Published - 29 Dec 2020
केंद्र सरकार की ओर से किसानों, पशुपालकों सहित मछली पालकों के लिए कई लाभकारी योजनाओं की शुरुआत की गई है। केंद्र सरकार के किसानों की आय को दोगुना करने के उद्देश्य को लेकर चलाई जा रहीं इन योजनाओं का फायदा किसानों, पशुपालकों व मछली पालकों को मिल रहा है। लेकिन कई ग्रामीण ऐसे भी जिन्हें इन योजनाओं की सही जानकारी नहीं होने से वे इन लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने से वंचित रह जाते हैं। ट्रैक्टर जंक्शन समय-समय पर किसानों को ऐसी लाभकारी योजनाओं की जानकारी देता रहता है ताकि वे इसका लाभ उठा सके। इसी क्रम में आज हम मत्स्य संपदा योजना की जानकारी दे रहे हैं। इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मछली पालन क्षेत्र की सबसे बड़ी योजना मत्स्य संपदा योजना की शुरू की है। मत्स्य संपदा योजना की उप योजनाओं के तहत लाभार्थी को अनुदान दिया जाता है। हाल ही में इस योजना के तहत उत्तरप्रदेश सरकार ने आवेदन मांगे हैं। इस योजना के तहत मछलीपालकों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 है। इच्छुक व्यक्ति आनलाइन आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रेक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1
मत्स्य संपदा योजना में मछुआरों, किसानों, युवा, महिला, उद्यमी, आदि सभी को शामिल किया जाएगा। योजना के तहत हैचरियां, पुन: संचारी जल कृषि प्रणाली, बायोफ्लॉक, एक्वापोनिक्स, समुद्री और जलाशय पिंजरा कृषि, क्षारीय और लवणीय क्षेत्रों में जल कृषि का विकास, सजावटी मत्सिकी, शैवाल खेती, शीत श्रृंखला, मार्केटिंग और ब्रांडिंग, बाजार श्रृंखला मूल्य संवर्धन, स्टार्टअप, प्रमाणन आदि गतिविधियां शामिल है।
उत्तरप्रदेश के मत्स्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। योजना का क्रियान्वयन क्षेत्रीय स्तर पर समूह आधारित (क्लस्टर बेस्ड) किया जाएगा। अत: योजना के संचालन हेतु प्रत्येक जनपद में पर्याप्त जल संसाधन वाले विकास खंडों का प्रथम चरण में यथासंभव चयन किया जाएगा। चयनित विकास खंडों में कुल लक्ष्य का 70 प्रतिशत एवं शेष 30 प्रतिशत जनपद के अन्य विकासखंडों में परियोजनायें संचालित की जाएगी। आवश्यकता अनुसार लक्ष्य से अधिक प्रस्ताव राजकीय सहायता प्राप्त करने हेतु दिए जा सकते हैं। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए बजट की सीमा तक लाभार्थियों को सहायता प्रदान की जाएगी।
मत्स्य संपदा योजना के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए यह व्यक्ति/समूह कर सकते हैं। आवेदन प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत मछुआ, मत्स्य पालक, मछली बेचने वाले, स्वयं सहायता समूह, मत्स्य उधमी, निजी फर्म, फिश फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन / कम्पनीज, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला आदि लाभार्थीपरक परियोजनाओं हेतु आवेदन कर सकते हैं।
योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान ( सब्सिडी )
मत्स्य सम्पदा योजना के तहत दिया जाने वाला अनुदान एवं पूंजी योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आवेदकों को अलग-अलग सब्सिडी दी जा रही है। योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के व्यक्तियों को कुल इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला लाभार्थियों को 60 प्रतिशत अनुदान धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से दी जाएगी। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों को 60 प्रतिशत अंश एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला लाभार्थियों को 40 प्रतिशत अंश स्ववित्तपोषण से अथवा बैंक ऋण लेकर लाभार्थी अंश के रूप में वहन करना होगा। लाभार्थियों को देय अनुदान की धनराशि दो अथवा तीन किस्तों में उपलब्ध कराई जाएगी।
