प्रकाशित - 25 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
धान किसानों के लिए एक खुशखबर सामने आई है। राज्य सरकार की ओर से किसानों को धान की खरीद पर 500 रुपए बोनस का ऐलान कर दिया गया है। अब राज्य के किसानों को अगले खरीफ विपणन सीजन में धान विक्रय पर प्रति क्विंटल 500 रुपए का बोनस दिया जाएगा। लेकिन इसी के साथ राज्य सरकार की ओर से इसके लिए एक शर्त रखी गई है। इसके तहत राज्य के किसानों को धान पर 500 रुपए बोनस का लाभ धान की लंबी किस्मों के लिए दिया जाएगा। ऐसे में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किसानों से लंबी किस्म के धान की खेती करने की बात कही है। यदि प्रदेश के किसान लंबी धान की किस्म की खेती करते हैं तो इसके एमएसपी पर बेचने पर उन्हें एमएसपी से 500 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त लाभ बोनस के रूप में दिया जाएगा।
राज्य में दो तरह के धान की खेती होती है जिसमें लंबा धान और मोटा धान है। इसमें मोटे धान की खेती प्रदेश में काफी ज्यादा की जाती है जबकि लंबे धान की खेती बहुत कम किसान करते हैं। मोटे धान का रेट, बढ़िया किस्म के चावल से कम है। वहीं अच्छी किस्म के चावल का भाव एमएसपी से ऊपर है। ऐसे में सरकार की ओर से बढ़िया किस्म के धान पर बोनस दिए जाने को विपक्ष की ओर से अनुचित बताया गया है। विपक्षी नेता का कहना है कि यदि धान पर बोनस देना है तो धान की सभी किस्म पर बोनस दिया जाना चाहिए। एक अनुमान के मुताबिक तेलंगाना राज्य में करीब 90 प्रतिशत मोटे धान की खेती की जाती है जबकि 10 प्रतिशत ही लंबा धान जो अच्छी क्वालिटी का होता है उत्पादित किया जाता है। इधर भारत राष्ट्र समिति ने कांग्रेस सरकार से केवल उत्तम किस्म के चावल पर 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने के फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट मुताबिक मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे कि राज्य के बाहर से धान को बाजार में आने की अनुमति नहीं मिले। इसी के साथ ही उन्होंने 2 लाख रुपए तक की फसल ऋण माफी का वादा 15 अगस्त को या उससे पहले लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी पहले ही ऋण माफी के कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दे चुके हैं और सरकार इसे हर तरह से पूरा करेगी।
उन्होंने बताया कि संसदीय चुनाव के बाद नए राशन कार्ड जारी किए जाएंगे। इस संबंध में राज्य कैबिनेट द्वारा पहले ही निर्णय लिया जा चुका है। लेकिन चुनाव के कारण आचार संहिता लगने के कारण इसे तुरंत लागू नहीं किया जा सका। उत्तम रेड्डी ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जल्द से जल्द एक मजबूत वित्तीय प्रणाली स्थापित हो ताकि लोगों को दी गई हर प्रतिबद्धता पूरी हो सके।
राज्य में रबी सीजन के दौरान उगाई गई धान की खरीद अभी जारी है। यहां अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 36 लाख टन मीट्रिक टन से अधिक धान किसानों से खरीदा जा चुका है। श्री निवास रेड्डी ने कहा कि एमएसपी के अनुसार किसानों को एमएसपी पर धान खरीदी के एवज में दी जाने वाली राशि तीन दिन के अंदर उनके बैंक खातों जमा की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों से एमएसपी पर धान का आखिरी दाना तक खरीदने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
तेलंगाना दक्षिण भारत में आता है। यहां पर करीब 44 लाख एकड़ में धान की खेती की जाती है। हालांकि इन दिनों जलवायु परिवर्तन के दौरान बारिश की कमी के कारण धान की फसल प्रभावित हुई है जिससे यहां चावल के क्षेत्र में कमी देखने को मिली है।
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