Published - 21 Nov 2019 by Tractor Junction
किसान फसल का उत्पादन तो कर लेते हैं लेकिन कहां पर उचित दाम पर बेचे यह बहुत बडा सवाल खडा हो जाता है, साथ ही फसल के लिए उचित बाजार खोजने में किसान असमंजस में रहता है। अत: किसानों के लिये कृषि वस्तु्ओं के उत्पादों को पूरे भारत में कही भी बिना किसी बिचौलिए के बेचने हेतु भारत सरकार ने एकीकृत ऑनलाईन व्यापार हेतु- राष्ट्रीय कृषि बाज़ार e-National Agriculture Market पहल की शुरूआत की।
ई-नाम भारत के सभी राज्यों के मध्य अन्तर्राज्य व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाईन प्लेटफार्म है। ई-नाम 14 अप्रैल, 2016 को 8 राज्यों की 21 मंडियों में 24 जिंसों के साथ शुरू किया गया था। लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (SFAC) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अन्तर्गत ई-नाम लागू करने के लिए प्रमुख एजेन्सी है।
सरकार द्वारा 75 लाख रुपए की वित्तीय सहायता प्रति मंडी दी जाती है साथ ही एक फ्री सॉफ्टवेयर व एक साल के लिए एक मंडी विशेषज्ञ अपनी सेवाएं देगा।
वर्तमान में 585 एपीएमसी बाजार ऐसे हैं जो 16 राज्यों और 2 केन्द्र शासित प्रदेशों में ई.नाम नेटवर्क से जुड़े हैं। ई-नाम वेबसाइट अब आठ स्थानीय भाषाओं हिंदी, अंग्रेज़ी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, बांग्ला और उडिया में उपलब्ध है। वेबसाइट पर हिन्दी भाषा में ई-लर्निंग माड्यूल डिज़ाइन किया गया है जिससे ऑनलाईन सुविधाओं का प्रयोग किस तरह करना है, आसानी से समझा जा सके।
ई-नाम वेबसाईट पर एक डैशबोर्ड बनाया गया है, जिसमें फसलों की आवक, जावक और व्यापार के संबंध में प्रत्येक मंडी के कार्य निष्पादन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा। देश में सर्वाधिक 100 ई-नाम मंडियाँ उत्तरप्रदेश में है। देश में 16 राज्य व 2 केन्द्रशासित प्रदशे की कुल 585 कृषि उपज बाजार समिति (APMC) ई-नाम नेटवर्क से जुड़ गई है।
सरकार का लक्ष्य 20,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि मंडी में बदलकर ई-नाम तंत्र से जोड़ना, जिसके लिए 2 हजार करोड़ से कृषि विपणन अवसरंचना निधि का गठन किया गया है।