यूजर प्रोफाइल

नया उपयोगकर्ता

ट्रैक्टर जंक्शन से जुड़ें

देश का पहला ड्रोन स्कूल मध्य प्रदेश में, अब किसानों के बच्चे भी बनेंगे ड्रोन पायलट

प्रकाशित - 09 Sep 2022

कस्टम हायरिंग केंद्रों के सम्मेलन में साइन किए दो एमओयू, 30 हजार में होगी ट्रेनिंग

खेती में नए-नए कृषि यंत्रों का प्रयोग होता जा रहा है। इसमें अब ड्रोन का भी नाम शामिल हो गया है। ड्रोन की कृषि में उपयोगिता बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई गई है। इसके तहत ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे। इसी क्रम में मध्यप्रदेश के भोपाल में देश का पहला ड्रोन स्कूल खोला जाएगा। इसके लिए दो एमओयू साइन किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले मध्यप्रदेश के ग्वालियर में राज्य का पहला ड्रोन स्कूल खोला जा चुका है जिसका उद्घाटन मार्च 2022 को किया गया था। 

ड्रोन स्कूल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए साइन किए एमओयू

सरकार की ओर से मध्यप्रदेश में देश का पहला ड्रोन स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए बीते दिनों भोपाल में आयोजित किए कस्टम हायरिंग केंद्रों के सम्मेलन में मध्यप्रदेश में ड्रोन स्कूल और कृषि यंत्रीकरण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित हेतु 2 एमओयू साइन किए गए। अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में देश का पहला ड्रोन स्कूल खुलने जा रहा है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में खुलने जा रहे देश के पहले ड्रोन स्कूल की जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं। 

युवाओं को दिया जाएगा ड्रोन पायलेट का प्रशिक्षण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश का सबसे पहला ड्रोन स्कूल भोपाल में खोला जा रहा है। इसमें युवाओं को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ड्रोन स्कूल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के चयन के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रारंभ होने से किसानों का निश्चित ही कौशल उन्नयन होगा। उन्हें बेहतर जानकारियां और बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा, जिसका लाभ सभी को होगा। मंत्री पटेल बीते दिनों कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में कस्टम हायरिंग केन्द्रों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 

कृषि यंत्रीकरण में संस्थाओं को उपलब्ध कराएंगे मूलभूत सुविधाएं

अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने कहा कि प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण में संस्थानों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कस्टम हायरिंग केंद्रों के सम्मेलन में प्रदेश में ड्रोन स्कूल और कृषि यंत्रीकरण के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए 2 एमओयू साइन किए गए हैं। संचालक कृषि अभियांत्रिकी मध्यप्रदेश राजीव चौधरी ने बताया कि सम्मेलन में ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिए कृषि अभियांत्रिकी ने निदेशक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी के निदेशक कृष्णेन्दु गुप्ता के साथ एमओयू साइन किया गया है। चौधरी ने बताया कि एक और एमओयू एग्रीकल्चर स्किल कॉउंसिल ऑफ इंडिया, कौशल विकास मंत्रालय के सीईओ सत्येन्द्र आर्य के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए भी एमओयू साइन किया गया है। इस सेंटर में कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाएंगे।

ड्रोन प्रशिक्षण के लिए कितनी रहेगी ट्रेनिंग फीस

भोपाल में खोले जाने वाले ड्रोन स्कूल में युवाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसकी फीस मात्र 30 हजार रुपए होगी। जबकि आमतौर पर ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण की फीस औसतन 60 हजार है। यहां कम फीस में युवा ट्रेनिंग लेकर रोजगार प्राप्त कर सकेंगे। 

