Published - 08 Mar 2022 by Tractor Junction
बकरी पालन आज बहुत ही लाभकारी व्यवसायों में से एक माना जाने लगा है। इसके पीछे का कारण ये हैं कि इसमें बिजनेस में लागत कम लगती है और मुनाफा इससे कहीं ज्यादा होता है। इस बिजनेस को कम पैसों से शुरू किया जा सकता है। यदि बकरी पालन का विधिवत व्यवसायिक रूप से प्रशिक्षण लिया जाए तो इससे काफी अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। भारत में कई संस्थान बकरी पालन का प्रशिक्षण आयोजित करते हैं, जहां से प्रशिक्षण लेकर आप इस बिजनेस की बारिकियों को समझ कर इससे कई गुना मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बकरी पालन व्यवसाय के प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
भारत में कई संस्थान बकरी पालन का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिनमें केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम, फरह, मथुरा (उप्र) की ओर से बकरी पालन के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। ट्रेनिंग के दौरान पशुपालकों को नई-नई तकनीक के बारें में जानकारी दी जाती है ताकि वे इस व्यवसाय में अधिक लाभ कमा सके। इसी के साथ ही ट्रेनिंग के दौरान बकरी पालन से लेकर उनके आवास प्रबंधन, आहार व्यवस्था, बीमारियों और उनकी रोकथाम के संबंध में जानकारी दी जाती है।
सरकारी संस्थाओ की ओर से बकरी पालन का प्रशिक्षण करीब सात दिनों की अवधि का दिया जाता है। इच्छुक व्यक्ति इसके लिए हर 2 महीने में आवेदन कर सकता है। ये प्रशिक्षण आवासीय प्रशिक्षण होता है। यह प्रशिक्षण प्रत्येक 2 महीने पर मतलब साल में एक बार संभवत: मई, अगस्त, नवंबर और फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है।
प्रशिक्षण में बकरियों की उन्नत किस्मों की जानकारी के साथ ही बकरी पालन व्यवसाय के लिए किस उन्नत किस्म का चयन करें इसकी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा प्रशिक्षण में बकरी आवास प्रबंधन, आहार व्यवस्था, बकरी को होने वाले रोग और उसके रोकथाम की विस्तार से जानकारी दी जाती है।
बकरी पालन के प्रशिक्षण के लिए आवेदन शुल्क यानि रजिस्ट्रेशन शुल्क लिया जाता है। इसके लिए लाभार्थी को आवेदन शुल्क के रूप में 5500 रुपए बतौर फीस देना होनी होता है। इसके साथ ही संस्थाओं में ठहरने के लिए अलग से 50 रुपए का शुल्क प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को देना होता है। इसके अलावा प्रशिक्षणार्थी को अपने खाने का खर्चा करीब प्रतिदिन लगभग 200 रुपए देना होगा। प्रशिक्षणार्थी चाहे तो अपने रहने व भोजन की व्यवस्था संस्थान से बाहर भी कर सकते हैं। वहीं प्रार्थी को अपने आने-जाने का खर्च भी स्वयं वहन करना पड़ता है।
बकरी पालन का प्रशिक्षण लेने के इच्छुक व्यक्ति संस्थान द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने पर आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए संस्थान की वेबसाइट www.cirg.res.in पर समय-समय पर प्रशिक्षण की तिथि प्रसारित की जाती है। इस दी गई तिथि के अनुसार आप प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर सकते हैं, अन्यथा आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
बकरी पालन का प्रशिक्षण प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए संस्थाओं द्वारा जारी किए गए हेल्प लाइन नंबर 0565-2970999, 09682143097 पर संपर्क कर सकते हैं।
केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का एक प्रमुख अनुसंधान संस्थान है, जो कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन है। संस्थान की स्थापना 12 जुलाई 1979 को हुई थी। इस संस्थान का उद्देश्य गरीब पुरुषों की गाय-बकरी को आजिविका सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही गरीबी उन्मूलन और छोटे धारकों के लिए रोजगार सृजन के स्त्रोत के रूप में विकसित करना है। इस संस्थान का मिशन अनुसंधान, विस्तार और मानव संसाधन विकास सहायता के माध्यम से मांस, दूध और फाइबर के संबंध में बकरी की उत्पादकता को बढ़ाना और बनाए रखना है। संस्थान का अधिदेश बकरी उत्पादन और उत्पाद उपयोग के सभी विषयों में बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान करना है और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
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