Published - 29 Dec 2021
किसानों की आय में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार नई तकनीकों के उपयोग पर विशेष जोर दे रही है। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि तकनीक के इस्तेमाल से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। भारत सरकार अब कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देना चाहती है। देश के कई भागों में ड्रोन की मदद से कीटनाशक व यूरिया का छिडक़ाव किया जा रहा है। जिससे बेहतर परिणाम सामने आए हैं। इसी बात को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल करने पर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 50 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। गडकरी ने यह बात नागपुर में एग्रोविजन प्रदर्शनी के समापन अवसर पर कही।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय नितिन गडकरी ने बताया कि ड्रोन कृषि और एमएसएमई क्षेत्र से संबंधित है और ड्रोन के इस्तेमाल से इन दोनों सेक्टरों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे के साथ कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग पर नीति तैयार करने पर काम करने के लिए चर्चा की है। ड्रोन से ग्रामीण इलाकों में संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। ड्रोन एक वर्ष में 50 लाख रोजगार के अवसर पैदा कर सकता है। यहां आपको बता दें कि गडकरी से पहले केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने 27 दिसंबर को प्रदर्शनी का दौरा किया था। जबकि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 24 दिसंबर को चार दिवसीय कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में ड्रोन का उपयोग शुरू कर दिया है और कीटनाशकों के मशीनीकृत छिडक़ाव में कटौती की है। आपको बता दें कि जब ड्रोन खेतों में कीटनाशक व तरल यूरिया का छिडक़ाव करेगा तो पूरी फसल पर समान मात्रा में छिडक़ाव होगा। साथ ही समय भी कम लगेगा और मानवीय श्रम की लागत में बचत होगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि किसानों को ड्रोन 6 लाख और डेढ़ लाख रुपए में उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले ड्रोन की कीमत करीब छह लाख रुपये होगी, जबकि एथेनॉल ईंधन से चलने पर इस मानव रहित हवाई वाहन की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये होगी। गडकरी ने आगे कहा कि ड्रोन से कीटनाशकों के छिडक़ाव के लिए उन्हें संचालित करने के लिए बड़ी संख्या में पायलटों की आवश्यकता होगी।
समारोह के दौरान गडकरी ने कहा कि देश का किसान अब अन्नदाता ही नहीं ऊर्जादाता भी होगा। देश में अब दोपहिया व चार पहिया वाहन शत-प्रतिशत इथेनॉल से चलेंगे जो किसान का तैयार किया हुआ है। इससे देश के किसानों की आमदनी में इजाफा होगा और प्रदूषण कम होगा। पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी।
आपको बता दें कि कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को जारी कर दिया है। पिछले दिनों एसओपी जारी करते समय केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि इस क्षेत्र के सभी हितधारकों के परामर्श के बाद ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। इसमें ड्रोन के प्रभावी एवं सुरक्षित संचालन के लिए संक्षिप्त निर्देश शामिल हैं। खेती में ड्रोन का उपयोग फसल के दबाव की निगरानी, पौधों की वृद्धि, पैदावार की भविष्यवाणी, खरपतवार नाशक, उर्वरक तथा पानी जैसी सामग्रियों का वितरण आदि में किया जा सकता है।
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