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बागवानी सब्सिडी : बागवानी फसलों पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

Published - 21 Aug 2021

बागवानी सब्सिडी (Horticulture subsidy) : जानें, क्या है सरकार की योजना और कैसे मिलेगा इसका लाभ

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय दुगुनी करने को लेकर सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर योजनाएं चला रही है। इन्हीं योजनाओं में से बागवानी मिशन भी है। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार की ओर से यहां के किसानों को फलों का बाग लगाने, फूलों की खेती करने और सब्जियों का उत्पादन करने पर 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इससे राज्य के किसानों का रूझान अब बागवानी फसलों के उत्पादन पर होने लगा है। किसान परंपरागत फसलों के उत्पादन से हटकर अब बागवानी फसलों जैसे- अमरूद, आम व अनार के बगीचे लगाकर अपनी आमदनी में इजाफा कर रहे हैं। आज हम किसान भाइयों को इस योजना के बारे में बता रहे हैं ताकि इसका लाभ उठाकर आप भी अपनी आमदनी बढ़ा सके। आशा करते हैं ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। 

 

सबसे पहले सरकार की सभी योजनाओ की जानकारी के लिए डाउनलोड करे, ट्रैक्टर जंक्शन मोबाइल ऍप - http://bit.ly/TJN50K1  


क्या है बागवानी को लेकर हरियाणा सरकार की योजना

किसानों को आत्मनिर्भर बनाने व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार अधिक से अधिक पौधारोपण के लिए प्रयासरत है। इसी के तहत किसानों को फलदार पेड़ों का बाग लगाने पर सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत राज्य स्तर किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान कर रही है। हरियाणा सरकार का मनना है कि किसान परंपरागत खेती को छोडक़र आधुनिक खेती को अपनाना शुरू कर दें ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके। बागवानी फसलों की खेती में किसानों को मेहनत के साथ खर्चा भी कम करना पड़ता है और परंपरागत खेती की तुलना में इनकम भी अच्छी खासी हो जाती है। सही कारण है कि हरियाणा सरकार चाहती है कि किसान बागवानी फसलों की रूचि दिखाएं ताकि उनको अच्छा लाभ मिल सके। 


हरियाणा में किसानों का बढ़ा रहा है बागवानी फसलों की ओर से रूझान

पिछले मानसून सीजन हरियाणा के चरखी दादरी जिले में डेढ़ सौ से अधिक एकड़ में किसान अमरुद, अनार व नींबू वर्गीय फलों के बाग लगाए थे। वर्तमान में बागवानी के लिए उपयुक्त समय चल रहा है। यहां किसान बागवानी फसलों के उत्पादन की ओर रूचि दिखा रहे हैं। इसके चलते यहां बागवानी के क्षेत्र में और भी इजाफा हो सकता है। कुछ समय पहले तक किसान अपने खेतों में परंपरागत रूप से कपास, बाजरा, गेहूं, सरसों आदि की खेती करते आ रहे थे। जिसके लिए किसानों को अधिक मेहनत, खर्च करने पर अच्छी आमदनी नहीं हो पाती है। इसी के चलते किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। 


किन-किन बागवानी फसलों कितनी पर मिलती है सहायता

बागवानी में रूचि रखने वाले किसानों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके तहत निर्धारित प्रक्रिया को पूरी करने के बाद बाग लगाने वाले किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी दी जाती है। राज्य सरकार की ओर से निर्धारित की गई सब्सिडी के अनुसार अमरूद के लिए प्रति हैक्टेयर 11 हजार 502 व 15495 रुपए, अनार के लिए 15 हजार 900 रुपए, आंवला का बाग लगाने पर 15 हजार रुपए की सब्सिडी और नींबू वर्गीय बाग के लिए 12 हजार 2 रुपए प्रदान किए जाते हैं। बता दें कि इस सब्सिडी योजना के तहत एक किसान 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है।


सब्सिडी के लिए आवेदन की क्या है प्रक्रिया

इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021 में जो किसान एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत बाग लगा चुके हैं, वह भी सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। ध्यान रहे कि किसानों को नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा सत्यापित नर्सरी के बिल की रिपोर्ट भी लेकर जाना होगा।


बागवानी के लिए किसान कहां से खरीद सकते हैं बीज

वर्तमान समय बाग लगाने के लिए बेहद अनुकूल है इसलिए किसान खेत को अच्छी प्रकार से तैयार कर बाग लगा सकते हैं। बाग लगाने के लिए किसान पौधे नेशनल होर्टीकल्चर बोर्ड से पंजीकृत नर्सरी से ही खरीद सकते हैं। 


ड्रीप सिंचाई सिस्टम पर भी दी जा रही सब्सिडी

बागवानी करने वाले अधिकतर किसानों द्वारा ड्रीप सिस्टम से ही सिंचाई की जाती है। जिसके लिए किसानों को काफी रुपए खर्च करने पड़ते थे। लेकिन वर्तमान में झोझू, बाढड़ा क्षेत्र के किसानों को ड्रीप सिस्टम के लिए सौ फीसद सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा बौंद व दादरी खंड में 85 फीसद सब्सिडी देने की योजना है। इन क्षेत्रों में ड्रीप लगवाने वाले किसानों को केवल जीएसटी का ही वहन करना पकड़ता है।  

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