प्रकाशित - 25 Oct 2024
केंद्र सरकार की ओर से किसानों और चावल एक्सपोर्टरों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार की ओर से गैर बासमती चावल पर लगाए गए एमईपी यानी न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाया गया है। इससे पहले सरकार ने पिछले महीने इस चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाया था। इसी के साथ ही केंद्र सरकार ने उबले चावल और भूसी वाले भूरे चावल पर निर्यात शुल्क हटा दिया है। पिछले माह सितंबर में केंद्र सरकार ने दोनों तरह के चावल के निर्यात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया था। ऐसा माना रहा है कि गैर बासमती चावल के एमईपी को हटाने से इस किस्म के चावल के निर्यात में बढ़ोतरी होगी जिसका फायदा किसान और एक्सपोर्टर दोनों को होगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगने वाले न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को हटाने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के अनुसार गैर बासमती सफेद चावल पर लगने वाला 490 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य यानी MEP को हटा दिया गया है।
विदेशों में गैर बासमती चावल के निर्यात से भारत के घरेलू बाजार में चावल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है जिससे किसान को धान (चावल) बेचने पर अच्छी कीमत मिल सकती है। वहीं कारोबारियों के रोक के कारण रोके गए शिपगेंट रवाना हो सकेंगे और उनकी लागत भी घटेगी। सरकार के इस फैसले से चावल के निर्यात में तेजी आएगी, वहीं कारोबारियों की निर्यात लागत में बड़ी कमी देखने को मिलेगी, जिससे उन्हें मुनाफा होगा। ऐसें में किसानों को भी धान की अच्छी कीमत मिलने की उम्मीद है। वहीं एमएसपी पर धान खरीद की प्रक्रिया के कारण धान के उठान में देरी जैसे मामलों में भी सरकार को राहत मिलेगी।
कमोडिटी ऑनलाइन मंडी के मुताबिक वर्तमान बाजार दरों के अनुसार देश की मंडियों में धान (चावल) का औसत कीमत 2273.24 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम बाजार कीमत 1500 रुपए क्विंटल है। धान (चावल) की सबसे उच्च बाजार की कीमत 3625 रुपए क्विंटल है।
केंद्र सरकार की ओर से हर साल रबी व खरीफ के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य सामान्य किस्म के धान के लिए 2300 रुपए और ग्रेड-ए किस्म के लिए 2320 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने एमएसपी पर पिछले साल के मुकाबले 117 रुपए की बढ़ोतरी की है। बता दे कि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए साल सामान्य धान का एमएसपी 2183 रुपए प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान का मूल्य 2203 रुपए घोषित किया था।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। इसी के साथ ही सबसे बड़ा चावल का निर्यात भी भारत से ही होता है। भारत में पंजाब, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा व तेलंगाना प्रमुख चावल उत्पादक राज्य हैं। यह राज्य देश के कुल उत्पादन का करीब 72 प्रतिशत चावल का उत्पादन करते हैं। यदि बात करें भारत में चावल के उत्पादन की तो वित्त वर्ष 2022-23 में चावल का उत्पादन 1,36,000 टन था। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में चावल का उत्पादन 120 मिलियन टन था। साल 2024 में भारत सरकार की ओर से जारी आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक 2024 में तेलंगाना सबसे अधिक धान उत्पादन करने वाला राज्य हो गया है। इससे पहले 2023 में पश्चिम बंगाल था और उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा।
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