प्रकाशित - 23 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस समय देश में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) पर रबी फसलों की खरीद की जा रही है। गेहूं के साथ ही चना (Gram) व सरसों (Mustard) खरीदी का काम भी शुरू हो गया है। इसी बीच किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। सरकार ने चने के भावों में आई गिरावट को देखते हुए कुछ राज्यों में एमएसपी (MSP) पर अपने निर्धारित लक्ष्य को बढ़ा दिया है। इसी कड़ी में राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य चने व सरसों की खरीद के लिए पंजीयन सीमा को बढ़ा दिया है। अब राज्य के किसान निर्धारित खरीद सीमा से 10 प्रतिशत अधिक फसल एमएसपी पर बेचने के लिए पंजीयन करा सकते हैं। इससे किसान को यह लाभ होगा कि अब वे अपनी चना व सरसों की अधिक उपज सरकार को बेचकर एमएसपी का लाभ उठा सकेंगे।
बता दें कि इस समय बाजार में चना और सरसों के भावों में गिरावट देखी गई है जिससे कई किसानों को सरसों के बेहतर भाव नहीं मिल पा रहे हैं। हालात यह है कि कई जगह पर तो किसान को अपनी चने व सरसों की फसल को एमएसपी (MSP) से नीचे बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से पंजीयन सीमा में बढ़ोतरी करना किसानों को राहत प्रदान कर सकता है।
राज्य सरकार के पंजीयन सीमा को बढ़ाने से अब उन किसानों को भी लाभ मिल सकेगा जिन्होंने अभी तक एमएसपी पर चना व सरसों की फसल बेचने के लिए पंजीयन नहीं कराया था। इस संबंध में राजफैड के प्रबंध निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में चना व सरसों की खरीद के लिए कृषक पंजीयन सीमा को 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। इस फैसले से चने व सरसों के लिए कुल 68,386 किसानों को अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि बढ़ी हुई पंजीयन सीमा का लाभ किसान 18 अप्रैल से प्राप्त कर सकते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से हर रबी और खरीफ सीजन से पहले इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है और उसी मूल्य पर पूरे देश में किसानों से फसलों की सरकारी खरीद की जाती है। इस बार भी केंद्र सरकार की ओर से रबी फसलों का एमएसपी घोषित किया हुआ है। उसके अनुसार किसानों से सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। वहीं चने का एमएसपी 5440 रुपए निर्धारित किया गया है। किसानों से इसी रेट पर सरसों व चने की खरीद की जाएगी।
प्रबंध निदेशक राजफैड के मुताबिक इस साल राजस्थान में केंद्र सरकार की ओर से सरसों की खरीद के लिए 14,61,028 मैट्रिक टन और चने की खरीद के लिए 4,52,365 मैट्रिक टन लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य के 5 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें 16 अप्रैल तक राज्य में सरसों के लिए 2 लाख 52 हजार 319 और चने के लिए 33 हजार 282 किसानों ने पंजीयन कराया है। इस प्रकार अब तक चना व सरसों के लिए कुल 2 लाख 85 हजार 601 किसानों ने पंजीयन कराया है। इसमें से अभी तक सरकार की ओर से कुल 66,424 किसानों को चना एवं सरसों बेचने के लिए दिनांक का आवंटन किया जा चुका है जिसमें सरसों की फसल बेचने के लिए 52,547 और चने की फसल बेचने के लिए 13,877 किसान शामिल हैं। वहीं अभी तक 20,675 किसानों से करीब 44,665 मैट्रिक टन सरसों व चना की खरीद की गई है। इस तरह चना व सरसों की कुल राशि 252 करोड़ रुपए की खरीद किसानों से की जा चुकी है।
राज्य के जो किसान एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना व सरसों की फसल बेचना चाहते हैं उन्हें इसके लिए पंजीयन कराना होगा। किसान अपना पंजीयन खरीद केंद्र या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से करा सकते हैं। पंजीयन कराते समय किसान को गिरदावरी, बैंक पासबुक, जनआधार कार्ड आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। वहीं राजफैड की ओर से अपील की गई है कि जो किसान एमएसपी पर चना व सरसों बेचना चाहते हैं वे जल्द से जल्द अपना पंजीयन कराएं ताकि उन्हें जिंस तुलाई के लिए प्राथमिकता पर दिनांक का आवंटन किया जा सके। इसी के साथ ही राजफैड ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को सुखाकर अनुज्ञय मात्रा की नमी काे साफ-सुथरा कर एफ.ए.क्यू. मापदंडों के अनुरूप चना व सरसों तुलाई के लिए केंद्रों पर लेकर आए। किसानों की समस्या के समाधान के लिए किसान हेल्पलाइन नंबर 18001806001 स्थापित किया गया है। किसान इसके माध्यम से अपनी समस्या का निराकरण कर सकते हैं।
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