Published - 30 Jan 2021
किसान आंदोलन के बीच किसानों के लिए एक खुश खबर आई है। अब किसानों को चना, मसूर और सरसों की फसल बेचने के लिए इंतजार नहीं करना होगा। सरकार गेहूं के साथ ही चना, मसूर और सरसों की फसल की समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी। पहले ऐसा होता था कि गेहूं की फसल की न्यूनतम मूल्य की खरीद के बाद किसानों से इन फसलों की खरीद की जाती थी जिससे किसानों को काफी समय तक अपनी चना, मसूर और सरसों की फसल को रोके रखना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा। मीडिया में प्रकाशित समाचारों के आधार पर मध्यप्रदेश शासन ने राज्य के किसानों के लिए ये निर्णय लिया है ताकि यहां के किसानों को फायदा पहुंच सके। अब यहां सरकार गेहूं के साथ ही चना, मसूर और सरसों भी खरीदेगी। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि इस साल गेहूं के साथ ही चना, मसूर और सरसों भी खरीदी जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए एक फरवरी से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा। उसके बाद खरीददारी 15 मार्च से की जाएगी। पटेल ने कहा अब किसानों को दलहन की फसल मंडी में बेचने के लिए गेहूं की खरीद बंद होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पुरानी व्यवस्था को बदल दिया गया है। इससे किसानों को फायदा और सुविधा होगी। उन्हें दलहन फसलों का वाजिब दाम सही समय पर मिल जाएगा।
मंडियों के निजीकरण और एमएसपी के सवाल पर कृषि मंत्री श्री कमल पटेल का कहना है कि मंडिया का निजीकरण नहीं किया जाएगा और न ही एमएसपी पर खरीद बंद होगी। ये पहले की तरह जारी रहेगी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि एमएसपी को लेकर किसी तरीके का भ्रम नहीं है। समर्थन मूल्य पर प्रदेश सरकार किसान के अनाज की खरीददारी करेगी। इसके अलावा मंडियों का किसी भी तरह से निजीकरण नहीं होगा। मंडियों में किसानों से अनाज खरीदा जाएगा। समर्थन मूल्य पर ही सरकार अनाज खरीदेगी।
मध्यप्रदेश में किसानों के उपयोग में आने वाले डीजल पर वैट कम करने के सवाल पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा इस पर सरकार विचार कर रही है। किसानों को सस्ता डीजल मिले। इस पर विचार हो रहा है। जैसे-जैसे प्रदेश के खजाने में राहत मिलेगी सरकार किसानों को भी राहत देगी।
मध्यप्रदेश में किसानों की फसल के रजिस्ट्रेशन के लिए एमपी- ई- उपार्जन-2021 पोर्टल आरंभ किया गया है। इसके माध्यम से राज्य सरकार मध्यप्रदेश के जो किसान समर्थन मूल्य पर फसल सरकार को बेचना चाहते हैं वह इस पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं। राज्य के वह सभी इच्छुक किसान जो सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य पर अपनी फसल बेचना चाहते हैं उन्हें इस पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी होगा।
आपको बता दें कि जैसे कि पिछली बार एमपी ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन की गई थी। इस बार भी पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन ही की जाएगी। लेकिन इस बार पंजीकरण प्रक्रिया में कुछ बदलाव आए हैं। पिछले वर्ष एमपी ई उपार्जन ऑनलाइन पंजीकरण केवल कृषि उपज मंडी के माध्यम से होता था जिसकी वजह से बहुत से किसानों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन इस वर्ष मध्य प्रदेश सरकार ने सभी किसानों को घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से इस ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने की सुविधा उपलब्ध करा दी है।
एमपी-ई उपार्जन पोर्टल पर किसानों को रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपनी समग्र आईडी, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट पासबुक, ऋण पुस्तिका, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
यदि आप एमपी ई उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण करना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए सबसे पहले आपको एमपी ई उपार्जन पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहां आपके सामने होम पेज खुल कर आएगा। इस होम पेज पर आपको रबी 2021 -2022 का विकल्प दिखाई देगा। आपको इस विकल्प पर क्लिक करना होगा। विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने अगला पेज खुल जाएगा। जिसमें एमपी-ई- उपार्जन रजिस्ट्रेशन पर आपको किसान पंजीयन /आवेदन सर्च का विकल्प दिखाई देगा।
आपको किसान पंजीयन विकल्प पर क्लिक करना होगा। विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने अगला पेज खुल जाएगा। इस पेज पर आपको एक फॉर्म दिखाई देगा आपको इस फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी जैसे किसान का नाम, मोबाइल नंबर ,समग्र आईडी आदि सभी जानकारी भरनी होगी। इसके बाद आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा। इस प्रकार आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा।
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