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किसान नकली डीएपी से रहे सावधान, कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

प्रकाशित - 13 Oct 2024

किसान डीएपी खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगा नुकसान

खरीफ की फसल तैयार होने को आ रही है और रबी फसल की बुवाई का सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है। ऐसे में किसानों को यूरिया व डीएपी आदि उर्वरक की जरूरत होगी। किसानों के बीच डीएपी की बढ़ती मांग के कारण इसकी खपत भी काफी बढ़ गई है, जिसका फायदा उठाने के लिए कुछ लोगों द्वारा नकली डीएपी का बाजार में विक्रय करने की खबर प्रशासन को मिली है। इसे देखते हुए कृषि विभाग की ओर से किसानों के हित में डीएपी के संबंध में एडवाइजरी जारी की है ताकि किसान नकली डीएपी खरीदने से बचे, क्योंकि नकली खाद, उर्वरक के इस्तेमाल से नुकसान होने का अंदेशा रहता है।

प्रशासन की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में किसानों को डीएपी आदि उर्वरक खरीदते समय जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए उनके बारे में बताया गया है। यदि आप भी किसान हैं तो आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है ताकि आप अपनी फसल को होने वाले संभावित नुकसान से बचा सकें।

क्या है डीएपी (what is DAP)

डीएपी (DAP) का पूरा नाम डाई अमोनिया फास्फेट (Di Ammonia Phosphate) है। इसका इस्तेमाल किसानों द्वारा काफी किया जाता है। यह एक क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक होता है जो पौधों के पोषण के लिए जरूरी होता है। इसका प्रयोग पौधों में नाइट्रोजन (Nitrogen) और फास्फोरस (Phosphorus) की कमी पूरा करने के लिए किया जाता है। डीएपी में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन और 46 प्रतिशत फास्फोरस होता है। यह मिट्टी में जल्दी घुल जाता है और पौधों को फॉस्फेट और अमोनिया उपलब्ध कराता है। डीएपी का प्रयोग फसल की बुवाई के समय किया जाता है।

किन फसलों के लिए अच्छा रहता है डीएपी का इस्तेमाल

डीएपी (DAP) का प्रयोग फसल की बुवाई के समय किया जाता है। इस खाद को मिट्‌टी में मिलाया जाता है तो यह उसमें आसानी से अच्छी तरह मिल जाता है। इसका इस्तेमाल पौधों में पत्ते आने और फूल आने से पहले की अवस्था में किया जाता है। डीएपी का इस्तेमाल भारी जमीन में किया जाना चाहिए। डीएपी में 60 प्रतिशत वाला एमओपी (MOP) मिलाने पर बेहतर परिणाम मिलते हैं। डीएपी का इस्तेमाल फूल वाली सब्जियों के लिए किया जा सकता है। वहीं डीएपी में पोटेशियम नहीं होने से इसका इस्तेमाल दानेदार फसलों के लिए उतना अच्छा नहीं होता है।

किसान डीएपी-यूरिया खाद उर्वरक खरीदते समय रहें सावधान

राजस्थान के चूरू कृषि विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि उर्वरकों का विक्रय, क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं अधिकृत निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। बिना लाइसेंस उर्वरकों को बेचना उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत दंडनीय अपराध है। किसान उर्वरक खरीदते समय सावधान रहें, यदि कोई व्यक्ति आपके गांव में आकर अनाधिकृत रूप से उर्वरकों का विक्रय करता है तो उसके नकली उर्वरक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे व्यक्तियों से सावधान रहें और ऐसी स्थिति में इसकी जानकारी तत्काल अपने कृषि पर्यवेक्षक, सहायक कृषि अधिकारी और संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार), जिला परिषद को दें।

किसान कैसे करें नकली डीएपी की पहचान

डीएपी (DAP) का रंग भूरा, काला और बदामी हो सकता है। डीएपी काफी सख्त होता है ऐसे में इसे नाखून से आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता है। यदि आप असली व नकली डीएपी की पहचान करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए तरीके से कर सकते हैं-

  • डीएपी (DAP) के कुछ दानों को हाथ में लेकर तंबाकू की तरह उसमें थोड़ा सा चूना मिलाकर अच्छे से मसलें। ऐसा करने पर इसमें से तीक्ष्ण गंध निकलेगी जिसे सूंघना आसान नहीं होता है। यदि ऐसा नहीं हो तो यह जान लेना चाहिए कि डीएपी नकली है।
  • डीएपी (DAP) के दानों को तवे की धीमी आंच पर गर्म करने पर दाने फूल जाते हैं, यदि यह ऐसा हो तो डीएपी में किसी प्रकार की मिलावट नहीं है।

डीएपी खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान

बाजार से डीएपी (DAP) सहित किसी भी उवर्रक को खरीदते समय किसान को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। डीएपी खरीदते समय किसान को जिन बातों का ध्यान रखना चाहिए, वे बातें इस प्रकार से हैं-

  • डीएपी या किसी भी उर्वरक खरीदते समय रसीद अवश्य लें।
  • किसान उर्वरक या कीटनाशक की खरीद हमेशा पंजीकृत दुकान से ही करें।
  • उर्वरक खरीदते समय किसान पीओएस मशीन से अंगूठा लगाकर रसीद अवश्य प्राप्त करें।
  • विभाग के पास भी पीओएस मशीन से बेचे गए उर्वरक की पूरी डिटेल रहती है, उससे पता चल जाता है कि किस किसान ने किस दुकान से कितनी मात्रा में उर्वरक की खरीद की है और किस बैच नंबर का उर्वरक किस किसान ने अपने खेत में प्रयोग किया है।
  • यदि ऐसे में किसी किसान को नकली उर्वरक बेचा जाता है तो विभाग के पास शिकायत करने पर नकली उर्वरक बेचने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

डीएपी की किल्लत होने पर किसान किस उर्वरक का कर सकते हैं इस्तेमाल

यदि आपके क्षेत्र में डीएपी खाद की किल्लत हो रही है तो घबराएं नहीं, डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का उपयोग किया जा सकता है। यह डीएपी के बजाय अधिक फायदेमंद और किफायती रहता है। इसलिए किसानों को सलाह दी जा रही है कि 50 किलोग्राम के एक बैग डीएपी की जगह तीन बैग सिंगल सुपर फास्फेट एवं आधा बैग यूरिया को मिलाकर बुवाई से पहले उपयोग कर सकते हैं। इससे फसलों को फॉस्फोरस व नत्रजन के साथ ही सल्फर की आवश्यक मात्रा मिल जाएगी। सरसों, चना व तारामीरा जैसी फसलों के लिए इसका इस्तेमाल बहुत फायदेमंद और किफायती है। चूरू संयुक्त निदेशक के मुताबिक किसान रबी फसलों में प्रथम तो डीएपी की जगह सिंगल सुपर फास्फेट और यूरिया अथवा एनपीके उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं जो किस सस्ते और लाभकारी होने के साथ ही आसानी से उपलब्ध हैं।

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