Published - 02 Dec 2021
देश में चीनी मिलों में पेराई सत्र की शुरुआत के साथ ही गन्ना की खरीद भी शुरू हो गई है। किसान चीनी मिलों को गन्ना बेचने के लिए पहुंचने लगे हैं। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश राज्य में भी पेराई सत्र की शुरुआत के साथ ही किसानों को चीनी मिलों पर बकाया राशि का भुगतान किया गया है। राज्य के किसानों को चीनी मिलों की ओर से करीब 553.26 करोड़ का भुगतान किया गया है। बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार की ओर से चीनी मिलों को गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर निर्देश दिए गए थे।
राज्य सरकार ने किसानों को बकाया भुगतान तथा इस सत्र में गन्ने के भुगतान करने के आदेश चीनी मिलों को दे दिए हैं, जिससे चीनी मिलों ने किसानों को भुगतान करना शुरू कर दिया है। त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान के दृष्टिगत वर्तमान पेराई सत्र 2021-22 के लिए देय गन्ना मूल्य रु. 510.20 करोड़ के सापेक्ष रु. 553.26 करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कर दिया है, जो देय गन्ना मूल्य से 43.06 करोड़ रुपए अधिक है।
देश के अधिकांश राज्यों में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 की शुरुआत हो चुकी है। इसी क्रम में उत्तरप्रदेश की चीनी मिलों में गन्ना पेराई का कार्य शुरू हो गया है। राज्य के किसान अपना गन्ना लेकर चीनी मिलों पर पहुंचने लगे हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को टोकन जारी किए जा रहे हैं। बता दें कि 7 राज्य में कुल 120 चीनी मिलें हैं जो सहकारी, निगम तथा निजी क्षेत्र की है, जिनमें से 92 चीनी मिलों में गन्ना पेराई का कार्य शुरू हो चुका है। इसमें से निगम क्षेत्र की एक, सहकारी क्षेत्र की 17 तथा निजी क्षेत्र की 74 चीनी मिलें शामिल है। जहां पर किसान बिक्री के लिए गन्ना लेकर पहुंच रहे हैं।
प्रदेश की अन्य 17 चीनी मिलों द्वारा अपना पेराई कार्य शुरू करने की समस्त औपचारिक तैयारी कर गन्ना खरीद हेतु इंडेंट जारी किया जा चुका है। इन चीनी मिलों का संचालन भी अगले दो से तीन दिनों में शुरू हो जाएगा। शेष 11 चीनी मिलें भी शीघ्र ही शुरू हो जाएंगी। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि संचालित चीनी मिलों में निगम क्षेत्र की मोहद्दीनपुर तथा सहकारी क्षेत्र की ननौता, सरसांवा, मोरना, बागपत, रमाला, अनूपशहर, स्नेहरोड़, गजरौला, सेमीखेड़ा, बीसलपुर, पूरनपुर, तिलहर, पुवांया, बंदायू, कायमगंज, बेलरायां एवं नानपारा चीनी मिलें शामिल हैं।
निजी क्षेत्र की चीनी मिलों में मोदी समूह की 02, डी.सी.एम. श्रीराम समूह की 04, मवाना समूह की 02, राणा समूह की 04, उत्तम समूह की 03, डालमिया समूह की 03, त्रिवेणी समूह की 07, धामपुर समूह की 05, वेव समूह की 04, द्वारिकेश समूह की 03, यदु समूह की 02 मिलों सहित इन सभी समूहों की प्रदेश में स्थित सभी चीनी मिलों तथा एकल समूहों की 13 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। उपरोक्त के अतिरिक्त सिम्भावली समूह की 03 में से 02, बजाज समूह की 14 में से 09, बलरामपुर समूह की 10 में से 05, आई.पी.एल. समूह की 06 में से 03 एवं बिरला समूह की 04 में से 03 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य शुरू किया जा चुका है।
प्रदेश सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए गन्ने की अधिक पैदावार होने पर लक्ष्य का निर्धारण किया है। इसके अनुसार सीमांत कृषकों से (एक हेक्टेयर तक) 1350 क्विंटल तक गन्ने खरीद का लक्ष्य है। लघु सीमांत किसानों से (दो हेक्टेयर तक) 2700 क्विंटल तक गन्ना की खरीद की जाएगी। वहीं सामान्य कृषकों से (5 हेक्टेयर तक) 6750 क्विंटल तक गन्ना की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उत्तरप्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों से गन्ना खरीद के लिए नई सट्टा नीति की घोषणा कर दी है। इसके अनुसार किसानों से पीटीआई हेक्टेयर गन्ना की खरीद की जाएगी। इस वर्ष के लिए तय की गई सट्टा नीति इस प्रकार से है-
इसके अलावा उपज में बढ़ोतरी की दशा में गन्ने की खरीदी लक्ष्य को बढ़ाया जा सकता है।
उत्तरप्रदेश में अब 325 रुपए प्रति क्विंटल वाले गन्ने का मूल्य बढ़ाकर 350 रुपए प्रति क्विंटल, 315 रुपए प्रति क्विंटल के सामान्य गन्ने का मूल्य 340 रुपए प्रति क्विंटल तथा अनुपयुक्त गन्ने के गन्ना मूल्य में 25 रुपए प्रति क्विंटल वृद्धि की है।
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