किसान मेला 2020-21 : आधुनिक खेती, तकनीकी व मशीनों की दी जाएगी जानकारी

Share Product Published - 19 Feb 2021 by Tractor Junction

किसान मेला 2020-21 : आधुनिक खेती, तकनीकी व मशीनों की दी जाएगी जानकारी

बिहार में किसान मेला 20 फरवरी से : जानें, किसान मेले में होने वाली प्रमुख गतिविधियां व अन्य आकर्षण

कृषि विश्वविद्यालय सबौर, बिहार की ओर से किसान मेले का आयोजन 20 फरवरी से भागलपुर में किया जा रहा है। यह मेला भागलपुर के साबौर कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जाएगा। ये तीन दिवसीय मेला 22 फरवरी तक चलेगा। इसमें किसानों को आधुनिक खेती, तकनीकी व मशीनों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा मेले में अन्य गतिविधियां भी होगी जिसमें प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, गोष्ठी का आयोजन। किसान यहां से बीज तथा पौधों की जानकारी के साथ खरीद भी सकते हैं। ये किसान मेला बिलकुल निशुल्क है। इसमे प्रदेश का कोई भी किसान शामिल हो सकता है।

 

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किसान कैसे हो सकते हैं कृषि मेले में शामिल

कृषि मेले में किसी भी जिले के किसान शामिल हो सकते हैं। इसके लिए किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं रखा गया है। इसमें शामिल होने के लिए किसान को अपने खर्चे से आना होगा। इसके अलावा किसान अपने ब्लॉक के कृषि विकास अधिकारी, कृषि सलाहकार, तथा ब्लाक के किसी अन्य अधिकारी से संपर्क करके कृषि मेला में शामिल हो सकते र्हैं। ब्लॉक में पंजीयन करने से किसान को ब्लॉक के तरफ से सरकारी खर्चे से कृषि मेला में पहुंचाया तथा मेला से घर लाया जाएगा।

 


मेले के खास आकर्षण

  • विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की गई नवीनतम तकनीकों का प्रदर्शन
  • विभिन्न प्रकार के बीजों / पौध सामग्री का प्रदर्शन एवं विपणन
  • किसानों द्वारा तैयार किए गए गुणसंवर्धित उत्पादों की प्रदर्शनी तथा विपणन
  • उद्घाटन एवं पशु प्रदर्शनी
  • कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी एवं विपणन
  • तकनीकी आधारित खेती के लिए युवाओं का सशक्तिकरण पर परिचर्चा
  • किसान गोष्ठी / कृषि ज्ञान प्रश्नोत्तरी / सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • प्रगतिशील किसानों का सम्मान
  • बिहार कृषि विश्वविध्यालय के प्रयोगिक प्रक्षेत्रों पर किसानों का भ्रमण
  • उन्नत कृषि तकनीकों का जीवंत प्रत्यक्षण


ड्रिप-स्प्रिंकलर के बजट में बढ़ोतरी से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट में सूक्ष्म सिंचाई कोष में 5000 करोड़ रुपए की वृद्धि की घोषणा की गई है। नाबार्ड के तहत अब यह कोष कुल 10000 करोड़ रुपए का होगा। इससे सभी राज्यों में प्रतिवर्ष 20 लाख हेक्टेयर और आगामी 5 वर्षों में 1 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में माइक्रो इरिगेशन बढ़ाने की सुविधा मिलेगी। इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष, श्री श्रीकांत गोयनका ने कहा कि हम नाबार्ड के साथ मिलकर बनाए गए माइक्रोइरीगेशन फंड (एम.आई.एफ.) को 2021-2022 में 10,000 करोड़ रुपए के साथ दोगुना करने पर माइक्रो इरिगेशन क्षेत्रों को बढ़ाने में तेजी लाने के लिए के लिए प्रेरित हैं।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने पी.एम.के.एस.वाई. के तहत पी.डी.एम.सी. के लिए 4,000 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं जो केंद्र द्वारा प्रायोजित इस प्रमुख योजना में केंद्र की हिस्सेदारी के तौर पर प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हम सिंचाई जल प्रबंधन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता, समर्थन और किसानों की आय में सुधार के लिए सरकार की सरहाना करते हैं। आई.ए.आई. पांच वर्षों में 1 करोड़ हेक्टेयर के सपने को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है जो किसानों की आय को दोगुना कर देगा और उनके जीवन को बदलने में मदद करेगा।

 

 

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