मत्स्य संपदा योजना के तहत कई उपयोजनाएं संचालित है। इनके लिए आवेदन किया जा सकता है। इनमें मत्स्य बीज हैचरी निर्माण जिसमें 25 लाख रुपए की लागत आती है। बायोफ्लॉक निर्माण संवर्धन प्रथम वर्ष निवेश सहित 14 लाख रुपए, बायोफ्लॉक निर्माण संवर्धन प्रथम वर्ष निवेश सहित/ सैलाइन/ एल्कालाइन क्षेत्र में 18 लाख रुपए, रियारिंग यूनिट पर तालाब निर्माण 7 लाख रुपए, निजी भूमि पर तालाब निर्माण मत्स्य पालन 7 लाख रुपए, प्रथम वर्ष निवेश मेजर कॉर्प 4 लाख रुपए, पंगेशियास प्रथम वर्ष निवेश/ तिलपिया 4 लाख रुपए, निजी भूमि पर तालाब निर्माण (खारा जल) 8 लाख रुपए, प्रथम वर्ष निवेश खारा जल/ बेकिस वाटर 6 लाख रुपए, मत्स्य फिंगरलिंग जलाशय 3 रुपए, प्रति मत्स्य फिंगरलिंग वेटलैंड 3 रुपए, प्रति बैकयार्ड सजावटी मछली रियारिंग यूनिट 3 लाख रुपए, मनोरंजन हेतु मछलियों को प्रोत्साहन 50 लाख रुपए, वृहद री- सर्कुलेटरी सिस्टम 50 लाख रुपए, मध्याकार री- सर्कुलेटरी सिस्टम 25 लाख रुपए, लघु री- सर्कुलेटरी सिस्टम 7.50 लाख रुपए, बैकयार्ड री- सर्कुलेटरी सिस्टम 0.50 लाख रुपए, केज संवर्धन 3 लाख रुपए, पेन संवर्धन 3 लाख रुपए, इंसुलेटेड रेफ्रीजरेटिव वें 20 लाख रुपए, जिंदा मछली विक्रय केंद्र 20 लाख रुपए, मोटर साइकिल विथ आइस बॉक्स 75 हजार रुपए, साइकिल विथ आइस बॉक्स 10 हजार रुपए, थ्री व्हीलर विथ आइस बॉक्स 3 लाख रुपए, लघु मत्स्य आहार मिल ( 2 टन प्रति दिन क्षमता) 30 लाख रुपए, मध्यकार मत्स्य आहार मिल (8 टन प्रति दिन क्षमता) 1 करोड़ रुपए, वृहद मत्स्य आहार मिल (20 टन प्रति दिन क्षमता) 2 करोड़ रुपए, वृहद मत्स्य आहार प्लांट (100 टन प्रति दिन क्षमता) 6 करोड़ 50 लाख रुपए, मोबाइल लैब/क्लिनिक 35 लाख रुपए, कियोस्क निर्माण 10 लाख रुपए, शीत गृह/ आइस प्लांट निर्माण (10 टन क्षमता) 40 लाख रुपए, शीत गृह/ आइस प्लांट निर्माण (20 टन क्षमता) 80 लाख रुपए, शीत गृह/ आइस प्लांट निर्माण (30 टन क्षमता) 1 करोड़ 20 लाख रुपए, शीत गृह/ आइस प्लांट निर्माण (50 टन क्षमता) 1 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत आती है।
बता दें कि इन योजनाओं में सब्सिडी का निर्धारण योजना की लागत के हिसाब से होता है इसलिए यहां हमने प्रत्येक उपयोजना की लागत बताई है। इसी लागत मूल्य पर ही आपको सब्सिडी मिलती है।
मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेश के अंतर्गत प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मत्स्य विकास की विभिन्न उप योजनाएं संचालित की गई हैं जिनमें लाभार्थी परक योजनाओं के अंतर्गत शासकीय अनुदान प्राप्त करने हेतु विभागीय पोर्टल http://fymis.upsdc.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन दिनांक 31.12.2020 तक आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन प्रस्तुतकर्ता उक्त विभागीय पोर्टल पर स्वयं अथवा जनसेवा सूचना केंद्र के माध्यम से पोर्टल पर अपना आवेदन कर सकते हैं।
विशेष - हालांकि योजना के संबंध में पूरी जानकारी देने का प्रयास किया गया है। अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के मत्स्य विभाग से संपर्क करें और योजना की गाइडलाइन के अवलोकन के लिए मत्स्य विभागीय पोर्टल एवं विभागीय वेबसाइट http://fisheries.upsdc.gov.in/hi-in/ जाएं।
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