अदरक की खेती से कैसे करें लाखों की कमाई, जानें, पूरी जानकारी

Share Product प्रकाशित - 10 Dec 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

अदरक की खेती से कैसे करें लाखों की कमाई, जानें, पूरी जानकारी

किसान अदरक से सौंठ बनाकर कर सकते हैं लाखों रुपए की कमाई

किसान अदरक की खेती करके उससे लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। सर्दियों में अदरक की मांग बाजार में काफी रहती है। अदरक को चाय से लेकर सब्जी बनाने में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसके अलावा इससे सौंठ बनाई जाती है जिसका बाजार में कच्ची अदरक से ज्यादा भाव मिलता है। इस तरह देखा जाए तो अदरक की खेती से किसान आसानी से बेहतर कमाई कर सकते हैं। 

अदरक को औषधी के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है। इसका प्रयोग सर्दी-जुकाम, खांसी, पीलिया, सहित पेट के अनेक रोगों में इसका प्रयोग लाभकारी बताया गया है। इसका प्रयोग मसाले के रूप में चटनी, जैली, शर्बत, चाट, सब्जियों के साथ कच्ची और सूखी अदरक का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधन में अदरक का तेल, पेस्ट, पाउडर और क्रीम बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह देखा जाए तो अदरक की खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। यदि सही तरीके से अदरक की खेती और विक्रय किया जाए तो किसान इससे लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसानों को अदरक की खेती से कैसे लाखों की कमाई की जा सकती है, इस बात पर चर्चा करेंगे और साथ ही इसकी खेती के सही तरीके के बारें में भी पूरी जानकारी देंगे। तो बने रहिेये हमारे साथ।

अदरक में पाए जाने वाले पोषक तत्व

अदरक में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, जिंक, कॉपर, मैंगनीज और क्रोमियम आदि पोषक तत्व होत हैं। अदरक में बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने की अद्भुत क्षमता होती है। इसलिए इसका नियमित सेवन करने से कई मौसमी बीमारियों से बचाव होता है। इसके प्रयोग से गले के संक्रमण होने की कम संभावना रहती है। यह शरीर में पैदा होने वाले फ्री-रेडिकल्स को खत्म कर देता है। इससे इसका प्रयोग बहुत ही लाभकारी होता है।

अदरक की खेती में कितनी आती है लागत और मुनाफा

बात करें इसकी खेती से मुनाफे की तो एक हेक्टेयर में 150 से 200 क्विंटल अदरक की पैदावार प्राप्त की जा सकती है। बाजार में एक किलो अदरक 60 से 80 रुपए तक बिकती है। ऐसे में कम से कम भाव में भी एक हेक्टेयर जमीन पर अदरक की खेती से 25 लाख तक की कमाई आसानी से की जा सकती है। सारे खर्चे काटने के बाद भी करीब इसकी खेती से 15 लाख रुपए हर साल के मुनाफा कमाया जा सकता है।

अदरक से सोंठ बनाकर ऊंचे दामों में बेच सकते हैं किसान

अदरक से सोंठ बनाई जाती है जिसे बेचकर किसान कच्ची अदरक से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैँ। सोंठ का उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। इसलिए इसके काफी अच्छे भाव बाजार में मिल जाते हैं। आम तौर पर नंबर एक क्वालिटी की सोंठ का बाजार भाव 200 से 225 रुपए प्रति किलो के आसपास रहता है।

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बाजार में बिकती है पांच क्वालिटी की सोंठ

अदरक से बनी सोंठ की पांच किस्में बताई गई हैं। इसमें सबसे निचले दर्जे की सोठ को गट्ठी कहा जाता है, इसका बाजार भाव आम तौर पर 100 से 125 रुपए प्रति किलो के आस-पास रहता है। जबकि इसके बाद नंबर एक क्वालिटी सोंठ का बाजार भाव 200 रुपए से 225 रुपए प्रति किलो के आसपास रहता है। वहीं सुपर क्वालिटी सोंठ का बजार भाव 300 से 370 रुपए के आस-पास रहता है। इसके अलावा इसकी गोला किस्म भी आती है जिसका भाव आमतौर पर 400 से 500 के आस-पास रहता है। वहीं सोंठ की सबसे बढ़िया क्वालिटी जिसे हाई गोला कहा जाता है इसकी कीमत 550 से 600 रुपए तक होती है। इस किस्म की क्वालिटी की सोंठ की मांग मंडियों में सबसे अधिक रहती है।

अदरक से सोंठ बनाने का तरीका

अदरक से सोंठ बनाने का तरीका भी काफी आसान है। लेकिन इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा ताकि आप अदरक से अच्छी क्वालिटी की सोंठ तैयार कर सकें ताकि आपको इसका अच्छा बाजार भाव मिल सकें। हम यहां आपको अदरक से सोंठ बनाने का तरीका बता रहे हैं, जो इस प्रकार से है:-

