प्रकाशित - 20 Apr 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
धान खरीफ सीजन की महत्वपूर्ण फसल है। खरीफ सीजन में अधिकांश किसान प्रमुख रूप से धान की खेती (Paddy farming) करते हैं। ऐसे में किसान धान की खेती के साथ हरी खाद का उत्पादन करके धान की पैदावार को बढ़ा सकते हैं। इस हरी खाद को किसान धान के खेत में ही तैयार कर सकते हैं। इससे किसानों को दोहरा लाभ होगा। एक तो धान की फसल के लिए यह हरी खाद का काम करेगी और दूसरा पशुओं को भी इसे खिलाया जा सकता है। इससे गाय, भैंस जैसे दुधारू पशुओं के दूध की मात्रा भी बढ़ेगी। इस तरह किसान इस हरी चारा खाद को धान के खेत में उगाकर दोहरा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
किसान इस साल धान के साथ अजोला की खेती (Azolla cultivation) करके धान के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं। किसान धान के खेतों में अजोला का प्रयोग हरी खाद के रूप में कर सकते हैं। इससे धान की फसल को नाइट्रोजन सहित अन्य पोषक तत्व प्राप्त होंगे और इससे धान की पैदावार और क्वालिटी में बढ़ोतरी होगी। खास बात यह है कि यह खाद बहुत ही कम समय में तैयार हो जाती है। इसका प्रयोग करने धान के पौधों का बेहतर विकास होता है और इसके उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
किसान धान के खेतों में अजोला रूपी हरी खाद को बहुत ही आसानी से तैयार कर सकते हैं और इसका धान की फसल में बेहतर उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए किसान को चाहिए कि वह 2 से 4 इंच पानी भरे खेत में 10 टन ताजा अजोला को धान की रोपाई से पहले ही डाल दें। इसके साथ ही इसके ऊपर 30 से 40 किलोग्राम सुपर फास्फेट का छिड़काव करें। अजोला की बढ़ोतरी के लिए 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान बहुत अनुकूल रहता है। खास बात यह है कि धान के खेत में अजोला छोटे-मोटे खरपतवारों को दवा देता है जिससे फसल को नुकसान नहीं होता। इसके अलावा हरी खाद अजोला का इस्तेमाल धान की फसल में करने से 5 से 15 प्रतिशत तक धान की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
धान की फसल (paddy crop) में अजोला हरी खाद का प्रयोग करने से किसानों को पैदावार बढ़ाने में सहायता मिलती है। अजोला हरी खाद के प्रमुख लाभ इस प्रकार से हैं
अजोला वायुमंडलीय कॉर्बनडाईऑक्साइड और नाइट्रोजन को कार्बोहाइड्रेट और अमोनिया में बदल सकता है। जब अजोला का अपघटन होता है तब यह फसल को नाईट्रोजन और मिट्टी को कार्बन उपलब्ध कराता है जो फसल और मिट्टी के लिए बहुत उपयोगी है।
अजोला खाद बहुत तेजी से तैयार होने वाली खाद है जो धान की फसल व पशुओं के लिए बहुत ही उपयोगी है। इस हरी खाद की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार से हैं
धान के खेत (paddy fields) में अजोला हरी खाद को धान की रोपाई से पहले पानी भरे खेत में दो से तीन सप्ताह के लिए अकेले उगाया जाता है। इसके बाद खेत में भरा पानी बाहर निकाला जाता है और अजोला फर्न को धान की रोपाई से पहले खेत में मिला दिया जाता है। इस खाद का उपयोग आप धान की रोपाई के बाद भी कर सकते हैं। इसके लिए आप धान की रोपाई के एक सप्ताह बाद, पानी भरे खेत में 4-5 क्विंटल ताजा अजोला छिड़क सकते हैं। इससे धान में रासायनिक खाद की आवश्यकता कम पड़ेगी और धान की पैदावार भी अधिक मिलेगी। अजोला मिट्टी की सेहत और धान की पैदावार में बढ़ोतरी करता है। ऐसे में किसान इस हरी खाद का उपयोग करके धान की पैदावार के साथ ही मिट्टी की उर्वराशक्ति को भी बढ़ा सकते हैं।
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