इन टॉप 5 फूलों की खेती से बढ़ेगी किसानों की इनकम

Share Product प्रकाशित - 13 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

इन टॉप 5 फूलों की खेती से बढ़ेगी किसानों की इनकम

जानें, किन फूलों की है बाजार में डिमांड और इनकी खेती से कितना हो सकता है मुनाफा 

कृषि के इस आधुनिक दौर में किसान लगातार मुनाफे वाले खेती की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए जरूरी है कि किसान मार्केट के डिमांड के अनुरुप खेती करें ताकि उन्हें उनकी फसलों की कीमत अच्छी मिल सके। गौरतलब है कि केंद्र सरकार हो अथवा राज्य सरकारें, सभी किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यही वजह है कि किसानों को औषधीय एवं नकदी फसलों की खेती के लिए सरकार द्वारा भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में आज हम आपको टॉप 5 फूलों की खेती (top 5 flower cultivation) के बारे में जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप इन फूलों की खेती करके बाजार में अपनी फसल को अच्छी कीमत पर बेचकर बेहतर मुनाफा कमा सकें। 

गुलाब की खेती (Rose Cultivation)

टॉप 5 की लिस्ट में गुलाब की खेती पहले स्थान पर है, इसका बड़ा कारण है गुलाब का बढ़ता मार्केट। गुलाब का प्रचलन (rose trends) दैनिक उपयोग में भी बढ़ता जा रहा है, न सिर्फ पूजा पाठ और डेकोरेशन के लिए बल्कि गुलाब के कई औषधीय उपयोग (medicinal use) भी है। गुलाब जल, तेल आदि का निर्माण भी गुलाब की फसल (rose crop) से किया जाता है। बता दें कि इसकी अच्छी पैदावार के लिए रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। मिट्टी की जांच करवा लें, गुलाब की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.6 के बीच होना जरूरी है। कमाई की बात करें तो गुलाब की खेती से सामान्यतः किसान 2 लाख रुपए प्रति एकड़ कमाई कर सकते हैं। हालांकि कमाई पूरी तरह बाजार मूल्य, फसल की गुणवत्ता, और उत्पादकता पर निर्भर करेगी। उत्पादकता बढ़ाने के लिए गुलाब की खेती में अच्छी किस्मों का चयन करना जरूरी है। किसान गुलाब की अच्छी किस्म की खेती कर अपने उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। गुलाब की सबसे अच्छी किस्म में से एक हाइब्रिड टी (hybrid tea) किस्म है। किसान अपने नजदीकी कृषि सलाहकार से संपर्क कर, बाजार की मांग को देख कर और समझ कर इस खेती की शुरुआत कर सकते हैं।

सूर्यमुखी की खेती (Sunflower Farming)

सूर्यमुखी न सिर्फ एक फूल है, बल्कि सूर्यमुखी के अनेकों उपयोग (use of sunflower) हैं। पशुओं के चारे के रूप में, खाद्य तेल के रूप में और कीटाणु रोधी औषधि के रूप में भी इसे उपयोग में लाया जाता है। साथ ही आकर्षक दिखने की वजह से इसे अपने बगीचे में लगाकर बगीचे की शोभा भी बढ़ा सकते हैं। जलवायु परिवर्तन से इस खेती पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है, इसलिए किसान, थोड़ा बहुत मौसम का कहर दिखने पर अच्छे फसल की उम्मीद कर सकते हैं। बता दें कि सूर्यमुखी प्रोटीन का भी एक अच्छा स्रोत है। सूर्यमुखी की खेती प्रक्रिया में अच्छी सुखी और ड्रेनेज वाली भूमि का चयन करना, बीज की उगाई, फसल की अच्छी देखभाल आदि शामिल है। बता दें कि बुआई से 2 या 3 सप्ताह पहले ही सूर्यमुखी के बीजों (sunflower seed) को उगा लेना ठीक होता है। सामान्यतः सूरजमुखी का सरकारी खरीद भाव (government purchase price of sunflower) 3950 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है। एक क्विंटल से 110 किलो से लेकर 120 किलो तेल निकल सकता है। अगर किसान एक हेक्टेयर सूरजमुखी की खेती करें तो सामान्यतः लागत 20 से 25 हजार लगेगी। और तीन महीने के बाद जब कटाई होगी तो 1 लाख रुपए की कमाई हो सकती है। 