  • अदरक जब पूरी तरह परिपक्व हो जाये तब उसे खेत से इस तरह निकालें कि अच्छी बिना कटी-छटी अदरक मिल प्राप्त हो सकें।
  • अदरक से सौँठ तैयार करने के लिए धब्बे रहित सफेद अदरक का चयन करना चाहिए।
  • सबसे पहले अदरक को अच्छे पानी से दो-तीन बार साफ करके उसमें लगी मिट्टी हटा लेना चाहिए।
  • अब बांस के चाकू से अदरक के ऊपरी सतह से पतले छिलके निकाल लें।
  • इसे पानी में 24 घंटे तक डुबोकर रखें अदरक की सतह से 30 से.मी. ऊपर तक पानी रखें।
  • इसे नींबू के रस से मिले पानी में कई बार धोयें। 600 मि.ली. रस 30 लीटर पानी में डालकर घोल बनाया जा सकता है।
  • इसे निकाल कर चूने के घोल में जब तक डुबोयें (1 किलो चूना 120 लीटर पानी) जब तक चूने की परत उस पर ना आ जाये।
  • इसके बाद इसे धूप में सुखाएं तथा टाट की पट्टियों से रगड़ कर बचे छिलके निकाल लें लीजिए। इस तरह अदरक से आपकी सोंठ तैयार हो जाएगी।

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मशीन से भी बनाई जाती है अदरक से सौंठ

किसानों के अनुसार खेतों में अदरक के पक जाने के बाद इसे घर लाकर अच्छी तरह पानी से साफ किया जाता है। फिर इसे गोल आकार में काट कर सुखाते है। सूखने के बाद इसे मशीन में डाल दिया जाता है। जिसे सात बार इस अदरक की मशीन में रगड़ाई होती है। इसके बाद के सोंठ लायक गांठ तैयार हो जाती है। इस मशीन में निकालने के बाद 20 किलो अदरक मात्र चार किलो ही रह जाता है। इसके तैयार होने के लिए तेज धूप आवश्यक है, बारिश में इसकी क्वालिटी अच्छी नहीं रहती।

सोंठ बनाने की मशीन पर सरकार से मिलता है अनुदान

मीडिया रिपोर्ट़स के अनुसार उद्यान विभाग द्वारा सोंठ तैयार करने की मशीन पर अनुदान जारी किया जाता है। विभाग की ओर सोंठ बनाने की मशीनों पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।

अदरक की खेती पर कितना मिलता है अनुदान

अदरक की खेती पर सरकार किसानों को अनुदान भी देती है। बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां मसाला क्षेत्र विस्तार योजना के तहत जड़ एवं कंदवाली व्यावसायिक फसल जैसे लहसुन, हल्दी और अदरक की खेती के लिए लगात का 50 प्रतिशत अधिकतम 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है। इसमें सामान्य वर्ग के किसानों को 50 हजार का अनुदान दिया जाता है। जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 70 प्रतिशत अधिकतम राशि 70,000 रुपए तक प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाता है।

किसान कैसे करें अदरक की खेती

  • अदरक की खेती के बलुई दोमट मिट्‌टी उपयुक्त रहती है। जिसमें जल निकास की उत्तम व्यवस्था हो। भूमि का पीएच मान 6-7 होना चाहिए।
  • अदरक की बुवाई का उचित समय अप्रैल से मई का होता है। हालांकि जून में भी इसकी बुवाई की जा सकती है लेकिन 15 जून के बाद बुवाई करने पर कंद सडऩे लगते हैं और अंकुरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • अलग-अलग राज्यों में अदरक की अलग-अलग प्रजातियों की खेती की जाती है। इसमें अदरक की मोरन अदा, जातिया, बेला अदा, केकी, विची, नाडिया, काशी किस्में शामिल है।
  • अदरक की बुवाई हमेशा कतारों में करनी चाहिए। इसमें कतारों के बीच की दूरी 30-40 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। वहीं पौधे से पौधे की दूरी 25 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।
  • अदरक के कंद या पौधे की रोपाई के लिए जमीन में चार से पांच सेंटीमीटर का गड्‌ढा होना चाहिए। उन गड्‌ढों में पौधे या कंद से इसकी रोपाई की जा सकती है। इन गड्‌ढों को मिट्‌टी या गोबर की खाद से भर देना चाहिए।
  • अदरक की फसल को हल्की छाया देना चाहिए। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
  • अदरक की फसल के साथ पान, हल्दी, लहसुन, प्याज मिर्च जैसी सब्जियों भी उगाई जा सकती है। इन फसलों को इसके साथ लगाने से अदरक में कीटों का प्रकोप कम होता है।

 

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