प्रकाशित - 26 Nov 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
वनीला की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती से किसानों को लाभ हो सकता है। बाजार में इसकी मांग को देखते हुए कई किसान इसकी खेती करने लगे हैं। इसका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। यह फसल बाजार में 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकती है। ऐसे में किसानों के लिए वनीला की खेती लाभ का सौदा साबित हो सकती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको वनीला की खेती की जानकारी दे रहे हैं।
वनीला एक बेलदार का पौधा होता है। इसका तना लंबा और बेलनकार की तरह होता है। इसके फूल कैप्सूल के आकार की तरह होते हैं। इसके फूलों की खूशबू काफी अच्छी होती है। फूलों के सूख जाने पर इसका पाउडर बनाया जाता है। वनीला में कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाया जाता हैं जो पेट को साफ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है।
वनीला पौधे से जो अर्क प्राप्त की मार्केट में भारी डिमांड है। क्योंकि इसके अर्क का उपयोग खास तौर से आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने सहित अनेक प्रकार की मिठाइयों में किया जाता है। इस तरह ये केसर के बाद दूसरी सबसे महंगी फसल है जिसका उत्पादन करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैँ।
वनीला की खेती के लिए छायादार जगह की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए मध्यम तापमान होना चाहिए। न तो ज्यादा तेज गर्मी हो और न ही ज्यादा सर्दी, क्योंकि इसके पौधे के लिए दोनों ही सही नहीं है। इसकी खेती शेड हाउस में आसानी से की जा सकती है। इसके पौधे को छायादार जगह और हल्की रोशनी मिलती रहनी चाहिए तभी इसका पौधा विकास कर सकता है।
वनीला की खेती के लिए अच्छी खाद वाली भुरभुरी मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए। वनीला की खेती से पूर्व मिट्टी की जांच जरूर कर लेनी चाहिए और इकसे बाद इसमें पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद व उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए।
वनीला बेल के रूप में उगता है। इसलिए इसकी बुवाई के लिए बीज व कटिंग दोनों का उपयोग किया जा सकता है। वनीला लगाने से पहले खेत में गड्ढे करें। इन गड्ढों को कुछ देर धूप में रखें। इसके बाद इन गड्ढों में सड़ी-गली खाद डाल दें। बेल को फैलने के लिए तार बांध दें। बेल को लगाने के लिए फव्वार विधि से पानी दें। इसके बाद बेल को तारों के ऊपर फैला दें।
इसमें समय-समय पर अच्छी खाद डालते रहें। इसके लिए आप इसमें गोबर की खाद, केंचुआं खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें 100 लीटर पानी में एक किलोग्राम एनपीके की मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें।
वनीला की बेल में 9 से 10 माह के बाद फूल-फलियां पकने लग जाती है। इसके बाद पौधों से बीज निकाल लिया जाता है। इन बीजों को अलग-अलग प्रोसेसिंग से होकर गुजरना होता है। इसके बाद वनीला मिलता है।
भारत में वनीला 40 से 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकता है। यदि किसान कृषि की उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके इसकी खेती करें तो काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
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