गेंदा की खेती (Marigold Cultivation)

गेंदा की खेती, किसानों के लिए एक फायदे का सौदा बन सकती है। गेंदा का उपयोग (use of marigold) डेकोरेशन, सजावट और इत्र तैयार करने के लिए भी होता है। कम सिंचाई की मांग और कम लागत की वजह से ये खेती किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है। बता दें कि 2.5 से 3 महीने में गेंदा की फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। कई बार सीजन में इस फूल की कीमत 70 रुपए प्रति किलो पहुंच जाती है। अगर किसान, एक एकड़ जमीन पर गेंदा की खेती करते हैं तो हर साल 5 लाख से 7 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं। हालांकि कमाई, फसल की उत्पादकता, मिट्टी की गुणवत्ता, बाजार मूल्य आदि पर भी निर्भर करेगी। गेंदा की खेती करने के तरीके या प्रक्रिया में अच्छी भूमि का चयन, अच्छे बीज का चयन, बुआई, फसल की देखभाल, कटाई एवं उपज शामिल है। बता दें कि बीज बोने से पहले मिट्टी को 2 से 3 सेंटीमीटर तक खोदें और खाद डालें। खेती की शुरुआत करने से पहले नजदीकी किसान सलाहकार से संपर्क करें और मिट्टी की जांच जरूर करवाएं।

चमेली की खेती (Jasmine Cultivation)

फूलों की खेती (flower farming) में चमेली की लोकप्रियता काफी बढ़ी है, बहुत सारे किसान चमेली की खेती करना पसंद कर रहे हैं क्योंकि इस खेती से किसानों को व्यापक लाभ हैं। बता दें कि चमेली का उपयोग (use of jasmine) तेल, इत्र और दवाई के लिए तो की ही जाती है, साथ ही आकर्षक दिखने की वजह से इन फूलों का उपयोग बागवानी को सुंदर बनाने और डेकोरेशन के लिए भी किया जाता है। इस खेती के लिए समृद्ध और नमी भरी मिट्टी की जरूरत होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई (drip or sprinkler irrigation) की सुविधा हो तो ये खेती किसानों के लिए बहुत अच्छी साबित हो सकती है। अगर कमाई की बात करें तो चमेली की खेती से कमाई कितनी होगी, ये पूरी तरह उत्पादकता, बाजार मूल्य और फसल की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। लेकिन चमेली की खेती से सामान्यतः प्रति एकड़ 50,000 रुपए से 1 लाख रुपए तक कमाई की जा सकती है। इस खेती की प्रक्रिया में अच्छे बीजों का चयन, बीजों की अच्छी उगाई, अच्छी और धीमी सिंचाई, उपयुक्त रसायनिक खाद का उपयोग शामिल है। बीज की अच्छी उगाई के लिए बुआई से पहले बीजों को अच्छी तरह भिगो लें। खेती शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच और नजदीकी कृषि सलाहकार (agriculture consultant) से जरूर संपर्क करें।

जरबेरा की खेती (Gerbera Cultivation)

जरबेरा एक खूबसूरत और उपयोगी फूल है। आयुर्वेदिक चिकित्सा, स्किन केयर उत्पादों के निर्माण में जरबेरा के फूल का व्यापक उपयोग (use of gerbera flower) होता है। इसके अलावा खाने-पीने के उत्पादों के लिए, फ्रेगरेंस के लिए भी इस फूल का उपयोग होता है। ज़रबेरा का तेल कीमती होता है, यही वजह है कि इस खेती से किसानों को व्यापक लाभ मिलता है। एक एकड़ की खेती में जरबेरा से किसान 25 से 30 लाख रुपए सालाना कमाई कर सकते हैं। लेकिन लागत भी करीब 8 लाख के करीब होगी।  इस फूल से कमाई पूरी तरह खेत की स्थिति, बाजार मांग, फसल की उत्पादकता पर निर्भर करेगी। जरबेरा की खेती करने का तरीका या प्रक्रिया में जमीन की तैयारी, अच्छे बीज का चयन, अच्छी सिंचाई, कटाई एवं उपज शामिल है। खेती करने से पहले मिट्टी की जांच जरूर कराएं और ज्यादा सलाह के लिए नजदीकी किसान सलाहकार से संपर्क करें। 

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