Published - 01 Feb 2021 by Tractor Junction
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने नए दशक का पहला बजट पेश किया। इसमें समाज के सभी वर्गों को खुश करने का प्रयास किया गया। बजट में रेल, रोड, मेट्रो समेत तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के ऐलान के साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों के लिए भी कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं जिनसे किसानों को काफी फायदा होगा।
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कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित
नए बजट में कृषि के लिए लोन देने की लिमिट को बढ़ाया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सस्ता लोन मिल सके। इसके लिए वित्त मंत्री ने कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने का ऐलान किया है जो पिछले बजट से कहीं ज्यादा है। पिछले बजट में कृषि के लिए 15 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। बता दें कि इस बार बजट की छपाई नहीं होगी। इसलिए वित्त मंत्री इस बजट को टैबलेट के जरिए पेश किया हैं। इसके तहत सरकार ने डिजिटल इंडिया का संदेश देने का फैसला लिया है। यह देश का पहला पेपरलेस बजट है।
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गेहूं की खरीद का जिक्र करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2013-14 में 33,874 करोड़ रुपए भुगतान किया गया था। जबकि 2019-20 में यह भुगतान 62,802 करोड़ रुपए पर जा पहुंचा है। 2020-21 में गेहूं की खरीद का भुगतान 75,060 करोड़ रुपए पहुंच गया है। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि 2013-14 में 63,928 करोड़ रुपए का भुगतान धान किसानों को किया गया। 2019-20 में यह राशि बढक़र 1,41,930 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। 2020-21 में धान किसानों को 1,72,752 करोड़ रुपए का भुगतान होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि यह अनुमानित भुगतान है क्योंकि धान की खरीद अभी भी जारी है। दालों के लिए 2013-14 में मात्र 236 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया गया था। 2019-20 में बढक़र यह 8,285 करोड़ और 2020-21 में दलों के लिए भुगतान 10,530 करोड़ रुपए का किया गया। कपास किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है।
देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए सरकार ने इसके लिए 1,500 करोड़ रुपए के आवंटन का फैसला लिया है। यह रकम डिजिटल पेमेंट के इंसेंटिव के तौर पर खर्च की जाएगी।
बजट में आदिवासी व सैनिकों के बच्चों का भी ध्यान रखा गया है। बजट में भाषण कहा गया कि देश भर में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। लेह में नए केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। आदिवासी स्कूलों में एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे।
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तमिलनाडु में हाईवे प्रोजेक्ट्स के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की रकम का ऐलान किया है। वहीं असम के लिए 35 हजार करोड़, पश्चिम बंगाल के लिए 25 हजार करोड़, कन्याकुमारी कॉरिडोर के लिए 65 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
वित्त मंत्री ने नए फाइनेंशियल ईयर में एलआईसी का आईपीओ लाने का एलान किया। इसके अलावा कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश का भी ऐलान किया है। विनिवेश में रफ्तार के लिए नीति आयोग कंपनियों की लिस्ट बनाएगा अगले साल कई पीएसयू कंपनियों का विनिवेश होगा, इसके लिए कानून बनाए जाएंगे। साल 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपए विनिवेश से जुटाने का लक्ष्य है।
अर्बन क्लीन इंडिया मिशन के लिए सरकार ने 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपए के आवंटन का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन पर भी 74,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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