Published - 17 Dec 2020 by Tractor Junction
किसानों के आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकारें नई योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने में कोई कमी नहीं छोड़ रही हैं। जहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत नाममात्र के प्रीमियम पर फसल नुकसान का मुआवजा किसान को मिलता है। वहीं आंधप्रदेश में किसानों को फसल के बीमा के लिए कोई प्रीमियम जमा नहीं कराना पड़ा है। किसानों का प्रीमियम सरकार जमा कराती है। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर फ्री फसल बीमा योजना के तहत सरकार ने 2019 में फसल नुकसान से पीडि़त 9.48 लाख किसानों के खाते में 12.5 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं।
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मीडिया को बताया किसानों के कठिन समय में सहयोग करने के लिए राज्य सरकार ने जिम्मेदारी ली है। सरकार ने मौसमी प्रकोप व अन्य कारणों से किसानों की फसल बर्बाद होने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए वाईएसआर फ्री फसल बीमा योजना लांच की है। इस योजना के 9 लाख से अधिक किसानों के बैंक अकाउंट में सीधे 1,252 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। यह पैसे उन किसानों को दिए गए हैं जिनकी फसल साल 2019 में बर्बाद हो चुकी है।
आंध्रप्रदेश में वाईएसआर निशुल्क फसल बीमा योजना से पहले किसानों को फसल की बीमा कराने के लिए प्रीमियम देना होता था। अब इस नई योजना में किसानों को अपना हिस्सा देने की जरूरत नहीं है। सरकार ने पूरी रकम जमा करने का फैसला लिया है और किसानों की ओर बीमा प्रीमियम का भुगतान किया। सीएम जगन रेड्डी ने कहा कि साल 2016-2019 के बीच 3 सालों में पिछली सरकार ने बीमा प्रीमियम के लिए औसतन 393 करोड़ रुपये सालाना खर्च किए थे और किसानों ने सालाना करीब 290 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। उन्होंने बताया कि किसानों की ओर से पूरे प्रीमियम का भुगतान करने के अलावा, फास्ट-ट्रैक मोड में बीमा दावों को संशोधित किया गया है।
आंधप्रदेश में पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान 20 लाख किसान रजिस्टर्ड थे। जबकि वाईएसआर सरकार में करीब 49.80 लाख किसानों को बीमा कवर के तहत लाया गया है। राज्य सरकार ने साल 2019-20 के दौरान प्रीमियम के लिए 971 करोड़ रुपये का भुगतान करने की जिम्मेदारी ली है। आपको बता दें कि साल 2016-17 में 17.79 लाख किसानों का बीमा कवर था। साल 2017-18 में यह संख्या बढक़र 18.22 लाख हो गई। इसके बाद साल 2018-19 में 24.83 लाख किसान हो गए।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के शासनकाल में फसल बर्बाद हो चुके किसानों को सही समय पर बीमा राशि जमा नहीं किया गया था। साथ ही बीमा प्रीमियम के नाम पर किसानों पर करोड़ों रुपये का भार डाला गया था। इसके चलते प्रदेश के किसानों को बीमा राशि से वंचित होना पड़ा। किसानों की दयनीय हालत देखकर अब मुख्यमंत्री वाईएस जगन ने किसानों पर एक पैसा का भी भार नहीं पडऩे का संकल्प लिया। सरकार ने ही पूरी रकम जमा करने का फैसला लिया और किसानों की ओर से बीमा प्रीमियम का भुगतान किया। प्रदेश के इतिहास में पहली बार 2019 के फसल नुकसान के लिए साल बीतने से पहले ही किसानों के खातों में बीमा राशि को जमा किया गया।
आंध्रप्रदेश में वाईएसआर ऋतु भरोसा केंद्रों के माध्यम से गांव में उगाई गई फसलों का विवरण ई-क्रॉप में दर्ज करके बीमा सुविधा प्रदान कर रही है। इतना ही नहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को हुए नुकसान का आकलन करके मुआवजा भी प्रदान करने का फैसला लिया है। किसानों के लिए स्वयं निरीक्षण करने के लिए किसान भरोसा केंद्रों में ई-क्रॉप्स के विवरण सहित लाभार्थियों की सूची को प्रदर्शित किया है। 2019-20 में 49.81 लाख किसानों को 45.96 लाख हेक्टेयर में फसल बीमा लागू किया गया था। इसके लिए सरकार ने किसानों की ओर से 468 करोड़ रुपये का प्रीमियम के साथ कुल 971.23 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
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