user profile

New User

Connect with Tractor Junction

धान की सीधी बिजाई पर किसानों को मिलेगा 1500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान

Published - 02 May 2022

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

इस समय रबी की फसल की कटाई और विक्रय का कार्य किया जा रहा है। इसके बाद किसान खरीफ फसलों की बुवाई करेंगे। खरीफ की फसल में धान का अपना एक विशेष स्थान है। भारत के कई राज्यों में धान की खेती की जाती है। इसमें पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, पंजाब, उड़ीसा, बिहार व छत्तीसगढ़ हैं। पूरे देश में 36.95 मिलियन हेक्टेयर में धान की खेती होती है। वर्तमान में भूमि के गिरते जल स्तर और पानी की समस्या को देखते हुए पंजाब में किसानों को धान की सीधी बुवाई करने की सलाह दी जा रही है। इसके लिए पंजाब सरकार की ओर से किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। 

सीधी बिजाई तकनीक से होगी पानी की बचत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीते दिनों किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। यहां किसानों को राज्य सरकार की ओर से धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप की सरकार ने धान की सीधी उपजाई करने वाले हर किसान को 1500 रुपए प्रति एकड़ सहायता देने का फैसला किया है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को धान की सीधी उपजाई करने के लिए प्रेरित करें। इससे धान की उपज भी बढ़ेगी और पानी की भी बचत होगी। 

किन किसानों को मिलेगा धान की खेती पर अनुदान का लाभ

जानकारी के लिए बता दें कि धान की बुवाई दो प्रकार से की जाती है पहला सीधी बिजाई जिसके तहत किसान धान के बीज को सीधे खेत में छिडक़ाव करके या सीड ड्रिल से बोते हैं। दूसरा धान की पहले नर्सरी तैयार करते हैं उसके बाद खेत में बुवाई करते हैं। नर्सरी तैयार करके बुवाई करने पर धान की खेती में अधिक पानी की जरूरत होती है। पंजाब सरकार धान की खेती में कम पानी में करने के लिए धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों 1500 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान प्रदान करेगी।

धान की सीधी बुवाई का क्या है तरीका या विधि

धान की सीधी बुआई दो विधिओं से की जाती है। एक विधि में खेत तैयार कर ड्रिल द्वारा बीज बोया जाता है। बुआई के समय खेत में पर्याप्त नमीं होना आवश्यक है। दूसरी विधि में खेत में लेव लगाकर अंकुरित बीजों को ड्रम सीडर द्वारा बोया जाता है। बुवाई से पूर्व धान के खेत को समतल कर लेना चाहिए। धान की सीधी बुवाई करते समय बीज को 2-3 सेंटीमीटर गहराई पर ही बोना चाहिए। मशीन द्वारा सीधी बुवाई में कतार से कतार की दूरी 18-22 से.मी. तथा पौधे की दूरी 5-10 से.मी. होती है। इस विधि में वर्षा होने से पूर्व खेत तैयार कर सूखे खेत में धान की बिजाई की जाती है। अधिक उत्पादन के लिए इस विधि से बुआई जुताई करने के बाद जून के प्रथम सप्ताह में बैल चलित बुआई यंत्र (नारी हल में पोरा लगाकर) अथवा ट्रैक्टर चलित सीड ड्रिल द्वारा कतारों में 20 सेमी. की दूरी पर करनी चाहिए। 

धान की सीधी बुवाई में प्रयोग में आने वाली मशीन

धान की सीधी बुवाई के लिए जीरो टिल ड्रिल अथवा मल्टीक्रॉप प्रयोग में लाया जाता है। सीधी बुआई हेतु बैल चलित सीड ड्रिल का भी उपयोग किया जा सकता है। जिन खेतों में फसलों के अवशेष हो और जमीन आच्छादित हो वहां हैपी सीडर या रोटरी डिस्क ड्रिल जैसी मशीनों से धान की बुवाई करनी चाहिए। नौ कतार वाली जीरो टिल ड्रिल से करीब प्रति घंटा एक एकड़ में धान की सीधी बुवाई हो जाती है। धान की बुवाई करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त नमी हो। 

