प्रकाशित - 26 Sep 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
बाजार में सोयाबीन बेचने से किसानों को हो रहे नुकसान को देखते हुए राज्य सरकार ने सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद (Purchase of soybean at MSP) की तारीखें जारी कर दी है, इससे सोयाबीन की खेती (Soybean Cultivation) करने वाले किसानों को लाभ होगा। सोयाबीन की बाजार कीमतों में लगातार गिरावट के कारण किसान काफी परेशान हैं। मध्यप्रदेश में तो किसान सायोबीन की सरकारी खरीद की मांग के लिए आंदोलनरत थे, ऐसे में किसानों की परेशानी को समझते हुए राज्य सरकार ने सोयाबीन की सरकारी खरीद की तारीख घोषित कर दी है जिससे प्रदेश के लाखों किसानों को राहत मिलेगी।
राज्य के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी (MSP) पर सोयाबीन की फसल बेचने के लिए पंजीयन 25 सितंबर से 15 अक्टूबर 2024 तक करा सकते हैं। प्रदेश सरकार ने आधिकारिक बयान में कहा है कि किसान अपनी सोयाबीन की फसल को एमएसपी पर बेचने के लिए 15 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन अवश्य करवा ले ताकि फसल बेचने में परेशानी नहीं हो। किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिल सके, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य के किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सोयाबीन की खरीद को मंजूरी दी गई है। ऐसे में किसान एमएसपी पर सोयाबीन की उपज बेचने के लिए जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं। बता दें कि इससे पहले एमएसपी (MSP) पर सोयाबीन बेचने के लिए पंजीयन की अंतिम तारीख 4 अक्टूबर थी जिसे बढ़ाकर अब 15 अक्टूबर 2024 कर दिया गया है। किसान अब 15 अक्टूबर तक अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
राज्य सरकार के अनुसार जिन किसानों ने सोयाबीन विक्रय के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, उनसे एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद की जाएगी। इन किसानों से सोयाबीन की एमएसपी पर खरीद 25 अक्टूबर से लेकर 31 दिसंबर 2024 तक की जाएगी। किसानों से सोयाबीन की खरीद के लिए राज्य भर में जिलेवार 20 से अधिक खरीद केंद्र बनाए गए हैं जहां किसान अपनी उपज बेच सकेंगे।
राज्य सरकार के अनुसार सोयाबीन की फसल की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से इसकी मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के अनुसार सोयाबीन की खरीद की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से 2024-25 सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी 4892 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया गया है जो पिछले खरीफ सीजन के मुकाबले 292 रुपए अधिक है। ऐसे में किसानों को इस बार पिछले साल की तुलना में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अपनी सोयाबीन की फसल बेचने से प्रति क्विंटल 292 रुपए अधिक मिलेंगे।
सोयाबीन का 2023-24 में एमएसपी 4600 रुपए प्रति क्विंटल था जिस पर केंद्र सरकार ने 292 रुपए की बढ़ोतरी की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने 2021-22 सीजन में सोयाबीन के एमएसपी में 350 रुपए की बढ़ोतरी की थी और 2023-24 सीजन में 300 रुपए बढ़ाए थे। ऐसे में इस बार जो सोयाबीन का एमएसपी है उससे किसान संतुष्ट नहीं है। राज्य के किसान सरकार से 6000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सोयाबीन खरीद की मांग कर रहे हैं। इधर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों से केंद्र द्वारा तय किए गए एमएसपी पर ही सोयाबीन की खरीद की जाएगी।
मध्यप्रदेश के किसान अपनी सोयाबीन की फसल एमएसपी पर बेचने के लिए नि:शुल्क पंजीयन अपने मोबाइल के अलावा ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र पर, तहसील कार्यालयों में बने सुविधा केंद्र पर, सहकारी समितियों एवं सहकारी विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र पर कर सकते हैं। इसके अलावा किसान एमपी किसान एप के जरिये भी पंजीयन करा सकते हैं।
फसल बेचने के लिए पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था के अलावा सरकार की ओर से किसान पंजीयन की सशुल्क व्यवस्था भी रखी गई है। राज्य के किसान एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क, लोक सेवा केंद्र और निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित साइबर कैफे के माध्यम से भी निर्धारित शुल्क देकर पंजीयन करा सकते हैं।
सिकमी/बटाईदार/कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के पंजीयन की सुविध केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था द्वारा संचालित पंजीयन केंद्रों पर उपलब्ध होगी। इस श्रेणी के शत-प्रतिशत किसानों का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जाएगा।
एमएसपी पर फसल बेचने के लिए पंजीयन कराने हेतु किसानों को आधार कार्ड, भूमि संबंधी दस्तावेज, फोटो पहचान पत्र जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
पंजीयन कराने और एमएसपी पर फसल बेचने के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा। वेरिफिकेशन आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी से या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जाएगा। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जबकि किसान के भू-अभिलेख के खाते एवं खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। भू-अभिलेख और आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा। सत्यापन होने की स्थिति में ही फसल बेचने के लिए कराया गया पंजीयन मान्य होगा।
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