कृषि मेला 2024 शुरू, बिना ड्राइवर के चलने वाले ट्रैक्टर और ड्रोन ने बनाया खास

Share Product प्रकाशित - 15 Nov 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

कृषि मेला 2024 शुरू, बिना ड्राइवर के चलने वाले ट्रैक्टर और ड्रोन ने बनाया खास

मेले में होगा कृषि उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन, जानें, मेले के मुख्य आकर्षण

Agricultural Fair 2024: कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से कृषि मेला 2024 (Agricultural Fair 2024) का आगाज हो गया है। 14 नवंबर को बेंगलुरु में शुरू हुए इस मेले में चालक रहित ट्रैक्टर (Tractor) और ड्रोन (Drone) प्रमुख आकर्षण बना रहा। इसी के साथ मेले में नए कृषि उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा ताकि किसानों को इसके बारे में जानकारी हो सके जिससे वे खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल करके उसे उन्नत बना सके।

जानकारी के मुताबिक कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय की ओर से कृषि मेला- 2024 गुरुवार को गांधी कृषि विज्ञान केंद्र (जीकेवीके) परिसर, बेंगलुरु में शुरू हुआ। इसमें प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें नवीनतम कृषि उत्पादों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया और खेती में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

चालक रहित ट्रैक्टर और ड्रोन रहा प्रमुख आकर्षण का केंद्र

मेले में मुख्य आकर्षण एक चालक रहित ट्रैक्टर रहा जो स्वचालित बूम स्प्रेयर (Automatic Boom Sprayer) से लैस था। अन्य प्रभावशाली नवाचारों में नारियल की कटाई करने वाला ड्रोन और कृषि बॉट शामिल रहे। इस बॉट (एक तरह का रोबोट) को जुताई, मूंगफली की बुवाई (Sowing of Groundnut), खाद डालना और यहां तक कि मल्टीस्पेक्ट्रल ड्रोन (Multispectral Drone) के माध्यम से फसल का स्वास्थ्य आकलन जैसे कार्यों के लिए दूर से नियंत्रित किया जा सकता है।

डिजिटल खेती तकनीकों का किया प्रदर्शन

मेले में एनएसपी बीज पोर्टल (NSP Seed Portal), उर्वरक कैलकुलेटर ऐप (Fertilizer Calculator App) और क्रायजेन एग्री ऐप जैसी अन्य डिजिटल खेती (Digital Farming) तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया। मेले में सटीक खेती (Precision Farming) के लिए भी उपकरण शामिल किए गए हैं जिसमें मिट्टी परीक्षण किट, अर्का शाइन, सटीक सिंचाई प्रणाली और अन्य मशीनें शामिल की गई हैं जो खेती की दक्षता और स्थिरता बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा पर काम करती हैं।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के समाधान के लिए टिकाऊ खेती पर जोर

मेले में जलवायु स्मार्ट डिजिटल कृषि थीम पर विचार व्यक्त किए गए जिसमें जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए टिकाऊ खेती के महत्व पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्ति में विधायक एसआर विश्वनाथ और बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय के डॉ. विष्णुवर्धन रहे जिन्होंने किसानों की आय में बढ़ाने को लेकर एकीकृत खेती, फसल बीमा और मूल्यवर्धित उत्पादों पर चर्चा की। इसमें कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा युवाओं को खेती में रुचि लेने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा इसमें इस बात पर भी चर्चा की गई कि नवाचार किस तरह किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकते हैं।

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कृषि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को किया सम्मानित

मेले में आयोजित कार्यक्रम के तहत कर्नाटक के उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया गया और कृषि क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों और योगदान को सराहा गया। यह कृषि मेला 2024 किसानों को नवीनतम कृषि तकनीक और खेती की टिकाऊ पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगा।  

यूपी में पहली बार कृषि भारत 2024 मेले का आयोजन

इधर यूपी में पहली बार कृषि भारत 2024 मेले का आयोजन 15 से 18 नवंबर तक किया जा रहा है। इस मेले में किसानों को कृषि और पशुपालन क्षेत्र में नई तकनीकों को बढ़ावा देने के साथ ही उत्पादन को बढ़ाने के बारे में जानकारी मिलेगी। इस चार दिवसीय मेले का आगाज हो गया है। इस मेले में प्रदेशभर के करीब एक लाख किसानों के भाग लेने का अनुमान है। मेले में कृषि उद्योग से जुड़े देश और दुनिया के 200 एग्जीबिटर्स अपने उत्पादों और तकनीक की प्रदर्शनियां लगाएंगे।

महिंद्रा, आयशर सहित 200 कंपनियां होगी शामिल

सीआईआई की प्रतिनिधि स्मिता अग्रवाल के अनुसार इस मेले में दुनियाभर की 200 से अधिक कंपनियां शामिल होंगी जिसमें महिंद्रा, आयशर, सोनालीका व एस्कॉर्ट आदि बड़ी कंपनियां शामिल हैं। यह कंपनियां अपनी तकनीकों और उपकरणों का प्रदर्शन करेंगी। मेले के दौरान 11 तकनीकी सत्र और 8 किसान गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा जिसमें विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा करेंगे।

मेले में पराली प्रबंधन पर रहेगा विशेष जोर

कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग के अनुसार मेले में पराली प्रबंधन (Stubble Management) पर विशेष रूप से जोर दिया जाएगा। सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रों पर सब्सिडी (Subsidy on Agricultural Equipment) दी जा रही है, इसके बावजूद किसान इसका पूरी तरीके से लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान किसानों को फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) के माध्यम से आधुनिक कृषि यंत्रों व उपकरणों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

मेले में किसानों दी जाएगी यह जानकारी

प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र के अनुसार मेले का मुख्य उद्देश्य किसानों को कृषि की उन्नत तकनीकों से अवगत कराना है ताकि वे इसका इस्तेमाल खेती में करके अपनी आय को बढ़ा सके। इस चार दिवसीय कार्यक्रम में पशुपालन (Animal Husbandry), मत्स्य पालन (Fisheries), बायो टेक्नोलॉजी (Biotechnology) व सिंचाई (Irrigation) की नई तकनीकों को भी शामिल किया गया है। इसके जरिये किसानों को आधुनिक खेती (Modern Farming) के तरीकों के साथ ही सरकारी योजनाओं और उसके तहत मिलने वाले अनुदान की जानकारी दी जाएगी। मेला कार्यक्रम में नीदरलैंड्स को पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल किया गया है। मेले में नीदरलैंड्स के आए विशेषज्ञ और सप्लायर्स द्वारा अपने आधुनिक कृषि यंत्रों (Modern Agricultural Machinery) और तकनीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम में खेती में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा।

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