प्रकाशित - 30 Mar 2023
पशुपालकों के लिए एक बहुत ही खुशखबरी निकल कर सामने आ रही है। देश में गिर गाय का क्लोन विकसित किया जा चुका है। खास बात ये हैं कि इस गिर देसी क्लोन से अधिक दूध उत्पादन में मदद मिलेगी। इससे पशुपालकों को अधिक लाभ होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल में खबर आई है कि देश में गिर गायों का देशी क्लोन विकसित किया जा चुका है, एनडीआरआई के प्रमुख डॉ. धीर एबध के मुताबिक़ अब हरियाणा, उत्तरप्रदेश और पंजाब के किसान भी गिर गायों का पालन कर सकेंगे। राष्ट्रीय डेयरी अनुसन्धान संसथान द्वारा देश में पहली बार देशी नस्ल की गिर मादा क्लोन विकसित कर लिया गया है। इस क्लोन के विकसित होने की वजह से वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि इस डेवलपमेंट से आने वाले कुछ सालों में देश में डेयरी उत्पादन में काफी बढ़ोतरी होने वाली है। गौरतलब है कि देश में दूध की महंगाई चरम पर है, देश में दूध के उत्पादन को बढ़ा कर ही इस महंगाई को कण्ट्रोल में लाया जा सकता है। वैज्ञानिक मानते हैं, कि सामान्य देशी नस्ल के गायों के मुकाबले गिर गाय कहीं ज्यादा दूध देती है। एनडीआरआई ने कहा है कि क्लोन गिर मादा बछड़े का वजन 32 किलोग्राम है और इस क्लोन गिर नस्ल का नाम गंगा रखा गया है।
एनडीआरआई प्रमुख धीर एबध ने कहा कि इस कार्य में उनके वैज्ञानिकों की टीम 2 सालों से जुटी थी, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं, वैज्ञानिकों के इस कार्य के लिए निर्देशित कर चुके थे, ये इस सफलता की खास बात है। एनडीआरआई की टीम ने उत्तराखंड पशुधन विकास के साथ साझेदारी में इस परियोजना के ऊपर कार्य शुरू किया और अंततः 2 सालों बाद इस परियोजना में टीम को सफलता मिली। ये पूरे देश के पशुपालक किसानों के लिए ख़ुशी की खबर है। इस क्लोन को तैयार करने में डॉ. नरेश सोलकर, रणजीत वर्मा, एमएस चौहान, मनोज कुमार सिंह, सुभाष कुमार, कार्तिकेय पटेल, अजय असवाल जैसे वैज्ञानिकों का बड़ा योगदान रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ गाय की गिर नस्ल की मांग किसानों के बीच काफी बढ़ने वाली है, क्योंकि इस गाय की खासियत ये है कि ये काफी कम बीमार पड़ती है। इन गायों की मांग विदेशों में भी काफी अधिक है।
दुग्ध उत्पादन को लेकर सरकार काफी ज्यादा सेंसिटिव है। एक तरफ जहां हमारा देश पशुधन के मामले में पूरी दुनिया में नंबर वन है, वहीं दूध उत्पादन के मामले में हम कहीं ज्यादा पीछे हैं। लगातार दूध के घटते उत्पादन से भारत में उपभोक्ताओं को दूध की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए भारत सरकार ने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तकनीक पर जोर देना शुरू किया है। ताकि दूध के मामले में भारत आत्मनिर्भर रहे और भारत की ज्यादातर आबादी दूध जैसे पौष्टिक आहार का सेवन कर सकें।
गिर गाय की खासियत इनके उठे हुए माथे होते हैं जिससे ये पहचाने जाते है। कई मामलों में गिर गाय सामान्य गाय से बेहतर मानी जाती है। जो किसान गिर गाय का दूध बेचते हैं वो सामान्य किसानों से कहीं ज्यादा मुनाफा कमा पाते हैं। ये गाय मध्यम से बड़े आकार की होती हैं। इसकी त्वचा सामान्य गायों की अपेक्षा थोड़ी ढीली और लचीली होती है।
बहुत सारे किसानों के सवाल होते हैं कि सबसे अच्छी गिर गाय कहां मिलेगी , गिर गाय कहां से खरीदें तो बता दें कि गिर गाय गुजरात राज्य में काफी ज्यादा मात्रा में पाई जाती है। गुजरात के पशुपालकों से संपर्क कर किसान इन गायों को खरीद सकते हैं।
गिर गाय के फायदे की बात करें तो ये गाय बेहद कम बीमार पड़ती है, इतना ही नहीं गिर गाय के दूध के फायदे भी बहुत हैं। गिर गाय का दूध सामान्य गाय के दूध के मुकाबले कहीं ज्यादा पौष्टिक हैं। इस गाय का दूध पीने से लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और बच्चों के लिए भी ये दूध काफी फायदेमंद है।
गिर गाय के प्रकार और उसके दूध पर निर्भर करती है अगर गिर गाय 7 से 8 लीटर दूध देती है तो सामान्यतः इस गिर गाय की कीमत 18 से 20 हजार रुपए तक होती है। गिर गाय के दूध की विशेषताओं को देखते हुए गिर गाय की कीमत सामान्य गाय से ज्यादा होती है।
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