गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, जानें अब क्या है नया रेट

Share Product प्रकाशित - 12 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

गेहूं की खरीद पर बोनस का ऐलान, जानें अब क्या है नया रेट

जानें, अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने से किसानों को कितना होगा लाभ

गेहूं की खेती (wheat cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबर आई है। राज्य सरकार की ओर से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price of Wheat) पर खरीद की जानी है और इसके लिए रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैं। इसी बीच प्रदेश सरकार ने गेहूं की एमएसपी पर खरीद पर बोनस का ऐलान कर दिया है। अब किसानों को गेहूं का भाव केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) से अधिक मिलेगा। इससे किसानों को लाभ होगा। किसानों की गेहूं की उपज का भाव पहले से अधिक मिल सकेगा जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। हाल ही में प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया है। बैठक में किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपए बोनस दिए जाने का फैसला किया गया है। इससे अब प्रदेश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पर एमएसपी (MSP) के साथ बोनस जोड़कर भुगतान किया जाएगा। इससे किसानों को इस बार निर्धारित एमएसपी से 125 रुपए का अलग से लाभ होगा।

अब कितना मिलेगा एमएसपी पर गेहूं बेचने से पैसा

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें प्रदेश के किसानों को एमएसपी पर गेहूं की खरीद पर बोनस देना भी शामिल है। इस फैसले में कहा गया है कि गेहूं का केंद्र सरकार की ओर से 2024-25 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) 2275 रुपए प्रति क्विंटल है, जिस पर राज्य सरकार किसानों को 125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस देगी। इस तरह अब राज्य के किसानों को गेहूं की बिक्री एमएसपी (MSP) पर करने पर प्रति क्विंटल भाव 2400 रुपए का भुगतान मिल सकेगा। सरकार की ओर से किसानों को गेहूं की खरीद पर बोनस का भुगतान करने के लिए प्रदेश सरकार पर 3850 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा।

एमएसपी पर गेहूं बेचने से किसान को अब पहले से कितना अधिक होगा लाभ

रबी विपणन सीजन 2023-24 में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था जिसे केंद्र सरकार ने इस रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए 2275 रुपए कर दिया है। ऐसे में किसानों को पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं बेचने से 150 रुपए अधिक मिलेंगे। वहीं राज्य सरकार की ओर से 125 रुपए का बोनस भी मिलेगा। ऐसे में मध्यप्रदेश के किसानों को इस बार गेहूं बेचने से प्रति क्विंटल 275 रुपए पिछले साल के मुकाबले अधिक मिलेंगे जिससे उन्हें लाभ होगा। 

पंजीयन की अवधि बढ़ाई, अब किसान 16 मार्च तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

यदि आप मध्यप्रदेश के किसान हैं तो आप रबी विपणन वर्ष 2024-25 के तहत एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए अपना पंजीयन करवा सकते हैं। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पंजीयन की अवधि को 16 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ाया गया है। बता दें कि मध्यप्रदेश में रबी विपणन वर्ष 2024-25 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 1 मार्च निर्धारित की गई थी। इसके बाद समय-समय पर इस तिथि में बदलाव हुआ जिसे बढ़ाकर 10 मार्च 2024 किया गया। इसके बाद एक बार फिर अंतिम तिथि में बदलाव करते हुए इसकी अवधि 16 मार्च 2024 कर दी गई है। राज्य के किसान गेहूं बेचने के लिए 16 मार्च 2024 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं।

कहां कराएं एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन

राज्य के किसानों को एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीयन (Online registration to sell wheat on MSP) कराना होगा। इसके लिए किसान स्वयं के मोबाइल या कम्प्यूटर से ऑनलाइन पंजीयन कर सकते हैं। यदि स्वयं पंजीयन करने में असमर्थ हैं तो वे ग्राम पंचायत कार्यालयों में स्थापित सुविधा केंद्र व सहकारी समिति पर नि:शुल्क पंजीयन करा सकते हैं। इसके अलावा किसान भाई एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्रों या निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित सायबर कैफे पर 50 रुपए का शुल्क जमा करवाकर सुबह 7 से रात्रि 9 बजे तक गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन करवा सकते हैं।

सिकमी, बटाईदार और वनपट्‌टाधारी किसान कैसे कराएं अपना पंजीयन

सिकमी, बटाईदार एवं वनपट्‌टाधारी किसान अपना पंजीयन सहकारी समिति, सहकारी विपणन सहकारी संस्था के केंद्रों पर करा सकते हैं। किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा, जबकि भू-अभिलेख में दर्ज खाते और खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा। पंजीयन के लिए आधार नंबर का वेरिफिकेशन उससे लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी या बायोमेट्रिक डिवाइस से किया जाएगा। किसान के परिवार में जिन सदस्यों के नाम भूमि होगी वे सभी अपना अलग-अलग पंजीयन कराएंगे। किसान की भूमि यदि किसी अन्य जिले में है तो उस जिले में पंजीयन कराया जाएगा। वहीं जिले में अलग-अलग जगहों पर खेती की भूमि होने पर एक ही केंद्र पर सभी भूमियों का पंजीयन किया जाएगा।

बिना पंजीयन के नहीं होगी एमएसपी पर फसल की खरीद

राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे एमएसपी (MSP) पर गेहूं बेचने के लिए निर्धारित अवधि में फसल का पंजीयन कराएं। इसके बाद पंजीयन किया जाना संभव नहीं होगा। वहीं बिना पंजीयन के एमएसपी पर फसल की खरीद नहीं की जाएगी। ऐसे में किसान जल्द से जल्द एमएसपी पर अपनी फसल बेचने के लिए पंजीयन कराएं। ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालय में स्थापित सुविधा केंद्र, एमपी किसान ऐप पर पंजीयन की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। बता दें कि मध्यप्रदेश में 15 मार्च से एमएसपी पर गेहूं की खरीद शुरू की जानी है।

क्या है गेहूं सहित अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25

केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक रबी और खरीफ सीजन के पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) की घोषणा की जाती है। इस बार भी केंद्र सरकार ने रबी सीजन के लिए नया एमएसपी घोषित किया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए एमएसपी के अनुसार गेहूं सहित अन्य रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार से है

रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024

क्र.सं.

फसल का नाम

फसल का मूल्य प्रति क्विंटल में

1.

 गेहूं

2275 रुपए प्रति क्विंटल

2.  जौ

1850 रुपए प्रति क्विंटल

3.  चना

5440 रुपए प्रति क्विंटल

4.  मसूर दाल

6425 रुपए प्रति क्विंटल

5.  रेपसीड एवं सरसों

5650 रुपए प्रति क्विंटल

6.  कुसुम

5800 रुपए प्रति क्विंटल

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