प्रकाशित - 31 Mar 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कहा गया है, कमल वहां उगता है जहां कीचड होता है या गन्दा पानी होता है। लेकिन एक ख़ास बात ये भी है कि कमल की खेती आज देश में एक ऐसी खेती बन चुकी है जो हजारों किसानों के घर में खुशियों का कमल खिला चुकी है। माना जाता है कि कमल सिर्फ तालाब में या झील में ही उगते हैं लेकिन आज देश के हजारों किसान अपने खेतों में कमल की खेती करके मोटा मुनाफा तैयार कर रहे हैं। ये खेती किसान मछलीपालन के साथ भी कर पा रहे हैं। मात्र तीन महीनों में तैयार हो जाने वाली कमल की फसल का बड़ा औषधीय महत्व है। एक्सपर्ट्स के अनुसान कमल की खेती अधिक मुनाफों वाली खेती है। किसान इससे कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में हम किसान भाइयों को कमल की खेती कैसे करें, कमल की खेती करने का तरीका, कमल ककड़ी की खेती का महत्व, कमल की खेती क्यों करना चाहिए, कमल की खेती से कितना इनकम हो सकता है, इन सभी के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
किसान भाइयों कमल की खेती (Lotus Farming) का एक हजारों सालों का इतिहास रहा है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी कमल की खेती का विशेष महत्व है। कमल की खेती क्यों किया जाना चाहिए इसका सबसे अच्छा जवाब यही है कि इस खेती से न सिर्फ किसान आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं बल्कि इस खेती के कुछ अपने महत्व भी है। चलिए कमल की खेती क्यों महत्वपूर्ण है इसके बारे में समझते हैं।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व: कमल की खेती का धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से भी विशेष महत्व है। चाहे वो हिन्दू धर्म हो, बौद्ध धर्म हो या ताओ धर्म हो, ज्यादातर धर्मों में कमल का एक विशेष महत्व है। कमल का धार्मिक और सांस्कृतिक मांग भी बनी रहती है।
कमल में मौजूद औषधीय गुण: कमल की जड़, कमल की बीज और कमल के फूल के कई औषधीय गुण हैं। कमल को पाचन शक्ति बढ़ाने और इन्सोम्निया यानी नींद समबन्धी रोग को दूर करने और साथ ही एंजायटी को दूर करने जैसी कई मामलों में कमल का एक विशेष महत्व है। कमल के पत्ते ,बीज और जड़ सभी का औषधीय रूप में विशेष महत्व है। जो किसान औषधीय खेती करते हैं उनके लिए कमल की खेती का एक विशेष महत्व है।
कमल का फ़ूड सोर्स: कमल के फूल का उपयोग मनुष्य और जानवर दोनों खाने के रूप में करते हैं। कमल के बीज, पत्ते ,और जड़ सभी खाने योग्य होते हैं। साथ ही कमल का उपयोग फ़ूड और ड्रिंक्स को अच्छा दिखाने और डेकोरेटिव वे में यूज करने के लिए भी किया जाता है।
इसके अतिरिक्त कमल की खेती के एनवायर्मेंटल बेनिफिट्स भी हैं। कमल की खेती पानी की गंदगी को साफ़ कर वाइल्ड लाइफ को अच्छा बनाती है। लोटस का उपयोग तालाबों में भी किया जाता है ताकि तालाब में पानी की गुणवत्ता को बनाये रखा जा सके। साथ ही कमल की खेती के काफी आर्थिक महत्व हैं। क्योंकि कमल का उपयोग न सिर्फ औषधीय रूप में किया जाता है बल्कि परफ्यूम के निर्माण में, कास्मेटिक के निर्माण में भी कमल का उपयोग किया जाता है।
कमल के फूल के दो प्रकार होते हैं, कुमुदनी और उत्पल। उत्पल को नील कमल भी कहा जाता है। आप डिमांड के अनुसार कोई भी फूल लगा सकते हैं। कमल की दोनों किस्में बहुत अच्छी है। वैसे कमल के फूल आपको बहुत रंगों में मिल जाएंगे जैसे लाल कमल, सफ़ेद कमल, पीला, नीला, गुलाबी कमल आदि। अपने क्षेत्र के वातावरण के हिसाब से कमल की किस्मों का चुनाव करें। इसके लिए आप अपने क्षेत्र के नजदीकी किसान सलाहकार से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कमल के बीज को अंकुरित करने की विधि के बारे में बात करें तो तो आप सबसे पहले कमल की अच्छी और उच्च गुणवत्ता वाली किस्म का बीज मार्केट से ले आएं। बता दें की कमल के बीज का छिलका काफी कठोर होता है यही वजह है कि इसे पहले ही अंकुरित कर लेना चाहिए। बीज को थोड़ा घिस कर साफ़ पानी में गिरा दें और बीज को अंकुरित होने के लिए छोड़ दें जब बीज अंकुरित हो जाएं तो आप इसे तालाब में गहराई में दबा दें। ध्यान रखें कि बीज को काली मिट्टी को नीचे फ़ैलाने के बाद ही दबाएं।
