प्रकाशित - 24 Sep 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक रबी और खरीफ सीजन से पहले किसानों से फसलों की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) यानी एमएसपी की घोषणा की जाती है। इस बार भी खरीफ फसलों की बुवाई से पूर्व केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा कर दी है। इसी के साथ राज्य सरकारें भी अपने-अपने स्तर पर खरीफ फसलों की खरीद के लिए तारीखों की घोषणा कर रही है। लेकिन हाल में हरियाणा में धान की सरकारी खरीद की तारीख में बदलाव किया गया है। अब राज्य में धान (Rice) की खरीद एक अक्टूबर 2024 से शुरू होगी। पहले राज्य में धान की खरीद 23 सितंबर से शुरू की जानी थी। धान की खरीद (Purchase of Paddy) के लिए तिथि के बदलाव के संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। मंत्रालय द्वारा 20 सितंबर 2024 को जारी आदेश के अनुसार हरियाणा में धान की खरीद अब एक अक्टूबर से 15 नंवबर तक की जाएगी।
इस साल देश में अभी तक मानसून की वापसी नहीं हो पाई है। वहीं हरियाणा में सितंबर माह में काफी बारिश हुई है। इससे फसलों में नमी की मात्रा काफी बढ़ गई है। ऐसे में फसल की कटाई और उसे सूखने में देरी हो सकती है। इधर, राइस मिलर्स कहना है कि अभी उनके पास पहले से बचा हुआ स्टॉक है। इसलिए वह नया स्टॉक तब तक नहीं खरीद सकते जब तक की पहले वाला स्टॉक क्लीयर नहीं हो जाता है, क्योंकि धान को रखने के लिए गोदाम खाली होना जरूरी है। इस स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने धान खरीदी की तारीख को आगे बढ़ा दिया है।
हरियाणा सरकार ने खरीफ सीजन 2024-25 के लिए करीब 60 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। धान खरीद के लिए पूरे प्रदेश में 241 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। यहां किसानों के लिए आवश्यक छाया-पानी की व्यवस्था की गई है। किसानों के लिए गेट पास की व्यवस्था भी है जिसमें पहले किसानों को गेट पास बनवाना होगा उसके बाद ही वे अपनी धान की फसल (Paddy Crop) मंडी में बेच पाएंगे। किसानों को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है जो 1800-180-2600 है। किसान इस नंबर पर अपनी फसल के विक्रय में आने वाली समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि इस बार हरियाणा में 14.63 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती (Paddy Cultivation) की गई है।
प्रदेश में किसानों से बाजरा (Millet) व मूंग (Moong) की खरीद एक अक्टूबर से 5 नवंबर तक की जाएगी। बाजरे की एमएसपी पर खरीद के लिए 91 और मूंग की खरीद के लिए 38 केंद्र बनाए गए हैं। वहीं मक्का की खरीद के लिए 19 केंद्र खोले गए हैं। प्रदेश में इस बार 4.44 लाख हैक्टेयर में बाजरे की खेती की गई है जिससे 10.78 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। वहीं 0.07 लाख हैक्टेयर में मक्का (Maize) की बुवाई हुई है जिससे 0.23 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन प्राप्त होने का अनुमान है। राज्य सरकार किसानों से 3.83 लाख मीट्रिक टन बाजरे की खरीद करेगी।
केंद्र सरकार की ओर से हर बार की तरह इस बार भी धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) घोषित कर दिया है जो पिछली बार से 117 रुपए अधिक है। इस तरह इस फसल मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए सामान्य धान का एमएसपी 2300 और ए-ग्रेड धान का एमएसपी 2320 निर्धारित किया है। जबकि पिछले मार्केटिंग सीजन 2023-24 में सामान्य धान का एमएसपी 2183 और ए-ग्रेड धान का एमएसपी रेट 2203 था। इस तरह इस बार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर धान बेचने से पिछली बार की तुलना में 117 रुपए प्रति क्विंटल का लाभ होगा। वहीं बाजरे का एमएसपी 2625 रुपए प्रति क्विंटल है। मूंग की खरीद 8682 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी रेट पर की जाएगी। वहीं मक्का की खरीद 2225 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी पर होगी।
किसानों को मंडी पास के लिए लंबी-लाइन में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि किसानों की सुविधा के लिए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा ई-खरीद नाम का एक नया मोबाइल एप शुरू किया जा रहा है। इस ऐप की सहायता से राज्य के किसान अब घर बैठे डिजिटल मंडी गेट पास खुद बना सकेंगे और इसे डाउनलोड कर सकेंगे। इसके लिए एंड्रॉयड ई-खरीद मोबाइल एप्लीकेशन ( https://play.google.com/store/apps/details?id=com.ditech.ekharid.module ) या वेबसाइट अथवा पोर्टल (ekharid.haryana.gov.in) के माध्यम से अपना मंडी गेट बना सकेंगे। इस ऐप से किसानों को अपनी उपज का गेट पास काटने और उससे संबंधित जानकारी सीधे ई-खरीद ऐप पर मिल जाएगी। इससे किसानों को गेट पास के लिए इंतजार नहीं करना होगा। बताया जा रहा है कि इस ऐप की ट्रेनिंग हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा अपने सभी फिल्ड अधिकारियों को दिलवा दी है, अब ये लोग आने वाले चार दिनों में सभी मंडी कर्मचारियों और आढ़तियों को आगे ट्रेनिंग देंगे ताकि किसानों को कोई परेशानी नहीं हो।
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