए पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है। मशरूम की खाद मिट्टी की जल-धारण क्षमता को भी बढ़ाती है, जिससे आपकी पानी की जरूरत कम हो जाती है। मशरूम खाद अधिकांश उद्यान पौधों के लिए उपयुक्त है।
मशरूम उत्पादन तकनीक
विश्वविद्यालय की ओर से दिए जा रहे प्रशिक्षण में मशरूम उत्पादन तकनीक की विधियों के अलावा सफल मशरूम उत्पादन प्रक्षेत्र का भ्रमण भी कराया जाता है।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।