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गन्ने की कटाई करते समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें, होगा बंपर मुनाफा

प्रकाशित - 08 Jan 2024

जानें, गन्ने की कटाई के समय ध्यान में रखने वाली प्रमुख बातें और कटाई का सही तरीका

इस समय गन्ने की कटाई (sugarcane harvesting) का काम चल रहा है। ऐसे में किसानों को गन्ने की कटाई करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि गन्ने का वजन कम नहीं हो और उनको पर्याप्त लाभ मिल सके। अक्सर देखा गया है कि गन्ने की कटाई की सही तकनीक का पता नहीं होने से किसान गन्ने की कटाई में कुछ लापरवाही बरत देते हैं जिसका असर उनके लाभ पर पड़ता है और उन्हें गन्ने की फसल का कम मूल्य मिलता है। लेकिन यदि गन्ने की कटाई सही तरीके से की जाए तो किसान अपना मुनाफा बढ़ाने के साथ ही चीनी की रिकवरी कम होने से बचा सकते हैं।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों को गन्ने की कटाई के समय ध्यान रखने वाली खास बातों की जानकारी दे रहे हैं जो गन्ने की खेती (sugar cane field) करने वाले किसानों को इसका उत्पादन को कम होने जैसी समस्या से बचाएगी। 

कब करनी चाहिए गन्ने की कटाई (When should sugarcane be harvested)

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक गन्ने की कटाई तब करनी चाहिए, जब गन्ने की पत्तियां पीली हो जाए, कलियां फलने लग जाए और गन्ने की आंखे फूटने लगे, तो समझ लेना चाहिए कि गन्ना पूरी तरह से पककर तैयार हो गया है। इस समय आप गन्ने की कटाई कर सकते हैं। साथ ही गन्ने का ब्रिक्स मूल्य 19.5 से 22.5 के बीच होना चाहिए। गन्ने का ब्रिक्स वेल्यू 18 या इससे अधिक है तो समझ लेना चाहिए कि गन्ना पूरी तरह से परिपक्व हो गया है। इससे 10 से 11 प्रतिशत तक चीनी की रिकवरी हो सकती है। यदि किसी गन्ने का ब्रिक्स वैल्यू इससे कम है तो गन्ना पूरी तरह से पका नहीं है। आप इसकी जांच रेफ्रेक्टोमीटर से कर सकते हैं। 

बता दें कि रेफ्रेक्टोमीटर एक ऐसा यंत्र है जिसकी सहायता से आप खेत में खड़े गन्ने के ब्रिक्स और उसकी गुणवत्ता को माप सकते हैं। इसके लिए हैंड रेफ्रेक्टोमीटर ब्रिक्स या एआर ब्रिक्स का उपयोग किया जाता है।

कैसे करें गन्ने की कटाई/गन्ने की कटाई का सही तरीका(How to harvest sugarcane/correct way of harvesting sugarcane)

गन्ने की कटाई तेज चाकू, कटिंग ब्लेड या कुल्हाड़ी से करनी चाहिए। इसकी कटाई में कुशलता से काम लेना जरूरी है। अनुसूचित तरीके से की गई गन्ने की कटाई से गन्ने और चीनी की उपज में कमी आ जाती है। वहीं गन्ने के रस की क्वालिटी भी खराब हो जाती है। इसके अलावा मिलिंग में भी परेशानी आती है। गन्ने की अगली पेडी फसल में पैदावार कम होने जैसी समस्या भी आती है।

गन्ने की कटाई हमेशा जमीन की सतह से करनी चाहिए और गन्ने के ऊपरी भाग जहां तक गन्ना के गुल्लियां है वहां तक इसकी कटाई करनी चाहिए। अपरिपक्व गांठों को काटकर हटा देना चाहिए। इसके अलावा गन्ने की उचित सफाई करनी चाहिए। इसमें पत्तियां, कचरा, जड़े आदि बेकार के भागों को हटा देना चाहिए। इस तरह आप गन्ने की कटाई करके गन्ने का अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

गन्ने की कटाई में करें यांत्रिक हार्वेस्टर का इस्तेमाल (Use mechanical harvester for harvesting sugarcane)

यदि आप गन्ने की कटाई श्रमिकों से नहीं करवा कर मशीन की सहायता से इसकी कटाई करना चाहते हैं तो आप इसके लिए यांत्रिक हार्वेस्टर (Harvester) का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मशीन गन्ने के पत्तेदार हिस्से को ऊपर से काटती है ओर गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़ों में काट सकती है। गन्ने के टुकड़ों को हार्वेस्टर बॉक्स से खीच लिया जाता है। इस मशीन की सहायता से किसान 8 घंटे में 2.5 से 4 हैक्टेयर तक गन्ने की कटाई कर सकता है। इस मशीन से गन्ने की कटाई कम समय व श्रम में की जा सकती है। इसके उपयोग से गन्ने की कटाई में होने वाले संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है।

गन्ने की कटाई करते समय किन खास बातों का रखें ध्यान (What special things should be kept in mind while harvesting sugarcane)

गन्ने की कटाई में किसानों को बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है ताकि गन्ने की फसल का नुकसान नहीं हो और चीनी की रिकवरी में गिरावट नहीं आए। गन्ने की कटाई करते समय जिन खास बातों का ध्यान गन्ना किसानों को रखना चाहिए, वे प्रमुख पांच बातें इस प्रकार से हैं

गन्ने की कटाई समय पर की जानी चाहिए जिससे अधिकतम उपज प्राप्त की जा सके। यदि बात करें उत्तर भारत की तो यहां शरद ऋतु में बोए गए गन्ने की कटाई 15 महीने में की जाती है। वहीं बसंत ऋतु के शुरूआती समय में बोए गए गन्ने की कटाई 10 महीने की जाती है। इसके अलावा देरी से बोए गए गन्ने की कटाई 12 महीने बाद की जाती है।

  • गन्ने की कटाई की विधि ऐसी होनी चाहिए जिससे उत्पादित गन्ने की अधिकतम मात्रा को जमीन स्तर तक काटा जाना चाहिए और सभी बाहरी चीजें जैसे- शीर्ष, कचरा, जड़े को यथा संभव हटा देना चाहिए।
  • जब फसल पक जाती है तो पत्तियां पीली पड़ जाती है या सूखने लगती हैं। हालांकि कई किस्मों में ऐसे लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। यदि सिंचाई का पानी लगाया जाए और फसल हरी-भरी दिखाई देगी।
  • गन्ने के परिपक्व बेंतों को थपथपाने पर एक प्रकार की धात्विक ध्वनि उत्पन्न होती है। जब एक परिपक्व गन्ने को तिरछा काटा जाता है और उसे सूर्य के सामने रखा जाता है तो हम चीनी के क्रिस्टल को चमकते हुए देख सकते हैं।
  • कटे हुए गन्ने को कूडे से ढककर छाया में रखने से वजन में कमी करने वाली शर्करा के संचय को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
  • यदि किसी कारण से गन्ने को खेत में पड़ा रखना पड़े तो इसे पत्तों से ढककर धूप से दूर रखना चाहिए तथा गन्ने पर पानी का हल्का छिड़काव करते रहना चाहिए ताकि गन्ना अंदर से सूखे नहीं।
  • इस तरह गन्ने की कटाई करते समय उपरोक्त बातों का ध्यान रखकर अपनी उपज के साथ ही चीनी की रिकवरी कम होने से बचा सकते हैं और साथ गन्ने की फसल से अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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