Published - 16 Dec 2020 by Tractor Junction
कीवी एक विदेशी फल है जिसने अपने स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण लोगों के खान-पान में जगह बना ली है। कीवी में भरपूर मात्रा में विटामिल सी, विटामिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर, सोडियम और एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसमें संतरे के मुकाबले कई गुना ज्यादा विटामिन सी पाई जाती है। इस वजह से कीवी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ कई बीमारियों में फायदेमंद है। बाजार में अच्छे दाम पर बिकने के बावजूद कीवी में मौजूद गुणों की वजह से देश और दुनिया में इसकी बहुत ज्यादा मांग है। इसकी बढ़ती डिमांड के कारण इसकी बागवानी प्रचलत तेजी से बढ़ रहा है। आईए जानते हैं कीवी की खेती/ कीवी की बागवानी के बारे में।
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मूलत: कीवी को चीन का फल माना जाता है। इसलिए इसे चाइनीज गूजबैरी कहा जाता है। भारत में कीवी की बढ़ती मांग को देखते हुए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तरप्रदेश, जम्मूकश्मीर, सिक्किम, अरूणाचलप्रदेश और मेघालय जैसे राज्यों में इसकी बागवानी बहुत बड़े स्तर पर हो रही है। कमाई के हिसाब से यह फल सेब से भी ज्यादा आमदनी देने वाला है। विदेशों में कीवी की खेती न्यूजीलैंड, इटली, अमेरिका, चीन, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, चिली और स्पेन में व्यापक रूप से की जाती है।
कीवी की खेती के लिए जनवरी का महीना सबसे अच्छा होता है। कीवी के लिए खेती के लिए ऐसे क्षेत्र उपयुक्त होते हैं जिनकी समुद्र तल से ऊंचाई 1000 से 2000 मीटर के बीच हो और वहां की जलवायु हल्की उपोष्ण और हल्की शीतोष्ठ हो। सालभर में करीब 150 सेमी की औसत बारिश होनी चाहिए। सर्दियों में तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए। कीवी की बागवानी के लिए अच्छी जल निकासी वाली, गहरी, उपजाऊ, बलुई रेतीली दोमट मिट्टी उचित रहती है। जिसका पीएच मान 5.0 से 6.0 के बीच होना चाहिए। कीवी की कलम लगाने के लिए बालू, सड़ी खाद, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा और कोयले का चूरा 2:2:1:1 के अनुपात उचित रहता है।
कीवी की पौध चरणबद्ध तीन प्रक्रियाओं में तैयार होती है।
कीवी की खेती में पौध से पौध की दूरी 6 मीटर होनी चाहिए और एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति की दूरी 4 मीटर तक रखी जाती है ये बैल पर लगने वाला पौधा है जिसमें नर और मादा 2 तरह के पौधे लगाने होते हैं। इसमें हर 9 मादा पौधों के लिए एक नर पौधा लगाना होता है। एक हेक्टेयर में करीब ४१५ पौध लगाई जा सकती है।
कीवी के पौधों को गर्मियों में ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। गर्मियों के दिनों में 10 से 15 दिनों के अंतराल में सिंचाई करनी चाहिए। कीवी फल उगने की प्रारंभिक अवस्था में सितंबर और अक्टूबर के महीने में भी सिंचाई करनी चाहिए।
देश में किवी की हेवर्ड, एबॉट, एलीसन, मोंटी, टुमयूरी और बू्रनो नाम की किस्में उगाई जाती हैं। इनमे सबसे ज्यादा मांग हेवर्ड किस्म की रहती है।
कीवी की बागवानी या खेती की जानकारी के लिए निम्न जगह पर संपर्क किया जा सकता है।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड
74/बी फेज 2 , पंडितवारी, राजपुर रोड, देहरादून
फोन नंबर- 0135-2774272
कीवी की खेती से किसान भाई दो एकड़ में सालभर के दौरान करीब 15 लाख रुपए कमा सकते हैं। बाजार में कीवी का फल 20 रुपए प्रति नग से लेकर 35 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिकता है।
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