सफेद चंदन की खेती कैसे करें : सफेद चंदन की खेती से किसान होंगे मालामाल

Share Product प्रकाशित - 11 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

सफेद चंदन की खेती कैसे करें : सफेद चंदन की खेती से किसान होंगे मालामाल

जानें, सफेद चंदन की खेती का तरीका और ध्यान रखने वाली बातें

किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ ही अन्य लाभकारी पेड़ों को लगाए तो उसे लाखों रुपए की कमाई हाे सकती है। कई पौधों की लकड़ी काफी महंगी बिकती है। इससे किसान लाखों रुपए कमा सकते हैं। इसी क्रम में चंदन की खेती करके किसान काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इसकी खेती से किसान मालामाल हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए किसानों को कुछ धैर्य से काम लेना होगा। क्योंकि चंदन के पेड़ को तैयार होने में करीब 10 साल का समय लगता है। इसके बाद इस पेड़ से प्राप्त लकड़ी और तेल से किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। शुरुआत में जब चंदन का पेड़ छोटा होता है तो इसके बाग में आप खाली पड़ी जगह पर सब्जियों की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। 

चंदन की खेती की खास बात ये हैं कि इसमें जैविक खाद का उपयोग किया जाता है जिससे इसकी उत्पादन लागत कम आती है और मुनाफा काफी अच्छा होता है। इसके पौधे को देखभाल की आवश्यकता भी कम पड़ती है। इसके अलावा इसकी खेती के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ भी दिया जाता है। यदि आप भी चंदन की खेती से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में सभी बातें भी जानना बेहद जरूरी हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको सफेद चंदन की खेती से संबंधित पूरी जानकारी दे रहे हैं। इसलिए आप इस पोस्ट को आखिर तक पूरा पढ़ें और इसे आगे भी शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को चंदन की खेती से संबंधित ये लाभकारी जानकारी प्राप्त हाे सके, तो आइए जानते हैं सफेद चंदन की खेती के बारे में। 

सफेद चंदन का क्या है उपयोग

सफेद चंदन के पेड़ से निकलने वाला तेल और लकड़ी दोनों ही औषधियां बनाने के काम आती हैं। इसे अलावा इसके तेल की खुशबू का उपयोग साबुन, कॉस्मेटिक्स और पर्फ्यूम बनाने में किया जाता है। इससे इसकी मांग बाजार में काफी है। वहीं चंदन की लकड़ी से कई प्रकार के खिलौने और शो पीस भी तैयार किए जाते हैं। मंदिरों में चंदन का उपयोग तिलक लगाने और पूजा के काम में किया जाता है। 

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सफेद चंदन की खेती पर प्रति एकड़ करीब 4 लाख रुपए का खर्च आता है। 10 साल बाद प्रति एकड़ करीब एक करोड़ की आमदनी चंदन की खेती से किसान को हो सकती है। किसान एक एकड़ में करीब 450 से अधिक चंदन के पौधे लगा सकते हैं। वर्तमान में चंदन की लकड़ी का बाजार में 30 हजार रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से बिकती है।

चंदन की खेती पर सरकार से मिलती है सब्सिडी

हरियाणा में चंदन की खेती प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी देती है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से पौधे खरीदने, पानी का टैंक बनाने और ड्रिप इरिगेशन सिस्‍टम स्‍थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। सरकार की ओर से चंदन की  खेती के लिए प्रति एकड़ 28400 की सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए विभाग से संपर्क किया जा सकता है।

चंदन की खेती के लिए क्या है सरकारी नियम (Sandalwood Farming)

चंदन की खेती करने से पहले इससे संबंधित सरकारी नियमों को भी जान लेना जरूरी है। साल 2017 से पहले इसकी खेती पर प्रतिबंध था। इसकी खेती के लिए सरकार से इजाजत लेनी पड़ती थी, लेकिन अब चूंकि इसकी खेती पर से प्रतिबंधन हटा लिया गया है। इसलिए किसान अपनी खाली पड़ी जमीन पर इसकी खेती करके मोटा लाभ कमा सकते हैं। चंदन की खेती के लिए सरकार से परमिशन लेनी जरूरी नहीं है, लेकिन कटाई करते समय सरकार से इसके लिए नो आब्जेक्शन का सार्टिफिकेट लेना जरूरी है। इसके अलावा आप चंदन की खेती बिना रोकटोक के कर सकते हैं लेकिन इसके निर्यात का हक सिर्फ सरकार को होगा। इसलिए आप सरकारी सहायता प्राप्त करके यदि इसकी खेती करते हैं तो आपको काफी लाभ अच्छा लाभ मिल सकता है। यदि आप चंदन की खेती करने के इच्छुक है तो इसके पौधे लगा सकते हैं। पौधे लगाने के बाद आपको पटवारी को इसकी जानकारी देनी होगी, साथ ही डीएफओ को एक आवेदन देना होगा ताकि प्रशासन की जानकारी में रहे कि आप चंदन की खेती कर रहे हैं। 

