मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना - उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए

Share Product Published - 12 Feb 2020 by Tractor Junction

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना - उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए

ट्रैक्टर जंक्शन पर एक बार फिर सभी किसान भाइयों का स्वागत है। केंद्र सरकार साल 2022 तक देश के किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में प्रयासरत है। केंद्र की मोदी सरकार अनेक योजनाओं की घोषणा कर चुकी है। इसी दिशा में उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने 2 करोड़ 38 लाख किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की घोषणा की है।

यूपी में अब मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का नाम बदलकर मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना हो गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना पर उत्तरप्रदेश के केबिनेट ने मोहर लगा दी है। योजना 14 सितंबर 2019 से शुरू मानी जाएगी। यूपी में सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा को लांच करके योगी सरकार ने एससी/एसटी तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को भी साधने का बड़ा प्रयास किया है। क्योंकि इस योजना से इन तीनों वर्गों को सबसे अधिक लाभ मिलने वाला है।

 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का उद्देश्य

किसानों के साथ खेतों में काम करते समय या मशीनीकरण का कार्य करते समय दुर्घटनाएं होती रहती है। जैसे थ्रेसर में फसल की कटाई करते समय दुर्घटनाएं होती रहती है। आरा मशीनों में काम करते समय कई बार हाथ कट जाता है। किसान जंगली-जानवरों के हमले या काटने के कारण भी घायल हो जाते हैं। कई बार किसानों की मौत तक हो जाती है। ऐसे कारणों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने यह योजना शुरू की है।

 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : मिलेगा पांच लाख रुपए का मुआवजा

यूपी की पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना का लाभ केवल खातेदार किसान और सह खातेदार को ही मिलता था। अब इस नई योजना मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में किसान, उसकी पत्नी, पुत्र-पुत्री, पौत्र व पौत्री के साथ बटाईदार भी हकदार होगा। बीमित किसान की मृत्यु पर सरकार 5 लाख रुपए का मुआवजा देगी। जबकि दिव्यांगता पर बीमा राशि को श्रेणीवार रखा गया है। इसमें 60 फीसदी से अधिक दिव्यांगता पर अधिकतम दो लाख रुपए मिलेंगे। योजना में 18 से 70 साल तक की उम्र के किसान पात्र होंगे।

 

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मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : दुर्घटना के 45 दिनों में करना होगा आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए दुर्घटना में किसान की मृत्यु या दिव्यांगता होने पर आवेदन के सभी प्रपत्र 45 दिन के अंदर तहसील कार्यालय में जमा कराने होंगे। एक माह तक के विलंब को क्षमा करने का अधिकार जिलाधिकारी के पास होगा। लेकिन 75 दिन के बाद आवेदन पर विचार ही नहीं किया जाएगा।

 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : फिलहाल ऑफ लाइन आवेदन, जल्द शुरू होगी ऑनलाइन प्रक्रिया

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ पीडि़त परिवारों को आसानी से मिल सके इसके लिए सरकार इस योजना के लिए एक पोर्टल तैयार करवा रही है। इस सॉफ्टवेयर पर प्रदेश के सभी जिलों से आवेदन पत्रों से संंबंधित योजनाएं जनपदों द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। किसान/विधिक उत्तराधिकारी द्वारा इस पोर्टल पर सीधे आवेदन किया जा सकेगा। जब तक ऑनलाइन व्यवस्था शुरू नहीं होती तब तक तहसील में जिला अधिकारी को आवेदन पत्र ऑफ लाइन जमा करा सकते हैं।

 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना: प्रमुख बातें

  • आंधी-तूफान और भूस्खलन में मरने या दिव्यांग होने वाले किसान के बालिग अश्रित (18 से 70 वर्ष) को भी इसका लाभ मिलेगा। अक्सर देखा गया है कि किसान की मृत्यु के पश्चात उसके बारिश खेत का ट्रांसफर अपने नाम पर नहीं कराते हैं। ऐसी स्थिति में किसान के परिजन (पत्नी, बेटा और बेटी) इससे लाभान्वित होंगे। 
  • अगर किसान के कोई बेटा नहीं है एवं पत्नी की मृत्यु हो चुकी है तो उसकी बेटी को इस योजना का लाभ मिलेगा, चाहे उसकी शादी हो चुकी हो।
  • इस योजना से बीमा कंपनियों के दखल को खत्म किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में बीमा कंपनियों के पास बीमा राशि ६७५ करोड़ रुपए पहुंची, जबकि खर्च मात्र २०० करोड़ रुपए ही हुआ। इस तरह बीमा कंपनियों ने ४७५ करोड़ रुपए का लाभ कमाया। अब राज्य सरकार से वित्त पोषित इस योजना को जिलाधिकारियों के माध्यम से चलाया जाएगा।

 

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मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : ये होगी पात्रता

  • यूपी के ऐसे सभी किसान खातेदार/सह खातेदार जिनकी किसी दुर्घटना में जान चली जाती है, उनके परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
  • प्रदेश की खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार जो दुर्घटना में मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हो जाते हैं, उनके परिजन जिनकी आजीविका खातेदार/सह खातेदार की दर्ज कृषि भूमि से चलती है, पात्र माने जाएंगे। 
  • ऐसे किसान जिनके पास स्वयं की भूमि नहीं है तथा वह बटाई अथवा पट्टे पर खेती करते हैं, वह तथा उनके आश्रित इस योजना में पात्र माने जाएंगे। 
  • ऐसे किसान जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के बीच है।
  • असामी पट्टेदार, निजी पट्टेदार तथा सरकारी पट्टेदार किसान इस योजना के लिए पात्र होंगे।

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