प्रकाशित - 19 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसान अनाज, दलहन, तिलहन फसलों की खेती (Cultivation of grains, pulses, oilseed crops) के अलावा कम समय में पकने वाली सब्जियों की खेती (vegetable farming) से अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। सब्जी की खेती (Vegetable farming) की खास बात यह है कि इसके बाजार भाव ठीक-ठाक मिल जाता है। दीर्घकालीन फसलों के मुकाबले किसान सब्जी की खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आज के समय में कई किसान परंपरागत फसलों के साथ ही सब्जियों की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। ऐसे में आप भी फरवरी-मार्च के जायद सीजन में खीरे की खेती (Cucumber cultivation) करके काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। खीरे की बाजार मांग काफी अच्छी है और इसके दाम भी बाजार में बेहतर मिल जाते हैं। यदि खीरे की उन्नत किस्मों की खेती की जाए तो इस फसल से काफी बेहतर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से जायद सीजन में खीरे की खेती के लिए टॉप 5 किस्मों की जानकारी दे रहे हैं जिनकी खेती करके आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, तो आइए जानते हैं, खीरे की इन टॉप पांच किस्मों के बारे में।
खीरे की स्वर्ण पूर्णिमा किस्म की खासयित यह है कि इस किस्म के फल लंबे, सीधे, हल्के हरे और ठोस होते हैं। खीरे की यह किस्म मध्यम अवधि में तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई के करीब 45 से 50 दिन में इसकी फसल तैयार हो जाती है। किसान इसके फलों की तुड़ाई कर सकते हैं। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 200 से 225 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
यह खीरे की हाइब्रिड किस्म है। इसके फल करीब 22 से 30 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। इसका रंग हरा होता है। इसमें पीले कांटे भी पाए जाते हैं। इनका गुदा कुरकुरा होता है। खीरे की यह किस्म करीब 50 दिन में तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म की खेती से प्रति हैक्टेयर 200 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
यह खीरे की संकर किस्म है। इसके फल मध्यम आकार के होते हैं। इसके फलों की लंबाई 20 सेंटीमीटर की होती है ओर इसका रंग हरा होता है। यह किस्म बुवाई के करीब 50 दिन बाद ही तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। खीरे की इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 300 से 350 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
खीरे की इस किस्म के फल मध्यम आकार के होते हैं। इनका रंग हरा और फल ठोस होता है। इस किस्म से प्रति हैक्टेयर 300 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। खीरे की यह किस्म चूर्णी फफूंदी और श्याम वर्ण रोग के प्रति सहनशील मानी जाती है।
यह किस्म मध्यम आकार की किस्म है। इसके फल ठोस होते हैं। इस किस्म की खास बात यह है कि यह किस्म चूर्णी फफूंदी रोग की प्रतिरोधक क्षमता रखती है। इसकी खेती से प्रति हैक्टेयर 350 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है।
खीरे की उन्नत किस्मों (Improved varieties of cucumbers) को बुवाई के लिए काम में लेना चाहिए। इसके बीजों की बुवाई से पहले इन्हें उपचारित कर लेना चाहिए ताकि फसल में कीट-रोग का प्रकोप नहीं हो। बीजों को उपचारित करने के लिए बीज को चौड़े मुंह वाले मटका में लेना चाहिए। इसमें 2.5 ग्राम थाइरम दवा प्रति किलोग्राम बीज की दर से मिलाकर घोल बना ले। अब इस घोल से बीजों को उपचारित करें। इसके बाद बीजों को छाया में सूखने के लिए रख दें, जब बीज सूख जाए तब इसकी बुवाई करें। खीरे के बीजों की बुवाई थाला के चारों ओर 2-4 बीज 2 से 3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए। इसके अलावा नाली विधि से भी खीरे की बुवाई की जा सकती है। इसमें खीरे के बीजों की बुवाई के लिए 60 सेंटीमीटर चौड़ी नालियां बनाई जाती है। इसके किनारे पर खीरे के बीजों की बुवाई की जाती है। दो नालियों के बीच में 2.5 सेंटीमीटर की दूरी रखी जाती है। इसके अलावा एक बेल से दूसरे बेल के नीचे की दूरी 60 सेमी रखी जाती है। ग्रीष्म ऋतु की फसल के लिए बीजों की बुवाई व बीजों को उपचारित करने से पहले उन्हें 12 घंटे पानी में भिगोकर रखना चाहिए। इसके बाद बीजों को दवा से उपचारित करने के बाद इसकी बुवाई करनी चाहिए। बीज की कतार से कतार 1 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 50 सेमी रखनी चाहिए।
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक एक एकड़ में खीरे की खेती (Cucumber cultivation) करके 400 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। आमतौर पर बाजर में खीरे का भाव (price of cucumber) 20 से 40 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच होते हैं। ऐसे में खीरे की खेती से एक सीजन में करीब प्रति एकड़ 20 से 25 हजार की लागत लगाकर इससे करीब 80 से एक लाख रुपए तक की कमाई आराम से की जा सकती है।
अगर आप किफायती कीमत पर नया ट्रैक्टर खरीदना चाहते हैं तो महिंद्रा, स्वराज, टैफे, सोनालिका, जॉन डियर आदि कंपनियों में से उचित ट्रैक्टर का चयन कर सकते हैं। साथ ही हम आपको ट्रैक्टर लोन (Tractor Loan) की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
अगर आप नए जैसे पुराने ट्रैक्टर व कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपने ट्रैक्टर या कृषि उपकरण का अधिकतम मूल्य मिले तो अपने बिकाऊ ट्रैक्टर / कृषि उपकरण को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।