प्रकाशित - 26 Oct 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। इस दिनों कपास के भावों में उछाल देखा जा रहा है। इससे कपास के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी से 8 प्रतिशत ऊपर पहुंच गए हैं। यदि बात करें राजस्थान की तो यहां के गंगानगर जिले की श्री कर्णपुर मंडी में कपास का भाव 8488 रुपए प्रति क्विंटल देखा गया। हरियाणा के हिसार जिले की आदमपुर मंडी में कपास का भाव 8300 रुपए प्रति क्विंटल रहा। वहीं कर्नाटक की रायचुर मंडी में कपास का भाव 8630 रुपए प्रति क्विंटल देखा गया। इससे पहले कमोडिटी प्राइस इंडेक्स एगमार्क के मुताबिक पिछले दिनों राजस्थान की घड़साना मंडी में कपास का भाव मॉडल प्राइस 8100 रुपए प्रति क्विंटल था जो केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए एमएसपी से करीब 8 प्रतिशत अधिक है। केंद्र सरकार की ओर से कपास का एमएसपी 7521 रुपए निर्धारित किया हुआ है। बाजार जानकारों का कहना है कि इस बार कपास के घटते उत्पादन के देखते हुए कपास के भावों में तेजी आई है और यह तेजी आगे तक भी जारी रहने की संभावना है। इसका प्रभाव वैश्विक बाजार पर भी पड़ेगा। भारतीय कपास संघ के अनुसार पिछले सीजन में कपास का उत्पादन 325.29 लाख गांठ दर्ज किया गया था जिससे 7 फीसदी कम रहने का अनुमान है। ऐसे में कपास की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।
बाजार जानकारों के मुताबिक केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से 27 सितंबर को जारी बुवाई आंकड़ों में कपास के रकबे में भारी कमी दर्ज की गई है। खरीफ सीजन 2024 में देशभर में किसानों ने 112.76 लाख हैक्टेयर में कपास की खेती की है। यह आंकड़ा पिछले साल के बुवाई आंकड़े 123.71 हैक्टेयर से 13 लाख हैक्टेयर कम है। ऐसे में कम बुवाई के कारण उत्पादन में गिरावट की संभावना के कारण भावों में तेजी आई है। वहीं अगस्त-सितंबर में मानसूनी बारिश और बाढ़ से भी फसल को नुकसान हुआ है जिससे उत्पादन में गिरावट हो सकती है। कपास का उत्पादन इस बार 7 फीसदी घटने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और आगे भी इसकी कीमतों मे तेजी की संभावना जताई जा रही है।
ऊपर दिए गए कपास के मंडी भाव सबसे उच्चतम भाव हैं। कपास के भाव उसकी क्वालिटी पर निर्भर करते हैं। साधारण कपास का भाव कम मिलता है जबकि बेहतर क्वालिटी के कपास का भाव अधिक होता है। हालांकि बाजार भावों में रोजाना उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी कपास की फसल की खरीद-फरोख्त करने से पहले अपने निकट की मंडी में बाजार भावों की जानकारी अवश्य कर लें और इसके बाद ही अपनी फसल का विक्रय करें।
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