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हाइड्रोपोनिक्स खेती कैसे करें - जानें, खेती का तरीका

प्रकाशित - 10 Jun 2023

हाइड्रोपोनिक खेती कैसे करें, जानें, हाइड्रोपोनिक खेती की तकनीक और ट्रेनिंग की पूरी जानकारी

आज कृषि में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे फसलों का अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायता मिल रही है। बदलते समय के साथ किसान भी इन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करके लाभ कमा रहे हैं। इन्हीं आधुनिक तकनीकों में से एक तकनीक हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming) भी है, जो किसानों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। खेती की इस तकनीक की खास बात यह है कि इस तकनीक से खेती करने के लिए न तो लंबे-चौड़े खेत की जरूरत होती है और न ही मिट्‌टी की। इस तकनीक में सिर्फ बालू मिट्‌टी और कंकड का प्रयोग करके एक कमरे में भी इसकी खेती की जा सकती है। आप चाहे तो अपनी छत का उपयोग इस प्रकार की खेती के लिए कर सकते हैं। हाइड्रोपोनिक खेती की इस खासियत के कारण विदेशों में इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसान अच्छा पैसा कमा रहे हैं। हमारे देश में भी कई स्मार्ट किसान इस तकनीक का उपयोग करके खेती कर रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम के साथ ही उन्हें इससे काफी अच्छा मुनाफा हो रहा है।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की माध्यम से आपको हाइड्रोपोनिक खेती (hydroponic farming techniques) की तकनीक के बारे में जानकारी दे हैं, जिसमें हाइड्रोपोनिक खेती क्या होती है, कैसे की जाती है। इस तकनीक से खेती करने पर क्या लाभ होंगे आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।

क्या है हाइड्रोपोनिक खेती (What is Hydroponic Farming?)

हाइड्रोपोनिक ग्रीक भाषा का शब्द है, जिसका मतलब बिना मिट्‌टी के सिर्फ पानी के जरिये खेती करना है। खेती की इस तकनीक में बिना मिट्टी के खेती की जाती है, इसमें सिर्फ पानी का उपयोग होता है। हालांकि पानी के साथ इसमें थोड़ी बालू या कंकड़ मिलाए जाते हैं। इस तकनीक में जलवायु को नियंत्रित करके खेती की जाती है इसलिए बदलते मौसम का इस पर कोई असर नहीं पड़ता है।

कैसे की जाती है हाइड्रोपोनिक खेती (How is Hydroponic Farming Done?)

खेती की इस आधुनिक तकनीक के अंतर्गत बिना मिट्‌टी के फसल उगाई जाती है। इसमें पाइपों का इस्तेमाल किया जाता है। इन पाइपो में छेद किए जाते हैं और इन छेदों में पौधे लगाए जाते हैं। पाइपों में पानी भरा होता है और इसी पानी में पौधों की जड़ें डूबी हुई रहती हैं। इस पाइप के माध्यम से हर जरूरी पोषक तत्व पानी में मिलाकर पौधों तक पहुंचता है। इस तरह पौधे को हर पोषक तत्व पानी के जरिये मिल जाता है जिससे वह वृद्धि करता है। इसमें पानी के साथ थोडा बालू या कंकड़ भी मिलाया जाता है। आमतौर पर इस तकनीक में मिट्‌टी की जगह कोकोपीट यानि नारियल के वेस्ट से तैयार किए गए नेचुरल फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें तापमान 15 से 30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आद्रर्ता यानि नमी को 80 से 85 प्रतिशत रखा जाता है।

किन फसलों के लिए किया जा सकता है हाइड्रोपोनिक खेती का इस्तेमाल

हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल छोटे पौधों के लिए किया जा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल मटर, गाजर, मूली, शलजम, शिमला मिर्च, अनानास, टमाटर, भिंडी, अजवाइन, तुलसी, तरबूज, खरबूजा, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों के उत्पादन के लिए किया जा सकता है।

हाइड्रोपोनिक खेती के क्या हैं लाभ (Benefits of Hydroponic Farming)

हाइड्रोपोनिक खेती तकनीक के इस्तेमाल से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं, उनमें से प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं

