प्रकाशित - 09 Jun 2024
गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबर आई है। अब गन्ना किसानों का बकाया गन्ने के भुगतान के निर्देश राज्य सरकार की ओर से दिए गए हैं। ऐसे में गन्ना किसानों को चीनी मिल द्वारा बकाया राशि का भुगतान जल्द कर दिया जाएगा। लोकसभा चुनाव पूरे होने के बाद हाल ही में शासन के कामकाज की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गन्ना पेराई का नया सत्र प्रारंभ होने से पहले बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों निर्देश देेते हुए कहा कि गन्ना पेराई का नया सत्र शुरू होने से पहले पिछले सत्र का पूरा बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि गन्ना उन्हीं को बेचा जाएगा जिनका भुगतान रिकॉर्ड अच्छा होगा।
योगी सरकार की ओर से पेराई सत्र 2023-24 के लिए देश की सभी चीनी मिलों (सहकारी क्षेत्र, निगम एवं निजी क्षेत्र) के द्वारा क्रय किए जाने वाले गन्ने का राज्य परामर्शित मूल्य एसएपी तय किया गया है। इसमें गन्ने की अगेती प्रजातियों के लिए 350 रुपए प्रति क्विंटल को बढ़ाकर 360 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। वहीं अनुपयुक्त प्रजाति के लिए गन्ने का मूल्य 335 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कार 355 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है।
गन्ना किसानों को वर्तमान पेराई सत्र 2023-24 में अब तक 29,053 करोड रुपए का गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। यह कुल बकाया राशि का 82.55 प्रतिशत है। चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को 163.29 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वर्तमान सत्र में प्रदेश में कुल 121 चीनी मिलें संचालित हैं। इन चीनी मिलों ने अब तक 975.73 लाख टन गन्ने की पेराई करते हुए 103.28 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान गन्ना किसानों को समय पर भुगतान नहीं होने के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी ने भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। ऐसे में यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय लेते हुए अधिकारियों को, किसानों का बकाया भुगतान करने के निर्देश दिए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर के चांदपुर में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले 10-10 साल तक गन्ना किसानों का भुगतान नहीं होता था। किसान साहूकारों से ब्याज पर पैसा लेने के लिए मजबूर हो जाते थे, लेकिन आज प्रदेश में 120 चीनी मिले हैं जिनमें से 105 चीनी मिलें एक सप्ताह के भीतर किसानों को गन्ने का भुगतान कर रही हैं। शेष 15 चीनी मिलों को भी जल्द से जल्द किसानों का बकाया चुकाने निेर्देश दिए जा रहे हैं। यदि यह चीनी मिले किसानों का भुगतान समय पर नहीं करती है तो उसे नीलाम करके किसानों को चीनी मिल का मालिक बनाएंगे।
भारत में गन्ने की खेती नकदी फसल के रूप में की जाती है। इसकी खेती हर साल 30 लाख हैक्टेयर भूमि में की जाती है। गन्ना उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश का पहला नंबर आता है। यहां सबसे अधिक गन्ने का उत्पादन होता है। यूपी में गन्ने की औसत उपज 81.1 टन प्रति हैक्टेयर है। यूपी में गन्ने की खेती करने वाले जिलों में देवरिया, गोरखपुर, फैजाबाद, देवी पाटन, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, महाराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, वाराणसी, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर, बाराबंकी, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी, इलाहाबाद, मिर्जापुर आदि शामिल हैं।
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