प्रकाशित - 11 Dec 2024
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि "केंद्र सरकार सभी कृषि उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। इसके अलावा हमारी सरकार फसलों पर लागत से 50 प्रतिशत से अधिक एमएसपी तय करेगी।"
कृषि मंत्री ने किसानों को एमएसपी के मुद्दे पर प्रश्नकाल के दौरान दिए जवाब में यह आश्वासन दिया। कृषि मंत्री की ओर से यह दावा ऐसे समय में आया है जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच को निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान की सेवा, भगवान की सेवा के बराबर है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने सदन में कहा कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसानों की सभी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाएगा। यह मोदी सरकार है और मोदी की गारंटी, वादा पूरा करने की गारंटी है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब यह सत्ता में थे तो उन्होंने रिकॉर्ड पर कहा था कि वे एमएस स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं कर सकते। खासकर फसल लागत से 50 प्रतिशत अधिक देने की बात को।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि 2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गणना करने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार पहले से ही किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दे रही है। किसानों से धान, गेहूं, सोयाबीन, ज्वार को तीन साल पहले उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक पर खरीदा जा रहा था। उन्होंने वस्तुओं की दरों में गिरावट आने पर निर्यात शुल्क और कीमतों को बदलने में हस्तक्षेप की बात को भी सदन में कही।
किसानों की कर्जमाफी के सवाल का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार दूरदर्शी है, हम खेती में उत्पादन बढ़ाएंगे, उत्पादन की लागत घटाएंगे, उत्पादन का उचित मूल्य देंगे, नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana) से करेंगे। हम कृषि का विविधीकरण कर और प्राकृतिक खेती (Natural Farming) की ओर ले जाकर किसानों की आय बढ़ाएंगे। ऐसा करने पर किसानों को बार-बार कर्ज माफी की मांग नहीं करनी पड़ेगी।
रबी सीजन की शुरुआत के पहले केंद्र सरकार द्वारा रबी की प्रमुख 6 फसलों का एमएसपी (MSP) घोषित किया गया। इसके तहत इन छह फसलों के लिए इस बार तय किए गए एमएसपी में पिछले साल के मुकाबले कितनी बढ़ोतरी हुई, इस पर एक नजर डालते हैं-
सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी उसकी उत्पादन लागत को ध्यान में रखकर निर्धारित करती है। यहां उत्पादन लागत से तात्पर्य फसल की उन लागतों से हैं जिसमें सभी भुगतान की गई लागतें शामिल है। इसमें किराये पर लिए गए मानव श्रम, बैल, श्रम या मशीन श्रम, पट्टे पर ली गई भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया, बीज, उर्वरक, खाद जैसी सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्च, सिंचाई शुल्क, औजारों और कृषि भवनों पर मूल्यह्रास, कार्यशील पूंजी पर ब्याज, पंप सेटों आदि के संचालन के लिए डीजल या बिजली, विविध व्यय और किसान के पारिवारिक श्रम मूल्य शामिल किया जाता है।
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