प्रकाशित - 14 May 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस साल किसानों को गेहूं का बेहतर बाजार भाव मिल रहा है। इसी के साथ अब चने को लेकर भी किसानों के लिए खुशखबर सामने आई है। चने का बाजार भाव (market price of gram) काफी अच्छा बना हुआ है। अधिकांश मंडियों में चने की कीमतों में तेजी का रूख देखा जा रहा है। राज्य की अधिकांश मंडियों में चने के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर चल रहे हैं। ऐसे में चने की खेती (gram cultivation) करने वाले किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर है। उन्हें इस साल गेहूं के बाद चने का भी बेहतर भाव मिल रहा है।
यदि बात की जाए महाराष्ट्र की मंडियों की तो यहां अधिकांश मंडियों में चने का भाव एमएसपी से अधिक बना हुआ है। महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार 12 मई को बुलढाणा मंडी में 158 क्विंटल चने की आवक हुई और यहां काबुली चने का अधिकतम भाव 9250 रुपए प्रति क्विंटल रहा। वहीं लातूर जिले की ओसा मंडी में काबुली चने का भाव (price of chickpea) 8450 रुपए प्रति क्विंटल रहा जो एमएसपी (MSP) से अधिक है। बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से इस साल के लिए चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
क्या चल रहा है देश की प्रमुख मंडियों में चने का भाव (Price of gram in major markets of the country)
ऑनलाइन कमोडिटी बाजार भाव के मुताबिक वर्तमान बाजार दरों के अनुसार देश की प्रमुख मंडियों में चने का औसत मूल्य 8448.75 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम बाजार कीमत 6,950 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे उच्च बाजार की कीमत 11,000 रुपए प्रति क्विंटल है।
महाराष्ट्र एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार राज्य की अधिकांश मंडियों में चने के भाव एमएसपी (MSP) से ऊपर देखे गए हैं। महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों के चने के भाव इस प्रकार से हैं
कामोडिटी ऑनलाइन मंडी भाव के अनुसार यूपी की मंडियों में वर्तमान बाजार दरों के अनुसार चना का औसत मूल्य 7128 रुपए प्रति क्विंटल है। सबसे कम बाजार कीमत 6950 रुपए प्रति क्विंटल है और सबसे उच्च बाजार की कीमत 7450 रुपए प्रति क्विंटल है। यूपी की प्रमुख मंडियों के बाजार भाव इस प्रकार हैं
राजस्थान की कोटा मंडी में देसी चने का भाव 5800 रुपए से 6330 रुपए प्रति क्विंटल है। चना मौसमी भाव- 5800 से 6200 रुपए प्रति क्विंटल और चना पेप्सी भाव- 5800 से 6500 रुपए प्रति क्विंटल रहा। राजस्थान की अन्य मंडियों में चने के भाव (price of gram) इस प्रकार से हैं
चना के भावों में तेजी का कारण उत्पादन में गिरावट के साथ ही मंडियों में चने की आवक कम होना माना जा रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार 2023-24 में चने का उत्पादन 121.61 लाख मीट्रिक टन का अनुमान है जो पिछले साल के चने के उत्पादन से थोड़ा कम है। हालांकि देश में चने का इतना कम उत्पादन नहीं हुआ है लेकिन इसके बाद भी चने के भाव ऊंचे हैं जिसका किसानों को लाभ मिल रहा है।
एक ओर भारत सरकार ने पिछले कुछ सालों से देसी चने पर 66 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया हुआ था जिसे अब 31 अक्टूबर 2024 तक के लिए हटा दिया गया है ताकि दूसरे देशों से सस्ता चना आ सके और महंगाई पर लगाम लग सके। लेकिन इसके बावजूद राज्य की अधिकांश मंडियों में चने के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से अधिक चल रहे हैं।
बाजार जानकारों की मानें तो इस बार किसान चने की फसल को एक साथ नहीं निकालकर थोड़ा-थोड़ा करके निकाल रहे हैं जिससे मंडियों में चने की आवक कम हो रही है जिससे चने के भावों में तेजी का रूख दिखाई दे रहा है, लेकिन जैसे-जैसे मंडियों में चने की आवक बढ़ने लगेगी, इसके भावों में भी गिरावट संभव है, लेकिन चने के भाव इतने नहीं गिरेंगे। उम्मीद है कि आगे चने के भाव एमएसपी से ऊपर बने रहेंगे जिसका किसानों को लाभ मिलेगा।
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