ड्रोन स्कूल की ये रहेगी खासियत

इस स्कूल की खासियत यह होगी कि खेतों के बड़े एरिया में बीज और कीटनाशनक डालने और कृषि सर्वे में भी इनका उपयोग किया जा सकता है। सर्वे और जमीन नापने आदि में भी ड्रोन का उपयोग होगा। किसी खास जगह पर निगरानी के लिए पुलिस भी इसका इस्तेमाल कर सकेगी। इन सभी विधाओं में छात्रों को पारंगत किया जाएगा। बता दें कि इस ड्रोन स्कूल के जरिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि युवाओं को रोजगार मिले और देश में ड्रोन तकनीक का भी विकास हो।

मध्यप्रदेश में इन पांच जिलों में ड्रोन स्कूल खोलने की है योजना

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से दिसंबर 2021 में मध्य प्रदेश में ग्वालियर के माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान में आयोजित राज्य के पहले ड्रोन मेले हुए कार्यक्रम में घोषणा की गई थी कि राज्य के पांच जिलों में ड्रोन स्कूल खोले जाएंगे। ये ड्रोन स्कूल ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सतना में खोले जाएंगे। इसमें से ग्वालियर में राज्य का पहला ड्रोन स्कूल खुल चुका है और भोपाल में देश का पहला स्कूल खुलने वाला है। इन ड्रोन स्कूलों में ड्रोन तकनीक और इसके इस्तेमाल की शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कृषि में ड्रोन का क्या है उपयोग

कृषि में ड्रोन की उपयोगिता अब धीरे-धीरे बढ़ती नजर आ रही है। ड्रोन का इस्तेमाल खेती के कामों में किया जाने लगा है। ड्रोन के महत्व को हम इस तरह समझ सकते हैं।

  • ड्रोन की मदद से 10 मिनट के अंदर एक एकड़ क्षेत्र में कीटनाशक का छिडक़ाव किया जा सकता है। जबकि इसी काम को पेटीनुमा स्प्रे उपकर की सहायता करने में किसान को करीब तीन घंटे का समय लगता है। 
  • ड्रोन से कीटनाशक का छिडक़ाव करने पर समय की बचत होती है और कीटनाशक के शरीर पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकता है। 
  • कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल खेत की मैपिंग और सर्वेक्षण में किया जा सकता है।
  • भारतीय कृषि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अब विशेष ड्रोन कृषि उपयोग के लिए विकसित किए जा रहे हैं। 
  • ड्रोन की मदद से किसान खेत की निगरानी कर सकते हैं। इससे किसान कहीं भी बैठ कर यह देख सकता है खेत की स्थिति का अवलोकन कर सकता है।  
  • ड्रोन की सहायता से किसान सिंचाई का काम बहुत ही असानी से कर सकते हैं। यदि बड़े क्षेत्र में सिंचाई हो रही है, तो ड्रोन की मदद से निगरानी में मदद मिल सकती है। इसमें मल्टीस्पेक्ट्रल सेंसर उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जो बहुत शुष्क हैं। इससे किसान को पूरे क्षेत्र में बेहतर सिंचाई में सहायता मिल सकती है। 
  • ड्रोन सर्वेक्षण से फसलों की जल ग्रहण क्षमता में सुधार लाया जा सकता है। साथ ही, सिंचाई के दौरान संभावित रिसाव के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकती है। 
  • ड्रोन की सहायता से सीधी बुवाई के तहत खेत में बीजों की छिडक़वा विधि से बुवाई भी की जा सकती है। इस तरह कृषि में ड्रोन की बहुत उपयोगिता हो सकती है। 


ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों कुबोटा ट्रैक्टर, आयशर ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

सर्टिफाइड पुराने ट्रैक्टर्स

स्वराज 855 एफई 4WD

48 एचपी | 2024 Model | देवास, मध्यप्रदेश

₹ 9,70,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

स्वराज 744 एक्स टी

45 एचपी | 2021 Model | नाशिक, महाराष्ट्र

₹ 3,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

स्वराज 717

15 एचपी | 2023 Model | अजमेर, राजस्थान

₹ 2,75,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सोनालीका एमएम 35 DI

35 एचपी | 2020 Model | हनुमानगढ़, राजस्थान

₹ 3,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सभी देखें