Published - 18 Jul 2020
मोदी सरकार गन्ना किसानों का 20,000 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान करेंगी। इसके लिए मंत्री समूह ने चीनी मिलों के गन्ना किसानों की बकाया रकम का जायजा लिया है। यह चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में करीब 20,000 करोड़ रुपए है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) की बैठक में किसानों की बकाया रकम का भुगतान जल्द सुनिश्चित करने पर चर्चा की गई। इसी के साथ बैठक में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को 2 रुपए प्रति किलो बढ़ाने की सिफारिश की है।
इससे चीनी मिलों को गन्ना किसानों को बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। जीओएम की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
समाचार व मीडिया में प्रकाशित खबर के हवाले से सूत्रों ने बताया कि मंत्री समूह ने खाद्य मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह नीति आयोग की अनुशंसा के अनुसार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ एक मंत्रिमंडल नोट लाए। उसने कहा कि यदि चीनी के एमएसपी में वृद्धि से किसानों के गन्ना राशि बकाए को कम करने में मदद नहीं मिलती है, तो सरकार अन्य विकल्पों पर विचार करेगी। गन्ने और चीनी उद्योग पर नीति आयोग द्वारा गठित एक कार्यबल ने चीनी के एमएसपी में एकमुश्त दो रुपए प्रति किलो की वृद्धि करने की सिफारिश की थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019-20 सत्र (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी मिलों ने किसानों से लगभग 72,000 करोड़ रुपए का गन्ना खरीदा। उसमें से लगभग 20,000 करोड़ रुपए किसानों को भुगतान किया जाना अभी बाकी है।
वर्तमान में चीनी का एक्स-मिल रेट पहले से 33 रुपए पर चल रहा है। सरकार के इस फैसले से चीनी मिलों के पास करीब 3000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त कैश आएगा। इससे मिलें किसानों को गन्ने के बकाए का भुगतान कर सकेगी।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन यानी इस्मा के डीजी अबिनाश वर्मा का कहना है कि चीनी का एमएसपी बढऩे से हाल-फिलहाल आम आदमी पर इसका बोझ नहीं पड़ता नहीं दिखाई देता है। वहीं यूपी शुगर मिल एसोशिएसन (यूपीएसएमए) के महासचिव दीपक गुप्ता ने कहा है कि सरकार के इस कदम का रिटेल बाजार पर कितना असर होगा अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। कीमतों पर असर कितना होगा यह तभी पता चल सकेगा जबकि सरकार यह साफ करती है कि बढ़ी हुई एमएसपी कब से लागू होगी।
अगर आप अपनी कृषि भूमि, अन्य संपत्ति, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, दुधारू मवेशी व पशुधन बेचने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु की पोस्ट ट्रैक्टर जंक्शन पर नि:शुल्क करें और ट्रैक्टर जंक्शन के खास ऑफर का जमकर फायदा उठाएं।
Social Share ✖