Published - 02 Mar 2021
रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को लेकर राज्य सरकारों की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गईं हैं। इस बार राज्य सरकारें किसानों से रबी फसलों की अधिक से अधिक खरीद करने के मूड में है ताकि किसानों को लाभ मिल सके। इसके लिए राज्य स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। इस वर्ष जहां मध्यप्रदेश में किसानों से गेहूं, चना, सरसों एवं मसूर 4 प्रमुख रबी फसलें खरीदी जाएंगी। वहीं हरियाणा सरकार इस रबी सीजन की 6 फसलें किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदेगी।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रबी फसलों की खरीद को लेकर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार फसल खरीद सीजन को लेकर पूरी तरह तैयार है और पहली बार जौ की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाएगा। राज्य में आगामी सीजन में पहली बार छह फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी, जिनमें गेहूं, सरसों, धान व सूरजमुखी के साथ-साथ चना एवं जौ शामिल हैं।
केंद्र सरकार की ओर हर साल बुआई के पूर्व ही फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित कर दिए जाते हैं। इस वर्ष भी केंद्र सरकार ने रबी सीजन की मुख्य 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिए हैं जो इस प्रकार है-
गेहूं-1975 रुपए प्रति क्विंटल
जौ- 1600 रुपए प्रति क्विंटल
चना- 5100 रुपए प्रति क्विंटल
मसूर- 5100 रुपए प्रति क्विंटल
रेपसीड एवं सरसों- 4650 रुपए प्रति क्विंटल
कुसुम- 5327 रुपए प्रति क्विंटल।
जो किसान यह 6 फसलें समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं उन किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के अभाव में किसानों से फसल नहीं खरीदी जाएगी। हरियाणा के किसान ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रबी फसलों (गेहूं, सरसों, जौ, सूरजमुखी, चना एवं धान) के पंजीकरण करवा सकते हैं। बता दें कि इस वर्ष पंजीकरण के लिए ‘परिवार पहचान-पत्र’का होना अनिवार्य कर दिया है। किसानों अपने कृषि उत्पादों को मंडियों में बेचने एवं कृषि या बागवानी विभाग से संबंधित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपनी फसलों का पंजीकरण ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in में करवा सकते है। यह पंजीकरण कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी किया जा सकता है।
इस बार राज्य की कृषि उपज मंडियों में किसानों की फसल खरीद के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे किसानों को जल्द भुगतान किया जा सके। इसके लिए सरकार ने 48 घंटे में किसानों के खातों में फसल का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत फसल बिक्री की राशि किसानों के खाते में राशि डाली जाएगी। नियमानुसार जैसे ही आढ़ती किसानों का जे-फॉर्म काटेगा, उसके 48 घंटे के अंदर किसानों को फसल बिक्री की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।
रबी विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 21 लाख 6 हजार किसानों ने ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया है जो कि विगत वर्ष की तुलना में एक लाख 59 हजार अधिक है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह और सहकारिता मंत्री डॉ. अरविन्द भदौरिया ने अधिकारियों के साथ रबी उपज की समीक्षा की।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार श्री सिंह ने बताया कि इस वर्ष 125 लाख मेट्रिक टन गेहूं, 20 लाख मेट्रिक टन दलहन और तिलहन के भंडारण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है अनाज के भंडारण, परिवहन, बारदाना और वित्तीय व्यवस्था की तैयारी विभाग द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि दलहन एवं तिलहन का उपार्जन प्राथमिकता से गोदाम स्तरीय केन्द्रों पर किया जाएगा, जिससे शीघ्र परिवहन एवं भंडारण कराया जा सके।
सहकारिता डॉ. अरविंद भदौरिया ने कहा कि पंजीकृत किसानों से 15 मई तक उपार्जन पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। डॉ. भदौरिया ने निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों की संख्या पूर्ववत रहेगी। उपार्जन केन्द्रों की संख्या में कमी नहीं की जाएगी। समिति को किसी कारणवश बंद करना पड़ा तो उसकी जगह एसएचजी, एफपीयू, एफपीसी द्वारा गेहूं उपार्जन कराया जाएगा।
प्रमुख सचिव खाद्य फैज़ अहमद किदवई ने मीडिया को बताया कि किसान पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केंद्रों पर किया जा रहा है। इसके अलावा गिरदावरी किसान एप, कॉमन सर्विस सेंटर, कियोस्क पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पिछले वर्ष 45 लाख 7 हजार हेक्टेयर रकबा गेहूं के लिए पंजीकृत हुआ था। इस वर्ष अभी तक 42 लाख 87 हजार हेक्टेयर रकबा पंजीकृत हो चुका है।
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