प्रकाशित - 23 Aug 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
खरीफ की फसल मुख्यतः उन फसलों को कहते हैं, जिन्हें बुवाई जून माह मे की जाती हैं और अक्टूबर के आसपास कटाई की जाती हैं। इन फसलों को बोते समय अधिक तापमान एवं आर्द्रता की जरूरत होती हैं और पकते समय शुष्क वातावरण की जरुरत होती है। इन फसलों को मॉनसूनी फसलें भी कहते हैं क्योंकि इन्हे मानसून के शुरुआत में ही लगाया जाता है। अरबी भाषा में 'ख़रीफ़' शब्द का अर्थ “पतझड़” क्योंकि ख़रीफ़ की फ़सल अक्टूबर के माह में पक कर तैयार होती है।
धान खरीफ की एक प्रमुख फसल है जिससे चावल की प्राप्ति होती है। यह भारत एवं विश्व के बहुत से देशों का मुख्य भोजन है। विश्व में मक्का के बाद धान ही एक ऐसी फसल है जिससे सबसे अधिक अनाज की प्राप्ति होती है और अच्छी आय की प्राप्ति भी होती है।
हमारे भारत देश में फसलों से अधिक उत्पादन की प्राप्ति खरीफ के मौसम में होती है। इनका फसल चक्र जून माह से सिंतबर माह तक चलता है। खरीफ के मौसम में अधिकांश खेती वर्षा जल पर निर्भर करती है पर इस बार स्थिति कुछ अलग है। क्योंकि इस वर्ष जून औऱ जुलाई के माह में अधिकांश फसल उत्पादन वाले राज्यों में बारिश अनुमान से काफी कम हुई है, जिसके कारण धान की बुवाई कम हुई है। वर्षा की कमी की बात करें तो पूर्वी राज्यों में 16 फीसदी तक वर्षा की कमी देखी गई है, जबकि दक्षिणी राज्यों में 37 फीसदी अधिक गिरावट देखी गई है।
कृषि मंत्रालय द्वारा आकड़े जारी किए जाते हैं, जिसके अनुसार फसल की स्थिति का अनुमान लगाया जाता है। इस वर्ष देश में खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष के मुकाबले 3.7 फीसदी पीछे है। पिछले साल 100.1 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती की गई थी। जबकि इस वर्ष यह क्षेत्रफल घटकर 96.3 हेक्टेयर रह गया है। बुवाई कम होने के कारण उत्पादन भी कम होता है जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर होता है। अच्छी पैदावार होने से किसानों की आय में वेरदधी होती है और देश अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्रफल घटने के बावजूद इस बार कई फसलों का अधिक उत्पादन होने वाला है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा जारी अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2021-22 में 31.5 करोड़ टन खाद्यान उत्पादन का अनुमान है जो 2020-21 से करीब 50 लाख टन अधिक है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चावल, गेहूं, गन्ना, मोटे अनाज, दलहन और तिलहन सभी के उत्पादन पिछले 5 वर्षों के औसत उत्पादन से अधिक रहने वाला है।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों महिंद्रा ट्रैक्टर, न्यू हॉलैंड ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।