प्रकाशित - 03 Jan 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कृषि एक व्यापक क्षेत्र हैं, इसमें रोजगार की काफी संभावनाएं है। कृषि के क्षेत्र में कई ऐसे काम है जिन्हें करके किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। वहीं गांव के बेरोजगार युवा भी कृषि आधारित बिजनेस से जुड़कर काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसमें बस थोड़ी सी प्लानिंग और मेहनत की जरूरत है। आज हम ऐसी ही एक फसल तिल के बारे में चर्चा करने जा रहे हैं जिससे बनने वाले उत्पादों से आप काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से भी आपकी मदद की जाएगी। आप तिल से संबंधित बिजनेस करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं। इसके लिए सरकार की योजना के तहत आपको लोन और सब्सिडी का लाभ भी मिल सकता है। ट्रैक्टर जंक्शन पर किसान भाईयों का स्वागत है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको तिल की प्रोसेसिंग यूनिट लगाने, तिल से बनी वस्तुओं से पैसा कमाने और तिल का तेल निकालकर उसे विक्रय करके उससे आमदनी प्राप्त करने सहित इस प्रकार के बिजनेस के लिए सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं तो बने रहिये हमारे साथ।
तिल की खेती काफी लाभकारी मानी जाती है। सरसों की तरह ही इसका तेल भी बाजार में बेचा जाता है। खास बात ये हैं कि इसके तेल की कीमत सरसों के तेल से अधिक होती है। आमतौर पर तिल के तेल का भाव बाजार भाव 300 से 500 रुपए प्रति किलोग्राम होता है। सर्दियों के मौसम में तो इसकी बाजार मांग बहुत अधिक होती है। तिल के तेल को बालों के लिए भी अच्छा माना जाता है। ऐसे में किसान भाई तिल की खेती करते हैं, तो उन्हें काफी अच्छा मुनाफा हो सकता है। यदि सादा तिल बेचा जाए तो इससे किसानों को इतना अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता है। आमतौर पर तिल का भाव 200 से 250 रुपए किलोग्राम होता है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे तिल की खेती से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए इसे बिजनेस के रूप दे जिससे उन्हें इससे कई गुना अधिक मुनाफा मिल सके।
किसान तिल की फसल से काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। कुछ ऐसे बेहतरीन तरीके है जिनसे किसान तिल की फसल से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, इनमें से प्रमुख तीन तरीके आज हम आपको बता रहे हैं, जो इस प्रकार से हैं।
1. तिल से बने उत्पाद बेचकर
2. तिल के तेल से बिजनेस करके
3. तिल की प्रोसेसिंग यूनिट खोलकर
सर्दियों में तिल से बनी वस्तुओं की बाजार मांग काफी रहती है जिनमें तिल की गजक, रेवड़ी, लड्डू, तिल पपड़ी आदि कई प्रकार की खाने की वस्तुएं तिल से बनाई जाती है। तिल से ऐसी चीजें बनाकर और इन्हें बेचकर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है। आप चाहे तो इसे खुला बेच सकते हैं या फिर पैकिंग अपने ब्रांड के साथ इसे बेचकर काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा इसे आसपास के दुकानदारों को सप्लाई करके भी अच्छी कमाई की जा सकती हैं। संक्रति पर तो तिल से बनी चीजों की काफी डिमांड रहती है। ऐसे में आप तिल से बनी खाने की चीजों को बेचकर काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। बता दें कि तिल से बनी मिठाई की कीमत बाजार में 200 रुपए 600 रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है।
सर्दिेयों में तिल के तेल की बाजार में काफी मांग रहती है। ज्यादातर लोग सर्दियों में इस तेल का इस्तेमाल खाने में करते हैं। इसके अलावा इस तेल का उपयोग बालों में लगाने वाले तेल में भी किया जाता है। तिल के तेल की इस बाजार डिमांड को देखते हुए यदि आप सादा तिल की फसल को नहीं बेचकर उसका तेल निकलकर बेचे तो इससे दुगुना मुनाफा कमाया जा सकता है। बाजार में तिल के तेल का भाव 400 रुपए से 500 रुपए के बीच रहता है। इसलिए किसान इससे काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आप चाहे तो इसकी तिल की प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करके भी इससे अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसके लिए सरकार से भी आपको मदद मिल सकती है। आप केंद्र सरकार की सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत इसके लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि इस योजना के तहत सरकार की ओर से फल, सब्जी, मसाले, फूल और अनाजों की प्रोसेसिंग, वेयर हाऊस और कोल्ड स्टोरेज या उद्योग लगाने के लिए 35 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है जो अधिकतम 10 लाख रुपए तक हो सकती है।
सूक्ष्म खाद्य योजना उन्नयन योजना तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां जैसे आलू से निर्मित खाद्य पदार्थ, चिप्स, पाउडर, फ्लेक्स स्टार्च, लहसुन एवं प्याज़ पेस्ट, पाउडर, टमाटर कैच अप, अचार, पापड़, मुरब्बा, ज्यूस, चॉकलेट, बेकरी, मसाला, नमकीन, सोयाबीन खाद्य पदार्थ ऐसे ही अन्य उद्योग खोलने के लिए सरकार से मदद मिलती है। इस योजना में नवीन उद्योगों की स्थापना तथा पूर्व से स्थापित इकाइयों के उन्नयन, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और पैकेजिंग के सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना पर अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। आप चाहे तो तिल के बिजनेस से शुरुआत करके, इसके साथ अन्य खाद्य पदार्थों को भी शामिल करके अपने प्रोसेसिंग बिजनेस को बढ़ा सकते हैँ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना 20 मई सन् 2020 को शुरू की गई थी। इस योजना को वित्तीय वर्ष 2020-21 से लेकर 2024-25 तक के लिए लागू किया गया है। पांच साल के दौरान इस योजना पर सरकार करीब 10,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। जिसमें 60 प्रतिशत पैसा केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत पैसा राज्य सरकार द्वारा खर्च किया जाता है। इस योजना की खास बात ये हैं कि इस योजना के तहत उद्योग स्थापित करने के लिए 10 लाख रुपए तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि इस योजना को कोरोना संक्रमण के कारण रूके खाद्य उद्योग को गति प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था।
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