नाशपाती की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

Share Product प्रकाशित - 12 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

नाशपाती की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

नाशपाती की खेती कैसे करें - जानें, खेती का सही तरीका

हमारे देश के किसान विभिन्न प्रकार के फलों की खेती पारंपरिक फसलों के साथ करके अपनी आय में वृद्धि करते हैं। इसी कड़ी में किसान भाई नाशपाती की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। नाशपाती मौसमी फल है और इसके फल को खाने के काफी फायदे भी होते हैं। नाशपाती में अधिक मात्रा में फाइबर व आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है, इसके फल का सेवन करने से शरीर में खून बढ़ जाता है व इसके सेवन से हमारे शरीर का बैड कोलेस्ट्रॉल भी कम हो जाता है। अपनी इन्हीं वजहों से लोग इस फल को खाना पसंद करते हैं और बाजार में हमेशा इसकी मांग भी रहती है। नाशपाती के हर एक पेड़ से किसान आसानी से एक से दो क्विंटल के बीच उत्पादन प्राप्त कर सकता है। इस तरह इस फल का एक एकड़ में बाग लगाने पर 400 से 700 क्विंटल नाशपाती का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। किसान भाईयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ नाशपाती की खेती से जुड़ी खास जानकारियां साझा कर रहे हैं।

भारत में नाशपाती की खेती करने वाले प्रमुख राज्य

भारत में नाशपाती की खेती करने वाले प्रमुख राज्यों में जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश तथा कम सर्दी वाली किस्मों की खेती उप-उष्ण क्षेत्रों में भी की जा सकती है। दुनिया भर में नाशपाती की कुल 3000 से अधिक प्रजाति उपलब्ध हैं, जिनमें से भारत में नाशपाती की 20 से अधिक किस्मों की खेती करता है

नाशपाती की उन्नत किस्में

भारत में नाशपाती की विभिन्न प्रकार की उन्नत किस्मों की खेती की जाती हैं व उससे उत्पादन भी प्राप्त करते हैं। नाशपाती की अगेती किस्में में लेक्सटन सुपर्ब, थम्ब पियर, शिनसुई, कोसुई, सीनसेकी और अर्ली चाईना आदि प्रमुख हैं। नाशपाती की पछेती किस्में में कान्फ्रेन्स (परागण), काश्मीरी नाशपाती और डायने डयूकोमिस आदि प्रमुख हैं। भारत के मध्यवर्ती, निचले क्षेत्र व घाटियों हेतु नाशपाती की पत्थर नाख, कीफर (परागण), गोला, होसुई, पंत पीयर-18 और चाईना नाशपाती आदि प्रमुख हैं।

नाशपाती के बागान के साथ करें सब्जी की खेती

नाशपाती के बागान में जब तक फल नहीं लगे तब तक उड़द मूंग और तोरिया जैसी फसलों की खेती करके मुनाफा कमाया जा सकता हैं। रबी के मौसम में गेहूं चना और सब्जियों की बुवाई कर सकते हैं। रबी के मौसम में नाशपाती के बागान में आलू मटर बरबट्टी प्याज, टाऊ, गेहूं हल्दी और अदरक की खेती की जा सकती है।

नाशपाती की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु (Pear Farming)

नाशपाती की खेती गर्म आर्द्र उपोष्ण मैदानी क्षेत्रों से लेकर शुष्क शीतोष्ण व ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आसानी से की जाती है। इसकी फलों के अधिक उत्पादन के लिए 10 से 25 डिग्री तक का तापमान अनुकूल रहता है। सर्दी के सीजन में पड़ने वाले पाले और कोहरे से इसके फूलों को बहुत नुकसान होता है।

नाशपाती की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी

नाशपती की खेती करने के लिए मध्यम बनावट वाली बलुई दोमट तथा गहरी मिट्टी उत्तम मानी जाती है। खेत में जल निकास की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। नाशपाती की खेती करने के लिए मिट्टी का पी एच मान 7 से 8.5 के बीच का होना चाहिए।

नाशपाती की खेती के लिए कैसे करें खेत की तैयारी (Nashpati ki kheti)

नाशपाती की खेती करने के लिए भुरभुरी मिट्टी उपयुक्त होती है। इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को मिट्टी पलटने वाले हल या कल्टीवेटर की मदद से 2 से 3 बार गहरी जुताई कर दे। उसके बाद खेत में पानी लगा कर पलेउ करने के लिए छोड़ दें। इसके बाद खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए रोटोवेटर की मदद से 2 से 3 बार जुताई कर दें। 

