प्रकाशित - 17 Oct 2022
देश में रबी फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में कई राज्यों में रबी की फसलों बुवाई शुरू हो गई है। इसे देखते हुए सरकार के साथ ही किसान भी अब अपनी आय बढ़ाने के लिए अधिक मुनाफे वाली फसलों की खेती की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं, खास कर काले गेहूं की खेती की ओर किसानोें की रूचि बढ़ने लगी है। देश के कई राज्यों में किसान काले गेहूं की खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं।
काले गेहूं की खेती से हो रहे लाभ की वजह से किसानों की रूचि इस तरह के गेहूं के उत्पादन में हो रही है। काले गेहूं का बाजार में भाव सामान्य गेहूं के मुकाबले अधिक मिलता है। मंडी में जहां सामान्य गेहूं का भाव 2200 रुपए प्रति क्विंटल है, वहीं काले गेहूं भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक मिल जाता है। इससे किसानों को करीब तीन गुना मुनाफा मिलता है। यही कारण है कि किसानों की रूचि काले गेहूं की खेती की ओर बढ़ रही है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन माध्यम से किसानों को काले गेहूं की खेती का सही तरीका और उत्पादन काल में रखने ध्यान रखने वाली बातों, काला गेहूं का बाजार रेट, काला गेहूं का बीज प्राप्त करने का स्थान सहित अन्य बातों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
काला गेहूं, सामान्य गेहूं की ही एक प्रजाति है जिसकी खेती सामान्य गेहूं की तरह ही की जाती है। काला गेहूूं की खासियत के कारण ही इसका मूल्य अधिक है। सामान्यत: गेंहू की खेती मध्य अक्टूबर से लेकर नवंबर तक की जाती है। लेकिन काले गेहूं की खेती का सही समय नवंबर माना जाता है। नवंबर के बाद यदि आप काले गेहूं की बुवाई करते हैं तो आपको उपज कम प्राप्त होगी।
काले गेहूं की खेती के लिए दोमट भूूमि सबसे अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इसकी खेती बलुई दोमट, भारी दोमट, मटियार तथा मार एवं कावर भूमि में की जा सकती है। यदि किसान के पास सिंचाई के पर्याप्त साधन है तो इसकी खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है।
अक्सर गेहूं की बुवाई धान की फसल के बाद की जाती है। ऐसे में धान की फसल के अवशेष जिसे पराली कहते हैं खेत में रह जाते हैं। ऐसे में सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करनी चाहिए। खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए और इसके बाद में डिस्क हैरो या कल्टीवेटर की सहायता से दो से तीन जुताइयां करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। वहीं ट्रैक्टर चालित रोटावेटर से एक ही जुताई में खेत तैयार फसल बुवाई के लिए तैयार हो जाता है।
सामान्य गेहूं की तरह ही काले गेहूं की खेती के लिए खेत में नमी होना बेहद जरूरी है। यदि खेत में सूखा है तो पलेवा देकर बुवाई करनी चाहिए। इसकी खेती कतार मेें करनी चाहिए ताकि निराई-गुड़ाई का काम आसानी से हाे सके। इसके बीजाें की बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 20 सेमी रखनी चाहिए। इसके बीजों की बुवाई देशी हल के पीछे के खूंट से करनी चाहिए। इसके अलावा इसकी बुवाई सीड ड्रिल मशीन की सहायता से इसकी बवाई आसानी से की जा सकती है।
काले गेहूं की खेती में जो खाद और उर्वरक का प्रयोग किया जाता है, उनमें जिंक, यूरिया और डीएपी है। काले गेहूं की खेती के लिए बुवाई से पहले खेत में यूरिया, जिंक और डीएपी की निर्धारित मात्रा डाल देनी चाहिए और इसके बाद बीजों की बुवाई करनी चाहिए। काले गेहूं की खेती में 10 किलोग्राम जिंक, 45 किलोग्राम यूरिया और 50 किलोग्राम डीएपी का प्रयोग प्रति हेक्टेयर के हिसाब करना चाहिए।
काले गेहूं की फसल की बुवाई के दो से तीन सप्ताह बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए। इसके बाद की दूसरी सिंचाई फसल के फुटाव के समय करनी चाहिए। तीसरी सिंचाई फसल में गांठे बनते समय करनी चाहिए। चौथी सिंचाई गेहूं की बालियां निकलते समय करनी चाहिए। पांचवी सिंचाई गेहूं की दूधिया अवस्था में करनी चाहिए। इसके बाद अंतिम सिंचाई गेहूं का दाना पकते समय करनी चाहिए। इस तरह गेहूं की फसल के उत्पादन काल में पांच से छह सिंचाई की आवश्यकता होती है।
किसान काले गेहूं की फसल को अपने निकट बाजार या मंडियों सहित कृषि संस्थानों को बेच सकते हैं। काले गेहूं का बाजार में भाव 5000 से 6000 तक मिल जाता है।
काले गेहूं की खेती का बीज आप कृषि विभाग या कृषि संस्थानों से प्राप्त कर सकते हैं। बिहार और उत्तरप्रदेश में इसके बीजों का समान्यत: भाव 70 से 80 रुपए किलो तक है।
काला गेहूं शरीर के लिए पौष्टिक होने के साथ ही कई रोगों से भी लाभकारी है। इसमें कई प्रकार के औषधीय गुण होने से इसका सेवन शुगर, मोटापा, कैंसर, दिल की बीमारियों सहित अनेक रोगोें में लाभकारी बताया जाता है। इसके प्रयोग से शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम सही रहता है। वहीं इसका उत्पादन किसानों को लाभ दिला रहा है। इसकी खेती से किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर, डिजिट्रैक ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