Published - 09 Apr 2021 by Tractor Junction
किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से हनी मिशन शुरू किया है। इसके तहत हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में मधु क्रांति पोर्टल हनी कॉर्नर का शुभारंभ किया है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि शहद (मीठी) क्रांति देशभर में तेजी से आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने व किसानों की आय वृद्धि के लिए भारत सरकार पूरी शिद्दत के साथ काम कर रही है। उन्होंने शहद परियोजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि शहद का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात में वृद्धि की जा सकती है, रोजगार बढ़ाए जा सकते हैं, वहीं गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी बेहतर काम किया जा सकता हैं।
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मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व पशुपालन के माध्यम से हम भूमिहीन किसानों को गांवों में ही अच्छा जीवन जीने का साधन दे सकते हैं। मधुमक्खी पालन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए सरकार की विभिन्न पहलें मधुमक्खी पालन का कायाकल्प करने में मदद कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष लगभग 1.20 लाख टन शहद का उत्पादन देश के ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से किया जा रहा है। इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात किया जाता है।
मधुक्रांति पोर्टल राष्ट्रीय मधुमक्खीपालन और शहद मिशन के तहत राष्ट्रीय बी बोर्ड की एक पहल है। यह पोर्टल डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शहद व अन्य मधुमक्खी उत्पादों के ट्रेसेबिलिटी स्रोत को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हेतु विकसित किया गया है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के विकास के लिए तकनीकी और बैंकिंग सहयोगी इंडियन बैंक है। इस परियोजना के लिए एनबीबी व इंडियन बैंक के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए है।
मधुमक्खीपालन मीठी क्रांति के विकास के लिए आत्म निर्भर भारत पैकेज में 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। एनबीएचएम में वर्ष 2019-20 व 2020-21 के लिए 86 करोड़ रुपए की 45 परियोजनाएं मंजूर की गई है। एनडीडीबी की आणंद में 5 करोड़ रुपए की सहायता से विश्वस्तरीय स्टेट ऑफ़ द आर्ट हनी टेस्टिंग लेब स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा 2 अन्य बड़ी हनी टेस्टिंग लैब आठ-आठ करोड़ रुपए की इंडियन इंस्टीट्यूट आफ हार्टिकल्चर रिसर्च (आईआईएचआर), बैंगलुरू तथा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), दिल्ली में मंजूर की गई है, 13 अन्य जिला स्तरीय लैब भी स्वीकृत की गई है, जिन पर दो-दो करोड़ रुपए खर्च होंगे।
पहले चरण में बुधवार को मधुक्रांति पोर्टल पर मधुमक्खी पालकों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया गया है, इसके बाद इस व्यापार में अन्य अंशधारकों का पंजीकरण किया गया। दूसरे चरण में देश में शहद के व्यापार में सभी बिक्री लेनदेन, एक मोबाइल ऐप के माध्यम से कैप्चर किए जाएंगे, जो उसके स्रोत का पता लगाने में मदद करेंगे।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजनांतर्गत किसानों को 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान उद्यान विभाग से दिया जाता है। इस योजना के तहत मधुमक्खी पालन के लिए विभाग द्वारा पहले पात्र किसानों का चयन किया जाता है। इसके बाद उन्हें इससे संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाता है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि इस व्यवसाय से किसानों को प्रति पेटी से वर्ष भर में कम से कम 10 हजार रुपए की बचत होगी। किसानों को इसके लिए आर्थिक व्यय भी अधिक नहीं करना है।
शुरुआती दौर में पांच कॉलोनी (पांच बाक्स) से शुरू कर सकते है एक बॉक्स में लगभग में चार हजार रुपए का खर्चा आता है तो अगर आप पांच ऐसे बॉक्स लेंगे तो बीस हजार रुपए का खर्चा आएगा। इनकी संख्या को बढ़ाने के लिए समय-समय पर इनका विभाजन कर सकते हैं। अगर ठीक से विभाजन से कर लिया तो एक साल में 20000 हजार बक्से तैयार किए जा सकते हैं। दिल्ली में नेशनल बी बोर्ड से प्रमाणित संस्थाएं है उनसे आप मधुमक्खियों को खरीद सकते है। उद्यान विभाग से भी ले सकते है। कृषि विज्ञान केंद्र से भी मधुमक्खी ले सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के इच्छुक किसान जिला बागवानी अधिकारी, राज्य सरकार के निदेशक, बागवानी प्रबंधक निदेशक, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड, बी विंग, दूसरी मंजिल, जनपथ भवन, जनपथ रोड, नई दिल्ली, फोन नं. 011-23325265 पर संपर्क करके जानकारी प्राप्त सकते हैं।
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