नाशपाती पौधे की रोपाई और सिंचाई का तरीका

नाशपाती की खेती करने के लिए विभिन्न प्रकार की विधियों का उपयोग किया जाता है आप इसके पौधों की कलम लगाकर नर्सरी में तैयार करके जब पौधे 20 से 25 दिन के हो जाए तो खेत में पौधों की रोपाई कर दे। इसकी खेती में बीज की बुवाई करने के लिए खेत तैयार करने के बाद करें। पौधों के बीच 8x4 मीटर का फासला अवश्य रखें| खेत को अच्छी तरह से समतल करें और पानी के निकास के लिए हल्की ढलान दें।नाशपाती की खेती में पेड़ को एक वर्ष में 75 से 100 सेंटीमीटर बारिश की आवश्यकता होती है। रोपाई के बाद समय-समय पर नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। गर्मियों में 5 से 7 दिन तथा सर्दियों में 15 दिनों के अंतर पर सिंचाई अवश्य करें।

नाशपाती की खेती में खाद और उर्वरक प्रबंधन

नाशपाती की खेती में फल के अच्छे उत्पादन प्राप्त करने के लिए खेत में उचित मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। नाशपाती की खेती में अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट या अच्छी सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए। जब इसका पेड़ 3 साल का हो जाए तो 10 किलो गोबर की खाद, 100 से 300 ग्राम यूरिया, 200 से 300 ग्राम तक सिंगल फास्फेट और 200 से 450 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश एक पेड़ की दर से मिट्टी में मिला दें और उसके बाद सिंचाई कर दें। जब इसका पेड़ 4 से 6 साल का हो जाने पर 25 से 35 किलो गोबर खाद, 400 से 600 ग्राम यूरिया, 800 से 1200  ग्राम सिंगल फास्फेट (SSP), 600 से 900 ग्राम म्यूरेट ऑफ़ पोटाश एक पेड़ की दर से डाले। 

नाशपाती की खेती में खरपतवार नियंत्रण

इसकी खेती करते समय खेत में खरपतवार की रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार समय-समय पर निराई-गुड़ाई करना चाहिए।

नाशपाती के पेड़ की कटाई और छंटाई

नाशपाती के पौधे की शाखाओं को मज़बूत, अधिक पैदावार और बढ़िया गुणवत्ता के फल प्राप्त करने के लिए कंटाई व छंटाई की जाती है। इसके लिए बीमारी-ग्रस्त, नष्ट हो चुकी, टूटी हुई और कमज़ोर शाखाओं की टहनियों को काट कर पेड़ से अलग कर दिया जाता है।

कैसे करें नाशपाती की फल की तुड़ाई

नाशपाती के फलों की तुड़ाई जून के प्रथम सप्ताह से सितम्बर के बीच की जाती हैं। नज़दीकी मंडियों में फल पूरी तरह से पकने के बाद और दूरी वाले स्थानों पर ले जाने के लिए नाशपाती के हरे फल तोड़े जाते हैं। नाशपाती के फल की तुड़ाई का समय किस्म के आधार पर तय होता हैं। इसके फलों के पकने के लिए करीब 145 दिनों की जरूरत होती है, जबकि सामान्य नरम किस्म के लिए 135 से 140 दिन में फल पक कर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाता हैं।

नाशपाती के फल का भंडारण

इसके फलों की तुड़ाई करने के बाद फलों की छंटाई करें, फिर फलों को बॉक्स में स्टोर करके मंडी ले जाया जा सकता है, फलों को 1000 ppm एथेफोन के साथ 4 से 5 मिनट तक के लिए उपचार करें जिससे कच्चे फल भी पक जाये या इनको 24 घंटों के लिए 100 ppm इथाइलीन गैस में रखें और फिर 20° सेंटीग्रेट पर बॉक्स में स्टोर करके रख दें। फलों को 0-1 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान और 90-95 % नमी वाले स्टोर रुम में 60 से 65 दिन तक रखा जा सकता है।

नाशपाती के फल का उत्पादन और कमाई

नाशपाती के प्रति पेड़ से औसतन 4 से 5 क्विंटल के बीच फलों की पैदावार होती है और इसकी कई किस्मों का उत्पादन 6 से 7 क्विंटल तक का होता हैं। इस तरह इसका एक एकड़ में बाग लगाने से 400 से 700 क्विंटल नाशपाती का उत्पादन प्राप्त कर सकते है। नाशपाती की बाजार में कीमत 60 से 100 रुपये किलोग्राम के बीच तक की होती हैं जिससे किसान भाई आसानी से लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back