  • इस तकनीक से खेती करने पर पानी की बिलकुल भी बर्बादी नहीं होती है, इससे करीब 90 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है।
  • इस तकनीक में फसल उगाने के लिए लंबे-चौड़े खेत की जरूरत नहीं होती है। आप चाहे तो इसे एक कमरे से भी शुरू कर सकते है। वहीं आप अपनी छत का भी इस्तेमाल भी इस प्रकार की खेती के लिए कर सकते हैं।
  • इस तकनीक से कम जगह पर अधिक पौधे उगाए जा सकते हैं।
  • इस तकनीक से पौधों से सीधा पानी के जरिये पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इससे उनकी वृद्धि अच्छी होती है।
  • इस तकनीक से पौधे को सभी पोषक तत्व समयानुसार मिलते रहते हैं जिससे उससे प्राप्त होने वाली फसल की क्वालिटी में बढ़ोतरी होती है।
  • इस तकनीक से खेती करने पर पौधों को मौसम, बारिश, आलोवृष्टि, जानवरों या अन्य किसी जैविक और अजैविक क्रियाओं का प्रभाव नहीं पड़ता है। इससे पौधों की बिना रूकावट के स्वस्थ बढ़ोतरी होती है।

हाइड्रोपोनिक खेती में कितनी आती है लागत (Hydroponic Farming Cost)

यदि बात की जाए हाइड्रोपोनिक खेती करने में आने वाली लागत की तो बता दें कि यह खेती काफी खर्चीली होती है। इसमें अधिक लागत आती है। हालांकि इससे होने वाले लाभों को देखते हुए यह खर्च ज्यादा नहीं है। यदि आपके पास कम बजट है तो आप इसकी अपनी छत पर इस तकनीक से खेती कर सकते हैं। इसके लिए आपको बाजार से सेटअप मिल जाएगा। वहीं आप एक्सपर्ट के माध्यम से भी इसे अपने घर में लगवा सकते हैं। इतना ही नहीं आप लर्निंग वीडियो देखकर खुद भी इसे लगा सकते हैं। यदि छोटे स्तर पर इस तरह की खेती की शुरुआत की जाए तो करीब 10 से 15 हजार रुपए से इसकी शुरुआत की जा सकती है। वहीं यदि आप इसे लार्ज स्केल पर करना चाहते हैं तो आपको इसका सेटअप लगवाने में 20 लाख रुपए तक का खर्च आता है। इसके अलावा आपको टेंपरेचर मेंटेन करने के लिए पॉली हाउस लगाना होगा। बता दें कि पॉली हाउस बनाने के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है।

कैसे लगवा सकते हैं हाइड्रोपोनिक खेती का सेटअप (Hydroponic Farming Setup)

देश में हाइड्रोपोनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जगदंबा हाइड्रोपोनिक्स एंड एग्रीकल्चर सिस्टम नाम से एक कंपनी है। यह कंपनी देश के किसी भी हिस्से में किसानों को बिना मिट्‌टी की खेती से संबंधित तकनीक, उपकरण और पूरा सेटअप लगाने में सहायता प्रदान करती है।

हाइड्रोपोनिक खेती से कितना हो सकता है मुनाफा 

अब बात की जाए इस तकनीक के प्राप्त पैदावार से होने वाले मुनाफे की तो इस तकनीक के इस्तेमाल से काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस तकनीक से खेती करने वाले तेलंगाना के किसान हरिशचंद्र रेड्‌डी करीब 3 करोड़ रुपए की कमाई कर रहे हैं। रेड्‌डी के मुताबिक शुरुआत में हाइड्रोपोनिक या प्राकृतिक खेती करने में लागत बहुत आती है, लेकिन उसके बाद लागत कम हो जाती है और पैदावार बढ़ती जाती है।  

कहां से मिल सकती है हाइड्रोपोनिक खेती की ट्रेनिंग (Hydroponic Farming Training)

यदि आप हाइड्रोपोनिक खेती का ट्रेनिंग या प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो देश में कई जगहों पर इसकी ट्रेनिंग दी जाती है। इस संबंध में आप अपने क्षेत्र के कृषि विज्ञान केंद्र से जानकारी हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा कई प्रोफेशनल्स भी इसकी ट्रेनिंग देते हैं। इसका दो से पांच दिन का कोर्स होता है। आप गूगल की सहायता से ऐसे संस्थानों के बारे में जानकारी ले सकते हैं जो इस तकनीक की ट्रेनिंग देते हैं। हालांकि इस तकनीक से संबंधित कई ऑनलाइन कोर्स और वीडियो इंटरनेट पर आपको मिल जाएंगे। आप इन्हें देखकर भी इस तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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