कमल की खेती को लेकर किसान भाई का अक्सर सवाल होता है कि कमल के पौधे की देखभाल कैसे करें ? कमल के बीज अंकुरित हो जाने के बाद इसकी पर्याप्त देखभाल की जरुरत होती है। अगर उचित समय पर इसकी देखभाल न की जाए तो फसल खराब होने की संभावना रहती है। जल को शुद्ध बना कर रखें, पानी में खाद और एनपीके का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। सीधे-सीधे एनपीके डालने के बजाय कपड़ों से मिक्स करके डालें ये ज्यादा बेहतर होगा। अगर कभी कमल के पौधों पर कीट लगने का लक्षण दिखाई दे तो नीम के तेल का स्प्रे करें और सड़े-गले पत्तों को बाहर निकालना न भूलें।
किसान को दोहरा मुनाफा करने के लिए मछली पालन के साथ कमल की खेती करनी चाहिए। मछलीपालन के साथ ये खेती करने से किसान मछली से मुनाफा तो तैयार करेंगे ही साथ ही कमल की खेती से भी अतिरिक्त मुनाफा तैयार करेंगे। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। कमल की खेती से कमाई की बात करें तो ये भी कम नहीं है, बहुत से किसान पूछते हैं कि कमल की खेती से कितनी कमाई हो सकती है तो बता दें कमल का एक बंडल 20 से 30 रुपए तक बिकता है। अगर एक एकड़ में कमल की खेती की जाए तो किसान है तीन महीने पर 50 हजार रुपए तक की कमाई कर सकते हैं, सालाना 2 लाख रुपए की कमाई एक एकड़ कमल की खेती पर हो सकती है।
कमल की खेती से सम्बंधित कुछ प्रश्न और उत्तर
1 ) कमल की खेती कैसे करें?
उत्तर- कमल की खेती मछलीपालन के साथ किया जाना उपयुक्त है, क्योंकि इससे किसान दोहरा मुनाफा कमा सकते हैं। कमल की खेती यदि खेतों में किया जाता है तो गहरी जुताई का होना जरूरी होता है। जुताई के बाद खेत में कमल की जड़ लगाएं। कमल की जड़ लगाने के बाद पौधे आने तक उसकी ख़ास देखभाल करें। पौधे के आने के बाद पत्तियों और पत्तियों की स्वास्थ्य पर नजर रखें। अगर कीट लगता है तो नियमित रूप से नीम का तेल छिड़कें। खराब पत्ते को बाहर निकालें, जो पौधा खराब हो जाये उसे भी पानी से बाहर निकाल दें।
2) कमल की खेती में बुआई किस महीने होती है?
उत्तर- कमलकंद की खेती की बात करें तो जुलाई या अगस्त के महीने में कमल की बुआई सबसे उपयुक्त माना जाता है। जो किसान भाई कमल कंद की खेती करते हैं वे इन्हीं महीनों में इसकी बुआई करें।
3) कमल की कटाई किस महीने से शुरू होती है?
उत्तर- कमल की कटाई अक्टूबर से नवम्बर महीने के बीच शुरू हो जाती है। इस पौधे में नितनी ज्यादा गांठे होंगी उतने ही ज्यादा फूल आएंगे।
4) कमल की खेती के फायदे या लाभ क्या हैं?
उत्तर- कमल की खेती, मछलीपालन के साथ किया जा सकता है। एक तरह किसान के लिए दोहरा मुनाफा तैयार होता है।
5) कमल के पौधे के लिए कौन सी मिट्टी अच्छी होती है?
उत्तर- कमल की खेती वैसे तो पानी में होती है लेकिन पानी के जड़ में यदि काली मिट्टी बिछाई जाये तो बीज के अंकुरण में आसानी हो जाती है और किसान ज्यादा फसल की पैदावार कर पाते हैं।
6) क्या हम घर पर कमल उगा सकते हैं?
उत्तर- हां, बिलकुल, कमल को उगाने के लिए पानी टंकी और टब का इस्तेमाल लिया जा सकता है। आसानी से कमल उगे इसके लिए टंकी के निचे कली मिट्टी जरूर बिछाएं और देखभाल करते रहें।
7) भारत में कमल कहां उगता है?
उत्तर- भारत में हर जगह कमल की खेती होती है।
9) भारत में कमल उगाने का सबसे अच्छा मौसम कौन सा है?
उत्तर- कमल कंद की बुआई जुलाई या अगस्त माह के मौसम में सबसे ज्यादा उपयुक्त है।
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