Published - 07 May 2022 by Tractor Junction
मुर्गी पालन आज एक मोटे मुनाफे वाले बिजनेस के रूप में उभर रहा है। यदि इसे सही तरीके से व्यवसायिक रूप में अपनाया जाए तो इससे काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। ग्रामीण इलाकों में काफी किसान मुर्गी पालन करते हैं। वहीं शहरों में लोग इस बिजनेस से काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं। मुर्गी पालन व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को मौसम के हिसाब से मुर्गियों की देखभाल और आहार का ख्याल रखना चाहिए। विशेषकर गर्मियों में तो मुर्गियों की देखभाल और आहार पर विशेष ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। क्योंकि गर्मियों के मौसम में मुर्गियों में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। गर्मियों में उचित देखभाल और आहार नहीं मिल पाने से कई मुर्गियां असमय ही दम तोड़ देती हैं जिससे मुर्गी पालकों को नुकसान उठाना पड़ता है। मुर्गी पालन सिर्फ अंडे के लिए नहीं किया जाता है, इसके चिकन की भी बाजार में काफी मांग रहती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको मुर्गियों की देखभाल और आहार के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार गर्मियों में मुर्गियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनके अंडे देने की क्षमता कम होने लगती है। इतना ही नहीं गर्मियोंं में मुर्गियों की मृत्यु दर भी बढ़ जाती है। वहीं आहार कम खाने से अंडा उत्पादन कम होने लगता है और इनका आकार भी छोटा हो जाता है। अंडों के ऊपर का आवरण भी कमजोर व पतला हो जाता है जिससे मुर्गी पालक को काफी हानि होती है। बता दें कि मुर्गीशाला का बाहरी तापमान 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने पर मुर्गियों को बहुत परेशनी होती है। इस स्थिति को हीट स्ट्रोक कहते हैं। इसमें मुर्गियां चोंच खेालकर हॉफती है कमजोर हो जाती है, लडखड़ाने लगती है एवं लकवा होने से मर जाती है।
गर्मी के मौसम में मुर्गियां कम दाना खाती है। उनकी भूख कम हो जाती है। इसलिए इस मौसम में मुर्गियों को आहार देते समय इस बात का ध्यान रखें कि इनके आहार में प्रोटीन, विटामिन व मिनरल की मात्रा अधिक हो ताकि कम खाने पर भी मुर्गी को सभी आवश्यक तत्व प्राप्त हो सके जिससे वह स्वस्थ रहे। वहीं अंडों का छिलका पतला होने से बचाने के लिए आहार में कैल्सियम की मात्रा बढ़ा दें। इसके लिए दाने में ऑस्टो कैल्शियम लिक्विड पानी में दिया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार मुर्गियां ठंडे समय में दाना खाना पसंद करती है। इसलिए दिन की रोशनी के अलावा बिजली की रोशनी सुबह के ठंडे मौसम में ज्यादा दें ताकि मुर्गियां आहार का पूर्ण उपयोग कर सके। इस तापक्रम पर मुर्गियों की खुराक व अंडा उत्पादन की दर अधिक होती है। इससे अधिक तापमान होने से मुर्गियां कम खाती है और कम ही अंडे दे पाती है जिससे मुर्गीपालक को हानि होती है। इसलिए मुर्गियों के आहार के समय का भी ध्यान रखना चाहिए।
गर्मियों में मुर्गियों में पानी की खपत दुगुनी हो जाती है। इसके लिए मुर्गी घर में हर समय स्वच्छ एवं शीतल जल व्यवस्था जरूर रखनी चाहिए। वहीं पानी का बर्तन प्लास्टिक या जस्ते का नहीं रखें। इसके स्थान पर मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि अधिक समय तक पानी इसमें ठंडा रहे। गर्मी में मुर्गी के बिछावन (लीटर) की मोटाई 2 इंच से अधिक नहीं हो। यदि लीटर पुराना हो गया हो तो उसे हटाकर नया लीटर काम में लें। ऐसा करने से मुर्गियों में संक्रमण फैलने की गुंजाइश कम होगी।
चूजों की अपेक्षा व्यवस्क मुर्गियों में हीट स्ट्रोक की समस्या अधिक होती है। जबकि चूजे 42 डिग्री तक तापमान सह सकते हैं लेकिन मुर्गी इस तापमान को नहीं सह सकती है और यही कारण हैं कि हीट स्ट्रोक की समस्या के कारण ही मुर्गियां परेशान हो जाती है और बीमार होकर दम तोड़ देती है। इससे बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं जो इस प्रकार से हैं-
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।