प्रकाशित - 19 Oct 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
आज किसान परंपरागत खेती के साथ नई-नई तरह की फसलों की खेती करना ज्यादा पसंद करने लगे हैं। इसके पीछे का कारण ये हैं कि इस तरह की फसलों की खेती से किसानों को काफी लाभ मिलता है। इसी क्रम में सब्जियों की खेती की ओर किसानों की रूचि अधिक बढ़ रही है। सब्जियों की खेती की खास बात ये हैं कि इसकी फसल जल्द तैयार हो जाती है और इसका किसानों को अच्छा बाजार भाव भी मिल जाता है। यदि किसान सब्जियों की खेती से अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें मार्केट को भी समझना पड़ेगा। इसके लिए किसानों को ये पता होना चाहिए कि बाजार में किन-किन सब्जियों की मांग अधिक रहती है और किन सब्जियों के उन्हें ज्यादा भाव मिल सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसानों के लिए अक्टूबर माह में उगाई जाने वाली उन सब्जियों के बारे में जानकारी देंगे जिससे उन्हें बेहतर लाभ मिल सकता है।
ब्रोकली फूलगोभी की तरह ही दिखने वाली सब्जी है। इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी रोपाई का उचित महीना अक्टूबर है। जिन किसानों ने सितंबर में इसकी नर्सरी लगा रखी है वे इस महीने इसकी रोपाई खेत में कर सकते हैं। इसकी मुख्य रूप से तीन प्रकार की किस्में आती है जिनमें सफेद, हरी व बैंगनी है। इसमें हरी रंग की किस्म ही बाजार में सबसे अधिक बिकती है। ब्रोकली की नाइन स्टार, पेरिनियल, इटैलियन ग्रीन स्प्राउटिंग या केलेब्रस, बाथम 29 और ग्रीन हेड प्रमुख किस्में हैं। वहीं इसकी संकर किस्मों में पाईरेट पेक में, प्रिमिय क्रॉप, क्लीपर, क्रुसेर, स्टिक व ग्रीन सर्फ़ मुख्य रूप से शामिल है।
ये गोभी वर्ग की सब्जी है जो दिखने में पत्तागोभी जैसी दिखती है। लेकिन पोष्टिकता से भरपूर होने के कारण इसकी बाजार में काफी मांग है। ये सब्जियां विशेषकर बड़े मॉलों और सब्जी बाजार में देखने को मिलती है। इसके भाव सामान्य सब्जी की अपेक्षा अधिक मिलते हैं। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी तथा कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स तथा अन्य खनिज तत्व की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसका सेवन शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना गया है। इसकी कई प्रकार की किस्में आती हैं। इसकी किस्मों को तीन समूह में बांटा गया है। इसमें बोनी किस्में जिनमें अर्ली इम्प्रूव्ड, अर्ली ड्वार्फ, ड्वार्फ इम्प्रूव्ड, अर्ली मोर्न आती है। इसकी मध्यम ऊंचाई वाली किस्मों में लांग ए आइसलैंड, हाफ ड्वार्फ आदि आती है। वहीं इसकी ऊंची किस्मों के अंदर वेड शायर और ऐवासम आती है। इस सब्जी की पौध को भी पहले नर्सरी में तैयार किया जाता है उसके बाद अक्टूबर-नवंबर तक इसकी बुवाई तक की जा सकती है।
लेटस सब्जी की खेती अधिकांश रूप से सलाद के लिए की जाती है। इसके चौड़े-चौड़े पत्ते सलाद डेरोकेशन में के काम आते हैं। इसकी पत्तियों के अलावा इसके बीज और तना प्राप्त करने के लिए भी इसकी खेती की जाती है। बड़ी-बड़ी होटलों में इसका प्रयोग सलाद के रूप में किया जाता है। इस सब्जी में कई प्रकार के औषधीय गुण होने से इसकी मांग बाजार में है। विश्व-भर में चीन इसका मुख्य उत्पादक देश है। यहां सबसे अधिक इसकी खेती की जाती है। लेटस में विटामिन के और क्लोरोफिल पाया जाता है। लेटस की लैटस विभिन्न किस्मों में से गुच्छेदार पत्तों को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें लोहा, विटामिन ए और सी उचित मात्रा में होते हैं। इसकी कई किस्में आती है जिनमें बटर हेड, क्रिप्स हेड, लूज लीवस, रोमाइन, पंजाब लेटस 1, पूसा स्नोबॉल-1 है। इसके अलावा एलएस 1, एलएस 2, आइसबर्ग, ग्रेट लेक्स इसकी अन्य किस्में हैं।
अक्टूबर का महीना मटर की खेती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यदि अक्टूबर व नबंवर माह के मध्य इसकी अगेती किस्मों की खेती की जाए तो अधिक पैदावार के साथ ही भूरपूर मुनाफा कमाया जा सकता है। मटर की मांग बाजार में हर समय रहती है। आजकल तो इसे सूखाकर संरक्षित करके साल भर तक बेचा जाता है। मटर की अगेती खेती के लिए ये महीना अच्छा है। किसान इस माह के मध्य में इसकी अगेती किस्मों में आर्किल,बी.एल.7,जवाहर मटर - 4 ( जे एम 4),हरभजन (ईसी 33866),पंत मटर - 2 (पी एम - 2),8. मटर अगेता (ई-6), पंत सब्जी मटर आदि की बुवाई कर सकते हैं। इसके अलावा मटर की काशी नंदिनी, काशी मुक्ति, काशी उदय और काशी अगेती किस्में है जो 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती हैं।
पालक की खेती के लिए भी अक्टूबर का महीना काफी अच्छा माना जाता है। पालक कम समय में तैयार होने वाली फसलों में से एक है। बुवाई के बाद इसकी फसल 30 दिनों में कटने के लिए तैयार हो जाती है। पालक की मांग इसमें पाये जाने वाले विटामिन के कारण बाजार में काफी है। पालक में मुख्य रूप से आयरन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इसका सेवन करने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। इसका सेवन पाचन के लिए, त्वचा, बाल, आंखों और दिमाग के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना गया है। इसकी उन्नत किस्मों में पंजाब ग्रीन, पंजाब सलेक्शन, पूसा ज्योति, पूसा पालक, पूसा हरित, पूसा भारती आदि किस्में बुवाई के लिए अच्छी बताई जाती है।
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