Published - 29 Jan 2021 by Tractor Junction
इन दिनों बाजार में सोयाबीन की हाजिर मांग बढऩे से इसके भावों में तेजी आई है। इससे अब इसके वायदा कारोबार में सोयाबीन के दाम 95 रुपए की तेजी के साथ 4,560 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज में फरवरी माह में डिलीवरी के लिए सोयाबीन वायदा अनुबंध का भाव 95 रुपए यानी 2.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,560 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इस अनुबंध में 1,73,385 लॉट के लिए सौदे किए गए। मार्च माह में डिलीवरी के लिए सोयाबीन वायदा अनुबंध का भाव 96 रुपए यानी 2.16 प्रतिशत की तेजी के साथ 4,543 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इस अनुबंध में 1,15,555 लॉट के लिए सौदे किये गए। बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार की बढ़ती मांग के बीच सटोरियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली के कारण वायदा कारोबार में सोयाबीन कीमतों में लाभ दर्ज हुई।
मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सोयाबीन के साथ ही सोया रिफाइंड तेल की कीमतों में उछाल आया है। सटोरियों द्वारा अपने सौदों के आकार को बढ़ाने के कारण वायदा कारोबार में रिफाइंड सोया तेल का दाम 14.4 रुपए की तेजी के साथ 1,062.5 रुपए प्रति 10 किग्रा हो गया। नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज में फरवरी माह में डिलीवरी के लिए रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध का भाव 14.4 रुपये यानी 1.37 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,062.5 रुपए प्रति 10 किग्रा हो गया। इस अनुबंध में 34,140 लॉट के लिये सौदे किए गए।
रिफाइंड सोया तेल के मार्च महीने में डिलीवरी किए जाने वाले वायदा अनुबंध का भाव 11.1 रुपए यानी 1.06 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,057.1 रुपए प्रति 10 किग्रा हो गया। इस अनुबंध में 15,000 लॉट के लिये सौदे किये गए। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने के कारण मुख्यत: यहां वायदा कारोबार में रिफाइंड सोया तेल कीमतों में तेजी दर्ज हुई। बता दें कि सोयाबीन में तेजी के साथ ही पिछले दिनों सरसों के भावों में भी तेजी आई थी, वहीं मूंगफली के भाव में स्थिरता रही। इसे देखते हुए नई फसल आने तक तिलहन के भावों में गिरावट की उम्मीद कम ही नजर आती है।
इस साल तिलहन के अच्छे उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इस बार अधिक क्षेत्र में इसकी बुवाई की गई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस बार देश में तिलहनी फसलों की बुआई चालू रबी में बढक़र 83.60 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुआई केवल 79.36 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई थी। रबी तिलहन की प्रमुख फसल सरसों की बुआई बढक़र चालू रबी में 73.89 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस समय तक इसकी बुआई केवल 68.84 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी। मूंगफली की बुआई 4.57 लाख हेक्टेयर में और अलसी की 2.90 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक क्रमश: 4.65 और 3.34 लाख हेक्टेयर मे बुवाई हुई थी। देश में तिलहन की नई फसल आने के बाद ही खाद्य तेलों में गिरावट आने की उम्मीद की जा सकती है।
तिलहन की अच्छी फसल की संभावना को देखते हुए हाल ही में कृषि मंत्रालय ने आगामी बजट के लिए खाद्य तेल को लेकर 19,000 करोड़ रुपए के राष्ट्रीय मिशन का प्रस्ताव भेजा है। इस मिशन के तहत खाद्य तेलों के आयात में कटौती कर और इसके उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना शुरू की गई है। इसका सालाना खर्च 75,000 करोड़ है। देश में तिलहन उत्पादन बढऩे से कुकिंग ऑयल की कीमतों में गिरावट आएगी। कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम हर साल लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात करते हैं, जो हमारी 2.3 करोड़ टन की वार्षिक आवश्यकता के 70 प्रतिशत को पूरा करता है। अगले पांच वर्षों में, हम आयात घटाकर शून्य करना चाहते हैं, जो न केवल घरेलू तेल उद्योग को मदद करेगा, बल्कि इससे उपभोक्ताओं को सस्ते तेल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
सिरसा मंडी में (28 जनवरी 2021) को सरसों का भाव 5552 रुपए प्रति क्विंटल रहा। ऐलनाबाद मंडी में सरसों के बोली भाव 5200-5401, मूंगफली 4500-4850, सफेद तिल 8000, काला तिल 8000-10700 रुपए प्रति क्विंटल रहा। इसी प्रकार आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 5474 रुपए, सिवानी मंडी में सरसों का भाव 5425 रुपए प्रति क्विंटल रहा। इधर राजस्थान की श्री गंगानगर अनाज मंडी में सरसों 5231 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। वहीं श्री विजयनगर मंडी में सरसों 5160 व तिल 8400 रुपए प्रति क्विंटल का भाव रहा।
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