धान की सीधी बुवाई में लगने वाले बीज की मात्रा

सामान्यत:  किसान सीधी बुआई में 75-100 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर प्रयोग करते है, जो कि सही नहीं है। बीज दर को कम करके उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है। सीधी बुवाई विधि के लिए 45 से 50 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बीज प्रमाणित हो तथा उनकी जमाव क्षमता 85-90 प्रतिशत होनी चाहिए। अंकुरण क्षमता कम होने पर बीज दर बढ़ा लेना जरूरी है। बुवाई से पहले धान के बीजों का उपचार करना बेहद जरूरी है। इसके लिए एक किलोग्राम बीज की मात्रा के लिए 0.2 ग्राम स्ट्रेप्टोसाईक्लिन के साथ 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर बीज को दो घंटे छाया में सुखाकर सीड ड्रिल मशीन द्वारा बुआई की जाती है।

धान की सीधी बुवाई तकनीक के क्या होते हैं लाभ

धान की सीधी बुवाई के कई लाभ होते हैं। इसमें पानी कम लगता है और लागत में भी कमी आती है। धान की सीधी बुवाई के लाभ इस प्रकार से हैं-

  • रोपाई वाली विधि की तुलना में सीधी बुआई तकनीक से 20 से 25 प्रतिशत पानी की बचत होती है क्योंकि इस विधि से धान की बुवाई करने पर खेत में लगातार पानी बनाए रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
  • इस विधि से किसान भाई जीरो टिलेज मशीन में खाद व बीज डालकर आसानी से बुवाई कर सकते हैं। इससे बीज की बचत होती है और उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ती है।
  • सीधी बुआई करने से रोपाई की तुलना में 25-30 श्रमिक प्रति हेक्टेयर की बचत होती है। 
  • इस विधि में समय की बचत भी हो जाती है क्योंकि इस विधि में धान की पौध तैयार और रोपाई करने की जरूरत नहीं पड़ती है।
  • धान की नर्सरी उगाने, खेत मचाने तथा खेत में पौध रोपण का खर्च बच जाता है। इस प्रकार सीधी बुआई में उत्पादन व्यय कम आता है।
  • रोपाई वाली विधि की तुलना में इस तकनीक में उर्जा व इंधन की बचत होती है प्रति हेक्टेयर 35-40 लीटर डीजल की बचत होती है।
  • समय से धान की बुआई संपन्न हो जाती है इससे इसकी उपज अधिक मिलने की संभावना होती है।
  • सीधी बुआई का धान रोपित धान की अपेक्षा 7-10 दिन पहले पक जाता है जिससे रबी फसलों की समय पर बुआई की जा सकती है। 

धान की खेती रोपाई विधि से करने पर खेत की मचाई (लेव) करने की जरूरत पड़ती है जिससे भूमि की भौतिक दशा पर विपरीत प्रभाव पड़ता है जबकि सीधी बुवाई तकनीक से मिट्टी की भौतिक दशा पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।


अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

Certified Used Tractors

Swaraj 744 एक्स टी
₹ 1.45 Lakh Total Savings

Swaraj 744 एक्स टी

45 HP | 2024 Model | Rajgarh, Madhya Pradesh

₹ 6,50,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Mahindra युवो टेक प्लस 575
₹ 1.60 Lakh Total Savings

Mahindra युवो टेक प्लस 575

47 HP | 2023 Model | Ujjain, Madhya Pradesh

₹ 6,50,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Swaraj 855 एफई 4WD
₹ 0.78 Lakh Total Savings

Swaraj 855 एफई 4WD

48 HP | 2024 Model | Dewas, Madhya Pradesh

₹ 9,70,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller
Swaraj 717
₹ 0.75 Lakh Total Savings

Swaraj 717

15 HP | 2023 Model | Ajmer, Rajasthan

₹ 2,75,000
Certified
icon icon-phone-callContact Seller

View All

Whatsapp-close Whatsapp icon

ट्रैक्टर की दुनिया की हर ख़बर,
सिर्फ ट्रैक्टर जंक्शन व्हाट्सएप पर!

यहाँ क्लिक करें