सफेद चंदन के पौधे को अकेला नहीं लगाएं

चंदन का पौधा परजीवी पौधा होता है। यह अपना भोजन किसी और पौधे के सहारे प्राप्त करता है। इसलिए चंदन के पौधे को अकेला नहीं लगाया जाता है। यदि इसे अकेला लगाया जाता है तो पौधा कुछ ही दिनों में मर जाता है। चंदन के पौधे के साथ आप प्राथमिक साथी के रूप में लाल चंदन, कैजुराइना, देसी नीम को लगा सकते हैं। वहीं सेकेंडरी होस्ट के रूप में मीठा नीम और सहजन के पौधे लगाए जा सकते हैं। इस तरह आप चंदन के साथ ही इन पेड़ों से भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। 

एक एकड़ में लगने वाले पौधे की संख्या

जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि चन्दन का पौधा अकेले जीवित नहीं रह सकता है। इसके लिए दूसरे पौधे का होना भी जरूरी है। यदि आप एक एकड़ में 375 सफ़ेद चन्दन के लगा रहे है तो आपको इसके साथ इसके आपको 1125 चन्दन के होस्ट यानि साथी पौधों को भी लगाना होगा। एक एकड़ में चंदन के पौधे के साथ इसके प्राथमिक पौधे के रूप में आप लाल चंदन के 375, कैजुराइना के 125 और देसी नीम के 125 पौधे लगाए जा सकते हैं। वहीं सेकेंडरी होस्ट में मीठे नीम के 750 पौधे और सहजन के 375 पौधे इसके साथ लगाए जा सकते हैं। 

Chandan ki kheti : कहां से मिलेगा चंदन का पौधा

चंदन की कई प्रजातिया पाई जाती है। इसमें चंदन की सेंत्लम एल्बम प्रजातियां सबसे सुगन्धित तथा औषधीय युक्त है। इसके अलावा सफ़ेद चन्दन, सेंडल, अबेयाद, श्रीखंड, सुखद संडालो प्रजाति की चन्दन पाई जाती है। यदि आप सफेद चंदन की खेती करना चाहते हैं और आपको इसका पौधा चाहिए तो आप इसका पौधा खरीद सकते हैं। इसे अलावा आप इसके बीज भी खरीद कर पौधा तैयार करके लगा सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार की लकड़ी विज्ञान तथा तकनीक संस्थान (institute of wood science & technology) बेंगलोर में है। यहां से आप चन्दन की पौधे प्राप्त कर सकते हैं। 

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सफेद चंदन की खेती से संबंधित खास बातें

  • चंदन दो प्रकार का होता है। एक लाल चंदन और दूसरा सफेद चंदन।
  • चंदन के पेड़ की अधिकतम ऊंचाई 13 से 16 मीटर होती है। इसकी मोटाई करीब 100 से 200 सेंटीमीटर होती है। 
  • चंदन का पौधा सभी रेतीली मिट्‌टी को छोड़कर सभी प्रकार की मिट्टी में उग सकता है।
  • चंदन की खेती के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए 12 से लेकर 35 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान उपयुक्त रहता है।
  • एक एकड़ जमीन पर चंदन के करीब 450 पौधे लगाए जा सकते हैं।
  • चंदन के पौधे लगते समय उनके बीच 12X15 फीट की दूरी रखनी चाहिए। वहीं इसके साथ होस्ट पौधे 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाए जा सकते हैें।  
  • चंदन के पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है। इसके पौधे को एक हफ्ते में 2 से 3 लीटर पानी पर्याप्त होता है। 
  • चंदन के पौधे को नीचे स्थान पर नहीं लगाना चाहिए और साथ ही जल भराव वाले स्थान पर भी इसकी खेती नहीं करनी चाहिए। चंदन की पौधे की मेड को ऊपर रखना ताकि जड़ में पानी का जमाव नहीं हो। 
  • चंदन के पौधों की बेहतर बढ़वार के लिए हर तीन से चार महीने में वर्मी कंपोस्ट और केचुंआ खाद डालते रहना चाहिए। साथ ही फर्टिलाइजर का स्प्रे भी किया जा सकता है। 


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