प्रकाशित - 27 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सहजन की खेती (Drumstick cultivation) से किसान लाखों रुपए की कमाई आसानी से कर सकते हैं। सहजन की फली, फल, फूल, जड़ यानी सहजन का हर भाग खाने के काम में आता है। इतना ही नहीं इसके बीज से तेल निकाला जाता है जिसका प्रयोग दवा बनाने में किया जाता है। सहजन की फली की मांग बाजार में काफी रहती है। इसका उपयोग अनेक प्रकार के रोगों में दवाई के रूप में किया जाता है। सहजन की फली की सब्जी बनाकर खाई जाती है। इसे कच्चा भी उपयोग में लिया जाता है।
सहजन में कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, पानी, विटामिन, कैल्शियम, मैगनीशियम, आयरन, मैगनीज, ऐलिमेंट, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम आदि पोषक तत्व होते हैं। ऐसे में इसका उपयोग 300 से अधिक रोगों के उपचार में किया जाता है। खास बात यह है कि इसकी खेती किसान बंजर भूमि पर भी कर सकता है।
इसका पौधा पहले साल के बाद हर साल दो बार उत्पादन देता है। इसका पेड़ 10 साल तक पैदावार दे सकता है। ऐसे में किसान इसे एक बार लगाकर इसके पेड़ से 10 साल तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाजार भाव भी अच्छे मिल जाते हैं। इसका प्रति किलोग्राम भाव खुले में 40 से 50 रुपए किलोग्राम होता है जबकि थोक भाव 25 रुपए प्रति किलोग्राम होता है। ऐसे में किसान सहजन की खेती करके इससे लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं।
सहजन को मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंग ओफिफेरा है और यह मैरिनोग्रेसी कुल का पादप है। इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। अंग्रेजी में इस ड्रमस्टिक ट्री कहा जाता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला पेड़ होता है जो सूखे से प्रभावित नहीं होता है। यही कारण है कि इसकी खेती उन जगहों पर भी की जा सकती है जहां पानी की कमी है, क्योंकि इसे सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। यह अधिक तापमान को सहने की क्षमता रखता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग जैसे- फलियां, फल, फूल, पत्तियां और जड़ सभी को खाने का उपयोग किया जाता है। इसकी हरी फलियों तथा पत्तियों का उपयोग सब्जी बनाने और औषधी के रूप में किया जाता है। इसकी कच्ची हरी फलियां सबसे अधिक उपयोग में लाई जाती हैं।
सहजन के पौधे की लंबाई 4 से 6 मीटर की होती है, लेकिन यह 10 मीटर तक बढ़ सकता है। लोग इसे ऊपर से काट देते हैं ताकि इसकी पत्तियां व फलियों को आसानी से तोड़ सकें। इसके पौधे में फूल आने में 90 से 100 दिनों का समय लगता है। इसकी बुवाई के करीब 160 से 170 दिनों में पौधे में फल लगने शुरू हो जाते हैं। किसान इसकी आवश्यकतानुसार विभिन्न अवस्थाओं में तुड़ाई कर सकता है।
सहजन की कई किस्में पाई जाती है। उनमें से हमारे देश में इसकी उन्नत किस्मों में पी.के.एम 1, कोयम्बटूर 2, रोहत 1 व पी.के.एम 2 की खेती अधिक की जाती है। किसान को इसके उन्नत किस्मों के पौधों को ही लगाना चाहिए ताकि इससे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके।
वैसे तो सहजन की खेती (Drumstick cultivation) सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। यहां तक की बंजर भूमि में भी इसकी खेती संभव है। यदि आप इसका अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इसकी खेती के लिए सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी का चयन करना चाहिए। इसका पौधा गर्म इलाकों में आसानी से विकास करता है। इसका पौधा अधिक ठंड सहन नहीं कर सकता है। तापमान की बात की जाए तो इसकी खेती के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान सबसे अच्छा माना जाता है।
सहजन के बीजों की बुवाई करने से पहले किसानों को 45X45X45 सेमी. के आकार के गड्ढे बना लेने चाहिए। गड्ढे से गड्ढे की दूरी 2.5X2.5 मीटर रखनी चाहिए। इसके बीजों की बुवाई पहले गड्ढों या फिर पॉलीथीन बैग में की जाती है। इसके पौधों को पहले पॉलीथीन बैग में तैयार करके इसके बाद उन्हें गड्ढ़ों में रोपना चाहिए। पौधे को रोपने से पहले गड्ढ़े की ऊपरी मिट्टी के साथ 10 किलोग्राम सड़े हुए गोबर की खाद को मिलाकर गड्ढ़ों में भरा जाता है। इसके बाद पौधों को रोपा जाता है। जब पौधा करीब 75 सेमी का हो जाए तब पौधे के ऊपरी भाग को तोड़ देना चाहिए जिससे इसके बगल से शाखाओं को निकलने में आसानी रहे और इसकी फलियों को भी आसानी से तोड़ा जा सके।
सहजन के पौधे के रोपण (Drumstick plant planting) का समय जून से लेकर सितंबर तक का अच्छा माना जाता है। इस समयावधि में किसान को पहले से पॉलीथीन बैग में तैयार किए गए पौधों को इन गड्ढ़ों में रोपण करना चाहिए। इसकी एक हैक्टेयर में खेती के लिए 500 से 700 ग्राम बीज पर्याप्त होता है।
यदि बात की जाए सहजन की खेती से कमाई की तो इसकी तुड़ाई साल में दो बार की जा सकती है। एक फरवरी से मार्च और दूसरी बार सितंबर से अक्टूबर के दौरान इसकी तुड़ाई कर सकते हैं। किसान एक एकड़ में इसके करीब 1500 पौधे लगा सकते हैं। आठ माह में यह पौधे फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं। इससे करीब 3000 किलोग्राम तक की कुल पैदावार प्राप्त की जा सकती है। इस तरह किसान सहजन की खेती से लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं।
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