प्रकाशित - 25 Jul 2024
देश के कई राज्यों में जमकर बारिश हो रही है तो कई राज्यों में कम बारिश से किसान परेशान है। इस कारण कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की स्थिति बन रही है। विदर्भ में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु में इस सीजन में औसत से दोगुना बारिश हो रही है। झारखंड-बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ में औसत से कम बारिश की रिपोर्ट दर्ज की गई है। विदर्भ में भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। लगातार बारिश, बाढ़ और जलजमाव से आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक बारिश से 50 हजार से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। सरकार ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही मुआवजे की घोषणा का ऐलान करेगी।
विदर्भ में 19 जुलाई से लगातार बारिश हो रही है। जिसके कारण नदियां व नाले उफान पर है और खेतों में पानी भर गया है और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश से फसल नुकसान के शुरुआती अनुमान के अनुसार करीब 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बारिश का पानी भर गया है। करीब 50 हजार किसान नुकसान की चपेट में है। इन प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार नागपुर डिविजन के नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, गढ़चिरौली, गोंडिया और भंडरा में बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
बारिश से फसल नुकसान के आंकड़ों के अनुसार नागपुर जिले के 9 तालुकाओं में लगभग 6,763 हेक्टेयर में फसल को नुकसान पहुंचा है और करीब 6,650 किसान प्रभावित हुए हैं। चंद्रपुर जिले के 12 तालुकाओं में 11,229 हेक्टेयर में किसानों की खेती बर्बाद हुई है। करीब 15,525 किसानों को नुकसान पहुंचने का अनुमान है। गढ़चिरौली के 12 तालुकाओं में 8,277 हेक्टेयर खेतों में फसल नुकसान से 9,780 किसान प्रभावित हुए हैं। गोंडिया में 865 किसान प्रभावित हुए हैं यहां पर 482 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है। वर्धा के पांच तालुकाओं में 4,839 हेक्टेयर में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। भंडरा में 8,575 हेक्टेयर में खेती बरसात से प्रभावित हुई है और 16,110 किसानों को नुकसान पहुंचा है।
महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र अपने बासमती चावल के लिए प्रसिद्ध है। यहां के किसान चावल के अलावा कपास, मिर्च, सोयाबीन और सब्जियों की खेती करते हैं। बारिश से खरीफ सीजन की उपरोक्त फसलों व सब्जियों की खेती को नुकसान पहुंचा है। नागपुर डिविजन में अब तक 134.35 एमएम अधिक बारिश हुई है। इस क्षेत्र में अब तक 682.2 एमएम बरसात हुई है जबकि यहां पर सामान्य तौर पर 467.6 एमएम बारिश होती है।
जुलाई महीने के शुरुआत दिनों में विदर्भ में मानसून रूठा हुआ था। 9-10 जुलाई से बारिश का दौर शुरू हुआ है। अब कई जिलों में भारी बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है। बारिश से फसल नुकसान का आकलन किया जा रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कृषि विभाग के संभागीय संयुक्त निदेशक ने अपने प्रारंभिक अनुमान में कहा है कि क्षेत्र में भारी बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है इससे किसान प्रभावित हुए हैं। नुकसान का आकलन कर जरूरी सुविधा किसानों तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार एक जून से 20 जुलाई की अवधि के दौरान झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और बिहार में 20 से 49 फीसदी तक कम बारिश हुई है। राज्यवार देखें तो झारखंड में इस बार 49 फीसदी तक कम बारिश हुई है। वहीं दक्षिण के चार राज्यों सहित छह राज्यों में औसत से काफी अधिक बारिश देखी गई। तमिलनाडु में 83 फीसदी अधिक बरसात हुई है। हालांकि पूरे देश के संदर्भ में देखें तो औसत बारिश में केवल एक फीसदी की कमी है। इस बार उत्तर-पश्चिम इलाके में 14 फीसदी, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 12 फीसदी की कमी देखी गई।
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