Published - 14 Dec 2020
दिल्ली में किसान आंदोलन की धार लगातार तेज हो रही है। किसान आंदोलन को हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। इस बीच केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा किसानों के फायदे के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अब उत्तरप्रदेश सरकार ने भी तीन साल से ठंडे बस्ते में पड़ी ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना’ पर अमल शुरू कर दिया है। इस योजना में लकी ड्रा के तहत भाग्यशाली किसानों को मुफ्त में ट्रैक्टर उपलब्ध कराए जाते हैं।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश राज्य कृषि मंडी बोर्ड (मंडी परिषद) के पदेन अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं। सत्ता में आने के साथ ही योगी सरकार का यह प्रयास रहा है कि किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो। इसके लिए उन्होंने प्रदेश में कई योजनाएं संचालित की है। अब योगी सरकार ने किसान आंदोलन के बीच में ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना’ के माध्यम से लकी ड्रा के तहत किसानों को फ्री में ट्रैक्टर देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार, राज्य में 69 ‘भाग्यशाली’ किसानों को लकी ड्रा के तहत मुफ्त में ट्रैक्टर देगी। लॉटरी सिस्टम से इन 69 किसानों को चयन प्रदेश के जिलों से किया जाएगा। यह मंडी परिषद की तीन साल पुरानी योजना है, जो ठंडे बस्ते में पड़ी हुई थी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजधानी में आयोजित एक समारोह में लगभग एक दर्जन किसानों को ट्रैक्टरों की चाबियां वितरित करेंगे, जबकि उसी दिन बाकी शॉर्टलिस्टिंग किसानों को संभागीय मुख्यालयों पर कमिश्नर चाबी देंगे।
ट्रैक्टर वितरण योजना को फिर से शुरू करने की पुष्टि मंडी परिषद के निदेशक जेपी सिंह ने की है। उन्होंने मीडिया को बताया कि, ‘मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना‘ यूपी सरकार की एक पुरानी योजना है, जिसे फिर से शुरू किया जा रहा है। इस योजना के तहत लकी ड्रॉ पिछले दो वर्षों से आयोजित नहीं किया जा सका है और इस साल मार्च से कोरोना महामारी की वजह से यह कार्यक्रम स्थगित रहा था। उन्होंने कहा कि अब हमने मुख्यमंत्री से लकी ड्रा के तहत किसानों को ट्रैक्टरों की चाबियां सौंपने के लिए समय मांगा है। कुल 69 ट्रैक्टर वितरित किए जाएंगे, जिनमें से कुछ सीएम देंगे और बाकी बचे ट्रैक्टरों को उनके जिलों के अधिकारी देंगे। आयोजन की तारीख सीएम की सुविधा के अनुसार तय की जाएगी। सिंह ने हालांकि कहा कि इस कदम का मौजूदा किसानों की अशांति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि वास्तव में हमने ट्रैक्टर खरीदने के लिए पहले ही बोलियां आमंत्रित की थीं और ट्रैक्टर कंपनियों ने किसानों को उपहार देने के लिए हमने जिन ट्रैक्टरों को खरीदने का फैसला किया है, उनकी कीमत पर हमें 25 प्रतिशत की छूट दी है।
किसान अपनी उपज को मंडियों में बेचने के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने यह योजना 2003 में शुरू की थी। योजना के शुरुआती समय में किसानों को मासिक, त्रैमासिक और अर्धवार्षिक आधार पर उनके मंडी लेनदेन पर 5 हजार रुपये और उससे अधिक की राशि पुरस्कार स्वरूप दिए गए थे। समय-समय पर योजना में संशोधन होता है। अब सरकार किसानों को ट्रैक्टर देने लगी है। सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन साल से कोई बंपर लकी ड्रॉ आयोजित नहीं किया गया था और इस बार सरकार ने एक बार में कुछ बैकलॉग को हटाने का फैसला किया है। ट्रैक्टरों को वितरित करने का सरकार का निर्णय निश्चित रूप से किसानों को एक सकारात्मक संदेश भेजने का एक प्रयास है।
उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कमर कस रखी है। उत्तर प्रदेश सरकार सब्जियों की खेती में नई क्रांति लाने के लिए 20 लाख किसानों को नि:शुल्क बीज उपलब्ध कराएगी। आज यूपी के अधिकांश जिलों में कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित है। प्रदेश में महज 5 फीसदी प्रीमियम पर फसल सुरक्षा के लिए फसल बीमा उपलब्ध है। मंडी शुल्क को दो फीसदी से एक फीसदी किया गया है। पॉली हाउस के निर्माण पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध है। ड्राप मोर-कॉप मोर योजना के तहत स्प्रिंकलर जैसे कृषि यंत्रों पर 80 से 90 फीसदी तक अनुदान उपलब्ध है।
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